Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तराखंड

अख़बारों को मुख्यमंत्री के बड्डे का फुल पेज विज्ञापन देने वाले अनिल डब्बू की जांच होनी चाहिए!

गुणानंद जख़मोला-

आज सुबह का अखबार देखा। दिल खुश हो गया। अपने धाकड़ सीएम धामी का जन्मदिन है। उनको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। पूरे अखबार उनके समर्थकों और सरकारी विज्ञापनों से पटे हुए हैं। होना भी चाहिए, एक लोकप्रिय सीएम हैं और प्रदेश को तीन महीने बाद देश का सबसे अग्रणी राज्य बना रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब बात पोस्ट में लगे इस विज्ञापन की। यह आदमी मैंने आज पहली बार देखा। अचानक ही पैदा हुआ और सीधे डाक्टर बन गया और कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड का अध्यक्ष भी बन गया। आज से पहले मैंने इस आदमी के बारे में या इसके द्वारा किसानों के लिए किए गये किसी भी कार्य की कोई खबर नहीं पढ़ी और न ही सुनी।

प्रदेश के सबसे धनाढ़य नेताओं में शुमार कुंवर जपेंदर सिंह ने भी सीएम के जन्मदिन पर क्वार्टर पेज विज्ञापन दिया है और डब्बू ने फुल पेज। यह सार्वजनिक किया जाना चाहिए कि यह विज्ञापन सरकारी दरों पर लगा है क्या? डब्बू इतना सेठ है कि अखबारों को कामर्शियल रेट पर फुल पेज विज्ञापन देकर अपनी स्वामिभक्ति साबित की या फिर सरकारी रेट पर जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया है। यदि ऐसा हुआ है तो यह पैसा डब्बू से निजी तौर पर वसूला जाना चाहिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब बात किसानों की कर लेते हैं। डब्बू को बताना चाहिए कि नौगांव की मंडी का क्या हुआ? पहाड़ में 40 किलोमीटर की दूरी पर डिपो तक छोटे किसान अपने उत्पाद कैसे लाएं। डोर स्टेप पर किसानों के उत्पाद क्यों नहीं खरीदे जा रहे?

सेब का सीजन है, कितना सेब खरीदा गया? कहां कहां कृषि मंडी के गोदाम बनाए गये? किसानों से खरीद के तौर पर अन्य खर्चों के मद में 6 प्रतिशत और खरीदार से 7 प्रतिशत यानी एक किलो पर 13 प्रतिशत कमीशन क्यों लिया जाता है?

Advertisement. Scroll to continue reading.

सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह से सरकारी खर्च पर विज्ञापन जारी करने और किसानों से कमीशन लेने को अवैध घोषित किया है तो फिर ये विज्ञापन यदि सरकारी दर पर रिलीज हुआ तो यह सरासर अवैध और जनता के साथ धोखा है। ये डब्बू यदि किसानों की आय दोगुना करने में कुछ योगदान दे रहे हों तो सामने आएं और बताएं।

यदि यह विज्ञापन डब्बू ने अपने पैसे से दिया है तो इसकी जांच होनी चाहिए कि यह आदमी इतना सेठ कैसे बना? प्रदेश में जनता के पैसे की लूटमार बंद होनी चाहिए। इसका विरोध होना चाहिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यह भी पढ़ें…

जागरण, उजाला और हिन्दुस्तान का पहाड़ के इस पत्रकार ने बायकॉट कर दिया, पढ़ें क्यों?

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

भड़ास तक खबर सूचनाएं जानकारियां मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadas_Group_two

Advertisement

Latest 100 भड़ास

Advertisement

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement