Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

बनारस में हो रही राष्ट्रीय पत्रकारिता का एक मजमून…

Ajay Prakash : बनारस में हो रही राष्ट्रीय पत्रकारिता का एक मजमून…

इन दिनों कई संपादक संवाददाता बन गए हैं। वह बनारस में जमे हुए हैं। उन्हीं में से किसी एक को मेरे एक जानकार से मेरा नंबर मिला।

उनका फोन आया, अब बात सुनिये…

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>Ajay Prakash : बनारस में हो रही राष्ट्रीय पत्रकारिता का एक मजमून...</p> <p>इन दिनों कई संपादक संवाददाता बन गए हैं। वह बनारस में जमे हुए हैं। उन्हीं में से किसी एक को मेरे एक जानकार से मेरा नंबर मिला।</p> <p>उनका फोन आया, अब बात सुनिये...</p>

Ajay Prakash : बनारस में हो रही राष्ट्रीय पत्रकारिता का एक मजमून…

Advertisement. Scroll to continue reading.

इन दिनों कई संपादक संवाददाता बन गए हैं। वह बनारस में जमे हुए हैं। उन्हीं में से किसी एक को मेरे एक जानकार से मेरा नंबर मिला।

उनका फोन आया, अब बात सुनिये…

Advertisement. Scroll to continue reading.

अजय भाई, कोई मुद्दा बताइये जो बनारस का असल सवाल बने…

मैं, ‘दर्जन भर गंदे नालों को दिखाइए जो सीधे गंगा में गिरते हैं और बताइये नमामि गंगे कैसे बनारस में दम तोड़ रहा है।’

Advertisement. Scroll to continue reading.

संपादक, ‘ये बहुत ही रिपिटेड मुद्दा है।’

मैं, ‘सडकों और आवाजाही की सुविधा को दिखाकर बताइये कि करोड़ों के फंड, प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र होने और यूनेस्को से मिले विश्व धरोहर के दर्जे के बावजूद तीसरे दर्जे का शहर बना हुआ है।’

Advertisement. Scroll to continue reading.

संपादक, ‘चुनाव में कौन पढता है इन मुद्दों को। कोई चुनावी मुद्दा बताइये।’

मैं, ‘मोदी महिला के पक्षधर बनते हैं। बनारस में विधवा, परित्यक्त औरतें और भीख मांगने वाली महिलाओं की आबादी लाखों में है, इसपर कर दीजिए। और बताइये कि जहाँ सभी पार्टियों के धुरंधर हैं वहां आधे वोट की भागीदार औरत कहाँ है चुनाव में, प्रचार में।’

Advertisement. Scroll to continue reading.

संपादक, ‘ यह तो मोदी को बेवजह टारगेट करना हो जायेगा। यह कोई आज की समस्या तो है नहीं।’

मैं’ ‘तो ठीक है आप बीएचयू पर करिये। बताइये कि अस्पताल से लेकर विश्विद्यालय तक कैसे दिन प्रतिदिन संसाधनों की कमी से घिरते जा रहे हैं। एक जगह शिक्षक नहीं तो दूसरे जगह सुविधा नहीं। महंगा इलाज और महँगी शिक्षा तो हैं ही। जबकि बिहार यूपी मिलाके 18 जिलों की उम्मीद है यहाँ के अस्पताल और विश्विद्यालय से।’

Advertisement. Scroll to continue reading.

संपादक, ‘बहुत एकेडेमिक टाइप सवाल हैं। अच्छा…फिर बात करता हूँ आपसे। मोदी जी का जरा रोड शो कवर कर लूँ। थैंक्यू डियर।’

कई अखबारों में वरिष्ठ पद पर काम कर चुके पत्रकार अजय प्रकाश की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement