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महिला सम्मान का झंडा उठाने वाले भास्कर ने एक महिला को सरेआम कॉल गर्ल घोषित कर दिया

जयपुर। गाहे बगाहे महिला सम्मान, जेंडर सेंसिटिविटी जैसी बातें करने वाले दैनिक भास्कर ओर उसके कार्मिको का महिलाओं के प्रति क्या और कैसे विचार हैं, ये अक्सर उन्हीं की खबरों में दिख जाता है।

दैनिक भास्कर में बुधवार (19 जुलाई) को एक खबर प्रकाशित हुई, जिसमें उन्होंने हेडिंग में मृतका को स्पष्ठ रूप से “कॉल गर्ल” घोषित कर दिया, जबकि राजस्थान पत्रिका में छपी खबर में ऐसा कोई विश्लेषण नहीं था, ना घटना के हवाले से, ना अधिकारियों के हवाले से, ना घटना से ऐसा साबित होता है।

फिर आखिर भास्कर ने विश्लेषण कर एक मृतक महिला की बेइज्जती किस आधार पर की.. सम्भवतया, पहला, वो महिला बीते 15 साल से अपने घर से दूर, किसी व्यक्ति के साथ लिव इन मे रह रही थी। ये तथ्य भी भास्कर ने ही छापा है, पत्रिका में नही है, और अगर वो लिव इन में थी भी, तो ये भारत में पूरी तरह वैध है, इस आधार पर कॉल गर्ल कैसे कहा जा सकता है।

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दूसरा, मृतक महिला को एक युवक अपने साथ लाया था। दैनिक भास्कर ने इसी तथ्य के आधार पर कल्पना कर ली कि महिला काल गर्ल थी। एक महिला होने के नाते मेरी ये आपत्ति भास्कर के मालिकान तक दर्ज करवाई जाए। उन्हें कोई हक नहीं है किसी महिला की गरिमा ऐसे खंडित करने का.. इस खबर के लिए माफी मांगे भास्कर..

जयपुर से प्रियंका.

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