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‘न्यूज स्टेट’ ने अपने स्ट्रिंगरों को छह महीने से नहीं दिया एक पैसा!

देश के टाप फाइव हिंदी न्यूज चैनलों में शामिल ‘न्यूज़ नेशन’ के यूपी-उत्तराखंड के रीजनल न्यूज चैनल ‘न्यूज़ स्टेट’ में काम कर रहे स्ट्रिंगरों का बुरा हाल है. वैसे तो न्यूज स्टेट खुद को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का नंबर एक चैनल होने का दावा करता है लेकिन उसका दावा यहीं झूठा साबित हो जाता है जब वह अपने यूपी उत्तराखंड के रिपोर्टरों का बकाया हड़प लेता है. चैनल के पास पैसों की कोई कमी नहीं है लेकिन वह अपने रिपोर्टरों स्ट्रिंगरों को एक धेला नहीं दे रहा.

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देश के टाप फाइव हिंदी न्यूज चैनलों में शामिल ‘न्यूज़ नेशन’ के यूपी-उत्तराखंड के रीजनल न्यूज चैनल ‘न्यूज़ स्टेट’ में काम कर रहे स्ट्रिंगरों का बुरा हाल है. वैसे तो न्यूज स्टेट खुद को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का नंबर एक चैनल होने का दावा करता है लेकिन उसका दावा यहीं झूठा साबित हो जाता है जब वह अपने यूपी उत्तराखंड के रिपोर्टरों का बकाया हड़प लेता है. चैनल के पास पैसों की कोई कमी नहीं है लेकिन वह अपने रिपोर्टरों स्ट्रिंगरों को एक धेला नहीं दे रहा.

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क्या वजह है कि न्यूज़ स्टेट के यूपी यूके के स्ट्रिंगरों को पिछले 6 महीने से पैसा नहीं मिला? चैनल को खबरों से ही मतलब है. पैसा देने से कोई मतलब नहीं. आखिर कंपनी के लोगों को हम स्ट्रिंगरों का घर आँगन परिवार क्यों नहीं दिखता? आखिर कौन है इसका जिम्मेदार?

एक स्ट्रिंगर द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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0 Comments

  1. amit

    August 4, 2016 at 5:05 pm

    Kashish News Me To Stringaro Ko 1 1/2 Saal Se Upar Ho Gaya Paisa Mile. Prabandhan Ko Kewal Apne Ghar Ki Padi Rahti Hai, Stringaron Ke Ghar K Chulhe se Unhe Koi Matlab Nahi.

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