पढ़िए जन जागरण मंच की प्रेस विज्ञप्ति-
नाबालिग के वीडियो को अश्लील बनाकर प्रसारित करने के मामले में गत 31 मई को गुरुग्राम के पॉक्सो की अदालत में सुनवाई हुई, जिसमे 8 में से 7 आरोपी चित्रा त्रिपाठी, अजीत अंजुम, रिपब्लिक भारत के एंकर सैयद सोहेल, ललित सिंह, अभिनव राज, सुनील दत, राशिद सभी पेश हुए।
न्यायालय की कार्यवाही में आरोप तय पर बहस जारी है। चित्रा त्रिपाठी, राशिद, अभिनव राज, अजीत अंजुम के वकीलों ने गत 18 अप्रैल को ही दलील पूरी कर ली है। बचे चार आरोपियों (दीपक चौरसिया, सैयद सोहेल, सुनील दत, ललित बडगुर्जर) के विरुद्ध आरोप तय पर बहस होनी थी।
जानकारी के मुताबिक पिछली तीन तारीख से केस स्टडी नही करने का कारण बताकर बहस हेतु समय की मांग की जा चुकी है। उसके बाद एक बार इन सभी आरोपियों के वकील ने समय की मांग की, जिसपर न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त की। आरोपी दीपक चौरसिया हाइकोर्ट के आदेश का हवाला देकर पेश नही हुए। उनके अधिवक्ता ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग करने वाला एक आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया कि चौरसिया चंडीगढ़ में माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष शीघ्र सुनवाई का आवेदन दायर किया,और दिनांक 29.05.2023 के आदेश द्वारा न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए आवेदक-आरोपी को छूट दी गई है।
आरोपी दीपक चौरसिया के अनुपस्थिति होने की वजह से आरोप तय पर बहस नहीं हो सकी। आरोपी सुनील दत्त और ललित बडगुर्जर की ओर से आरोप पर बहस आंशिक रूप से की गई। जोधपुर राजस्थान के ललित बडगुर्जर 2013 में इंडिया न्यूज में रिपोर्टर और सुनील दत न्यूज 24 में कार्यरत थे। इनके वकील ने अपने दलील में कहा कि इनका रोल ज्यादा कुछ भी नहीं रहा है। मुख्य जिम्मेदारी चैनल के संपादक की होती है, इसलिए मेरे मुक्कबिल जिम्मेदार नहीं बल्कि संपादक जिम्मेदार हैं। जिसपर पीड़िता के वकील धर्मेंद्र मिश्रा ने विरोध करते हुए दलील रखा। समय अभाव को देखते हुए बहस को जारी रखा गया।
सैयद सोहेल की तरफ से अधिवक्ता श्री प्रशांत यादव ने पक्ष रखते हुए न्यायालय से आरोपों पर बहस के लिए फाइल के तथ्यों का अध्ययन नहीं किए जाने का हवाला देकर समय की मांग की। जिसपर न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि कहने की आवश्यकता नहीं है कि सुनवाई की अंतिम तिथि पर आरोपी मो. सोहेल ने बताया कि उन्होंने दलीलें तैयार नहीं की हैं। आज फिर सोहेल आरोपों पर तर्क आगे नहीं बढ़ रहे हैं। वर्तमान मामला 11.01.2023 से आरोप पर बहस के लिए लंबित है लेकिन आरोप पर बहस पूरी नहीं हुई है क्योंकि बचाव पक्ष के वकीलों ने बार-बार स्थगन लिया। दिनांक 04.02.2023, 03.03.2023, 20.03.2023, 18.04.2023, एवम 19.05.2023 एवं आज बहस के लिए प्रकरण स्थगित रहा। बहस आगे नहीं बढ़ी, इसलिए आरोपी सोहेल इस तथ्य के बावजूद मामले को लटका रहे हैं। वर्तमान मामला पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज है और वर्ष 2020 से लंबित है।
न्यायालय ने नाराजगी व्यक्त करते हुए आरोपी सैयद सोहेल को दस हजार का दंड का भुगतान करने का आदेश दिया। साथ ही यह भी कहा कि वर्तमान मामला पहले से ही पुराना हो चुका है और कार्य योजना 2023-2024 के तहत है, इसलिए अभियुक्तों को आरोप पर शेष बहस के लिए कोई और अवसर नहीं दिया जाएगा। न्यायालय ने आगे आरोप तय पर बहस के लिए 14 जुलाई की तारीख निर्धारित की है।
गौरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार काल्पनिक नाम के घर आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाए गए वीडियो को प्रसारित किया था, जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़ मरोड़ कर अश्लील व अवैध तरीके से प्रसारित किया गया था। जिससे परिवार व मासूम बालिका को मानसिक व सामाजिक रुप से कष्ट झेलना पड़ा था। आहत होकर परिजनों ने पालम विहार पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले की पैरवी सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरिशंकर कुमार व उनकी टीम करती आ रही है।
भवदीय
हरिशंकर कुमार