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दैनिक मध्य प्रदेश जनसंदेश में तीन महीने से सेलरी नहीं बंटी

भोपाल के दैनिक मध्य प्रदेश जनसंदेश से खबर है कि अखबार के कर्मचारियों को पिछले मार्च महीने से मई महीने तक यानि तीन महीने की सैलरी नहीं मिली। इसके चलते अखबार में काम करने वाले पत्रकारों एवं अन्य कर्मचारियों को रोटी के लाले पड़े हुए हैं। अखबार के मालिकानों को इस बात की चिंता नहीं है कि जो कर्मचारी उनके लिए दिन रात एक करके अखबार निकाल रहे हैं उन्हें समय पर सैलरी दी जा सके। भोपाल एडीशन के कई कर्मियों ने श्रम मंत्रालय में सेलरी न दिए जाने की शिकायत करने का मन बना लिया है।

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भोपाल के दैनिक मध्य प्रदेश जनसंदेश से खबर है कि अखबार के कर्मचारियों को पिछले मार्च महीने से मई महीने तक यानि तीन महीने की सैलरी नहीं मिली। इसके चलते अखबार में काम करने वाले पत्रकारों एवं अन्य कर्मचारियों को रोटी के लाले पड़े हुए हैं। अखबार के मालिकानों को इस बात की चिंता नहीं है कि जो कर्मचारी उनके लिए दिन रात एक करके अखबार निकाल रहे हैं उन्हें समय पर सैलरी दी जा सके। भोपाल एडीशन के कई कर्मियों ने श्रम मंत्रालय में सेलरी न दिए जाने की शिकायत करने का मन बना लिया है।

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ग्रुप एडिटर डा. आनंद शुक्ल से कई कर्मियों ने सेलरी न मिलने की शिकायत की है मगर वे भी कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। यहां तक कि वो अखबार के एक मालिक राम मनोहर सिंह के सामने भी समूह संपादक सेलरी संकट को प्रभावशाली ढंग से रख नहीं पा रहे। भोपाल एडिशन के पत्रकार इसलिए भी खफा बताए जाते हैं कि सतना एडिशन के कर्मियों ने एक दिन हड़ताल कर दी तो उन्हें मालिक ने एडवांस के रूप में रूपए दे दिए मगर भोपाल जैसे मुख्य कार्यालय को इगनोर कर रखा है।

दैनिक मध्य प्रदेश जनसंदेश इस समय मध्य प्रदेश से छ: एडिशन निकाल रहा है जिसमें भोपाल, रीवा, सतना, जबलपुर, सागर एवं छतरपुर शामिल हैं। इनमें से सागर और छतरपुर एडिशन निकलने बंद हो गए हैं। इस अखबार को निकालने में मुख्य भूमिका राजेश कैला, राममनोहर सिंह और सतना सांसद गणेश सिंह की है। जीएम अजय सिंह बिसेन एवं सतना संपादक दुर्योधन की भूमिका को लेकर भी कर्मियों में रोष है।

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