Connect with us

Hi, what are you looking for?

मध्य प्रदेश

चुनावी रिपोर्टिंग पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान में बृजेश राजपूत ने क्या कहा, आप भी जानिए

भोपाल । चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होता है और इस उत्सव में राजनेता अपनी सीट को बचाने के लिए जहाँ एक ओर कुछ भी करने को तैयार रहते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज का भी असली रूप सामने होता है। ऐसी स्थिति में चुनावी रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकार का रोल एक आब्जर्वर का होता है और उसे कठिन परिस्थितियों के बीच जनता की आवाज को जनता तक पहुँचाना होता है। चुनाव को हम सामाजिक बदलाव का रूप भी कह सकते हैं। उक्त वक्तव्य ए.बी.पी. न्यूज के विशेष संवाददाता एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री बृजेश राजपूत ने आज यहाँ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में चुनावी रिपोर्टिंग पर आयोजित विशेष व्याख्यान में व्यक्त किए।

श्री राजपूत का कहना था कि चुनाव में पैसा, श्रम, रणनीति एवं समय बहुत व्यय किया जाता है और चुनाव के दौरान ही हम संसदीय राजनीति की परम्परा का पालन करते हैं। उन्होंने बताया कि 1947 में आजादी के बाद भारत में पहला चुनाव 1952 में हुआ और संविधान लागू होते ही हमें मताधिकार का अधिकार मिल गया। जबकि दुनिया के अन्य देशों में नागरिकों को मत का अधिकार पाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा और उसके बाद वह अपने मत का उपयोग कर सके। श्री राजपूत ने चुनाव, राजनीति और रिपोर्टिंग विषय पर लिखी अपनी पुस्तक का उल्लेख करते हुए बताया कि चुनाव में गाँव-गाँव रिपोर्टिंग के दौरान सच जानने के लिए पत्रकारों को कड़ी मेहनत करना होती है क्योंकि वर्तमान दौर में मतदाता जागरूक हो चुका है। वह वोट किसको दे रहा है यह आसानी से नहीं बताता है। ऐसे में सही आकलन करना एक कड़ी चुनौती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जहाँ एक ओर श्री नरेन्द्र मोदी ने 437 सर्वाधिक सभाएँ कीं, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में श्री शिवराज सिंह चौहान ने 141 सभाएँ करके जनता तक पहुँचने की कोशिश की। इन सभाओं के कवरेज में पत्रकार एवं टी.वी. चैनल के संवाददाताओं को भी सक्रिय रहना पड़ा। क्योंकि मतदाता चुनाव के दौरान पत्रकारों से बहुत अपेक्षाएँ रखते हैं और वह मीडिया से ही सब कुछ जानकारी हासिल करने को आतुर होते हैं।

श्री राजपूत ने मीडिया और राजनेताओं के रिश्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि मीडिया हमेशा विपक्ष के साथ रहता है। यदि वह सत्तापक्ष की खबरें दिखाना शुरू कर देगा तो उसके चैनल को ज्यादा दर्शक पसंद नहीं करेंगे। इसलिए बाजार में बने रहने के लिए टी.वी. चैनल को जनता जो चाह रही है वह दिखाने को मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अखबार और टी.वी. चैनल अपनी विश्वसनीयता से ही चलते हैं और उन्हें अपनी सीमाएँ जानते हुए जनता की आवाज बनना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता भविष्य की दृष्टि भी दिखाती है और लोकतंत्र को जीवन्त भी बनाती है। समारोह में जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष श्री संजय द्विवेदी सहित शिक्षक, अधिकारी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। समारोह का संचालन डॉ. सौरभ मालवीय ने किया। राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रेस रिलीज

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement