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इंडिया न्यूज और न्यूज नेशन ने जी न्यूज को पानी पिला रखा है

: 13वें हफ्ते की टीआरपी : कई हफ्तों से तीसरे नंबर से भी खिसके हुए एबीपी न्यूज चैनल ने अब फिर से अपनी तीन नंबर की कुर्सी हासिल कर ली है. इंडिया न्यूज का पतन शुरू हो गया है और वह अब तीन से चार नंबर पर चला आया है. उधर, जी न्यूज के बुरे दिन जारी हैं. कभी यह दो नंबर का चैनल था. फिर तीन नंबर पर पहुंचा. फिर चौथे पोजीशन पर संतोष करना पड़ा. अब तो यह छठवें नंबर का चैनल हो गया है.

<p><img class=" size-full wp-image-17687" src="http://www.bhadas4media.com/wp-content/uploads/2015/07/images_0abc_trplogo11.jpg" alt="" width="829" height="159" /></p> <p>:<strong> 13वें हफ्ते की टीआरपी</strong> : कई हफ्तों से तीसरे नंबर से भी खिसके हुए एबीपी न्यूज चैनल ने अब फिर से अपनी तीन नंबर की कुर्सी हासिल कर ली है. इंडिया न्यूज का पतन शुरू हो गया है और वह अब तीन से चार नंबर पर चला आया है. उधर, जी न्यूज के बुरे दिन जारी हैं. कभी यह दो नंबर का चैनल था. फिर तीन नंबर पर पहुंचा. फिर चौथे पोजीशन पर संतोष करना पड़ा. अब तो यह छठवें नंबर का चैनल हो गया है.</p>

: 13वें हफ्ते की टीआरपी : कई हफ्तों से तीसरे नंबर से भी खिसके हुए एबीपी न्यूज चैनल ने अब फिर से अपनी तीन नंबर की कुर्सी हासिल कर ली है. इंडिया न्यूज का पतन शुरू हो गया है और वह अब तीन से चार नंबर पर चला आया है. उधर, जी न्यूज के बुरे दिन जारी हैं. कभी यह दो नंबर का चैनल था. फिर तीन नंबर पर पहुंचा. फिर चौथे पोजीशन पर संतोष करना पड़ा. अब तो यह छठवें नंबर का चैनल हो गया है.

इंडिया न्यूज और न्यूज नेशन जैसे दो नए चैनलों ने जी न्यूज को पानी पिला रखा है. आखिर लंबे चौड़े दावे, महान महान खबरों और भक्तों की भरी पूरी टीम के बावजूद जी न्यूज को टीआरपी में इतना नुकसान क्यों उठाना पड़ रहा है, यह समझ से परे है. कहने वाले कहते हैं कि जी न्यूज जिस तरह सत्ता पक्ष का भोंपू बन गया है उससे उसकी विश्वसनीयता गिरी है और दर्शक उसे नकारने लगे हैं. फिलहाल देखना यह है कि आखिर कब यह चैनल अपना पुराना स्थान हासिल कर पाता है.

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एनडीटीवी वालों ने कभी टीआरपी के लिए काम नहीं किया इसलिए टीआरपी लिस्ट में यह चैनल हमेशा नीचे रखा गया. पर मोदी राज में तो एनडीटीवी की बैंड ही बजा दी गई है. जिस एनडीटीवी की खबरों बहसों विश्लेषणों की हर कोई चर्चा करता है, उस चैनल को टीआरपी रैंकिंग में 11वें नंबर का न्यूज चैनल बना दिया गया है. बावजूद इसके एनडीटीवी के मालिक प्रणय राय की दाद देनी चाहिए जो बाजार और टीआरपी से प्रभावित हुए बिना अपने न्यूज चैनल को अपने सिद्धांतों, अपने तौर तरीके से संचालित करते हैं और कोशिश करते हैं कि उनके चैनल जनता के मुद्दों को जनता के नजरिए से उठा सकें और सत्ता व सिस्टम पर सवालिया निशान लगाने की हिम्मत रख सकें.

13वें हफ्ते की टीआरपी देखने जानने के लिए नीचे क्लिक करें :

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