भोपाल से विनोद मिश्रा की रिपोर्ट
भोपाल : न्यायाधीश सतीश चंद्र मालवीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी भोपाल ने थाना प्रभारी आर्थिक अपराध भोपाल को 05 मार्च 2018 को विनय डेविड के द्वारा प्रस्तुत परिवाद में वर्णित तथ्यों की सम्यक रूप से अनुसंधान करके पूर्ण जाँच को 23 मार्च 2018 को न्यायालय में पेश करने के आदेश दिये। जनसम्पर्क विभाग में 300 करोड़ रुपयों का खुलेआम विज्ञापन घोटाला किया गया है।
जनसम्पर्क विभाग द्वारा एक ही परिवार के कई सदस्यों को करोड़ो रुपये देकर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने पर शिवराज सिंह मुख्यमंत्री के सेकेट्री एवं प्रमुख सचिव एस. के. मिश्रा, तात्कालिक जनसंपर्क आयुक्त अनुपम राजन, जनसंपर्क संचालक अनिल माथुर, अपर संचालक मंगला प्रसाद मिश्रा और पूर्व संचालक जनसम्पर्क लाजपत आहूजा के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 120बी की एफआईआर दर्ज करने का परिवाद सीजेएम कोर्ट में एडवोकेट यावर खान ने विनय जी डेविड की ओर से पेश किया था. कोर्ट ने बयान के बाद लगातार पेशी चल रही थी. इसी मामले मे न्यायालय ने अनुसंधान करके पूर्ण जाँच को 23 मार्च 2018 को न्यायालय में पेश करने के आदेश दिये।
ज्ञात हो मध्यप्रदेश का जनसम्पर्क विभाग पत्रकारिता के नाम पर भाई-भतीजावाद, कमीशन आधारित विज्ञापनवाद, चहेतों को आर्थिक लाभ पहुंचाने तथा एक ही परिवार के कई सदस्यों को मीडिया अथवा पत्रकारिता के नाम पर विज्ञापन देने का कार्य कर रहा था।
पहले भी लोकायुक्त और आर्थिक अपराध इकाई ने कई प्रकरणों में जांच भी की परंतु इस मामले में कभी भी दोषियों को सजा नहीं हुई. इस मामले में आवाज उठाने पर बेखौफ निर्भीक एवं सजग स्वच्छ पत्रकारिता करने वालों को दबाने का प्रयास किया गया. कई पत्रकार संगठनों ने समय-समय पर आंदोलन भी किए. परंतु ऐसे संगठनों में फूट डालकर आंदोलनों को उनके रास्ते से दूर करने की कोशिश भी की जाती रही है.
भोपाल के पत्रकार विनय डेविड ने इस मामले में तथ्यों के साथ पूरे तीन सौ करोड़ रुपए के घोटाले के विरुद्ध सीजेएम भोपाल न्यायालय में एक इस्तगासा दायर किया था. एडवोकेट यावर खान तथा विनय डेविड के मुताबिक दायर इस्तगासे में प्रमुख सचिव एस. के. मिश्रा, तात्कालिक आयुक्त जनसम्पर्क अनुपम राजन के जनसंपर्क संचालक अनिल माथुर, अपर संचालक मंगला प्रसाद मिश्रा और पूर्व संचालक जनसम्पर्क लाजपत आहूजा के विरुद्ध 420, 467, 468, 120 बी की एफआईआर दर्ज करने के लिए निवेदन किया गया था.
सीजेएम भोपाल इस इस्तगासे में 02 मार्च 2016 को सभी के कथन लिए गये थे. अब इस मामले मे न्यायालय ने अनुसंधान करके पूर्ण जाँच को 23 मार्च 2018 को न्यायालय में पेश करने के आदेश दिये। न्यायलय के इस आदेश से पत्रकार जगत में खुशी की लहर है. 300 करोड़ के इस घोटाले में लिप्त सभी आरोपियो के खिलाफ जल्द कार्यवाही हो, ऐसी कामना सभी ने की है.