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गाजीपुर के गोपाल जी राय विद्या वाचस्पति से विभूषित किए गए

वाराणसी । विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ (विश्वविद्यालय) भागलपुर बिहार ने उज्जैन में 13-14 दिसंबर को हुए दो दिवसीय 21वें सारस्वत सम्मान समारोह में गाजीपुर जनपद के शेरपुर निवासी गोपाल जी राय को उनके दो दशक की पत्रकारीय व साहित्यिक अवदान तथा विशिष्ट कार्य के लिए अपना प्रतिष्ठित मानद सम्मानोपाधि, ‘विद्यावाचस्पति’ (पीएच.डी.) से विभूषित किया है। वर्तमान समय मे श्री राय नई दिल्ली स्थित सूचना मंत्रालय के अंतर्गत डीएवीपी में वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।

<p>वाराणसी । विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ (विश्वविद्यालय) भागलपुर बिहार ने उज्जैन में 13-14 दिसंबर को हुए दो दिवसीय 21वें सारस्वत सम्मान समारोह में गाजीपुर जनपद के शेरपुर निवासी गोपाल जी राय को उनके दो दशक की पत्रकारीय व साहित्यिक अवदान तथा विशिष्ट कार्य के लिए अपना प्रतिष्ठित मानद सम्मानोपाधि, ‘विद्यावाचस्पति’ (पीएच.डी.) से विभूषित किया है। वर्तमान समय मे श्री राय नई दिल्ली स्थित सूचना मंत्रालय के अंतर्गत डीएवीपी में वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।</p>

वाराणसी । विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ (विश्वविद्यालय) भागलपुर बिहार ने उज्जैन में 13-14 दिसंबर को हुए दो दिवसीय 21वें सारस्वत सम्मान समारोह में गाजीपुर जनपद के शेरपुर निवासी गोपाल जी राय को उनके दो दशक की पत्रकारीय व साहित्यिक अवदान तथा विशिष्ट कार्य के लिए अपना प्रतिष्ठित मानद सम्मानोपाधि, ‘विद्यावाचस्पति’ (पीएच.डी.) से विभूषित किया है। वर्तमान समय मे श्री राय नई दिल्ली स्थित सूचना मंत्रालय के अंतर्गत डीएवीपी में वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।

श्री राय ने पत्रकारिता और विज्ञापन के क्षेत्र में पिछले दो दशक से अधिक समय में विभिन्न आयामों को लेकर काम किया है। श्री राय के राजनैतिक एवं साहित्यिक विषयों पर आधारित मौलिक आलेख देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होते रहें हैं। श्री राय के इन सभी अवदानों को देखते हुए विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ भागलपुर ने ‘विद्यावाचस्पति’ (पीएच.डी.) की मानद उपाधि प्रदान किया। इस उपाधि को विद्यापीठ के कुलाधिपति सुमन जी भाई, कुलपति तेज नारायण कुशवाहा, कुलसचिव देवेन्द्र नाथ साह के हाथों प्रदान किया गया। सरस्वत सम्मान समारोह के कार्यकर्म के उपरांत देश भर से आए कवियों का कवि सम्मेलन हुआ. रात्रि में श्री श्री मौनी बाबा के जन्मोत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।

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