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सुख-दुख

वोटिंग से ठीक पहले एक छोटे व्यापारी ने मोदी को श्राप देते हुए FB पर Live ही जहर खा लिया!

गिरीश मालवीय-

सब बुर्के -हिजाब में भिड़े है… छोटा व्यापारी मोदी को दुहाई देते हुए आत्महत्या को मजबूर हो गया है यह किसी को नजर नही आ रहा ! हद ही है ! पूरा समाज इस समय फिजूल की बहस में लगा हुआ है। एक प्रोपेगेंडा वीडियो चला दिया है और सब उसमे उलझे हुए हैं, यह जानते हुए कि यूपी में पहले चरण के चुनाव है और इस तरह के वीडियो से उसी का पक्ष मजबूत होगा जो ध्रुवीकरण का एजेंडा चलाते हैं। कल एक और बडी घटना हुई है लेकिन हमारा प्रबुद्ध समाज इस पर खामोश है…..

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कल शाम को यूपी के बागपत के बड़ौत नगर के एक जूता व्यापारी राजीव तोमर ने फेसबुक पर लाइव आकर अपनी पत्नी के साथ जहर खा लिया. फेसबुक लाइव में व्यापारी जहर खाने से ठीक पहले साफ साफ मोदी का नाम लेते नजर आ रहा है. बोल रहा है कि उन्हें तो कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है कि छोटा व्यापारी मरे या जिए। वह लाइव ही कहते हैं कि सरकार तो किसी की सुनती नहीं। वो वीडियो में फुटवियर पर बढ़ाई गई जीएसटी से परेशान नजर आते हैं। कहते हैं ये कारोबारियों के हित में नहीं हैं। मेरा शरीर मर जाएगा लेकिन आत्मा यहीं रहेगी। मेरा और मेरे बच्चों का क्या होगा। यह भगवान जाने। कारोबारी लोगों से वीडियो का वायरल करने की अपील करते हुए जमीन पर गिर पड़ते हैं।

लाइव वीडियो में कारोबारी को बचाने का प्रयास करती हुई उनकी पत्नी नजर आती हैं। हालांकि, पत्नी की कोशिश बेकार जाती है, तो वह खुद भी जहर खा लेती है। अस्पताल ले जाने पर पत्नी ने दम तोड़ दिया है, जबकि व्यापारी पति की हालत गंभीर बनी हुई है।

यह सब एक Facebook Live के दौरान हुआ है…. वीडियो भी है लेकिन वो वायरल नहीं होगा क्योंकि इससे तो असलियत बाहर आ जाएगी कि आम आदमी मोदी सरकार से कितना परेशान हो चुका है

आपको याद ही होगा कि एक जनवरी २०२२ से एक हजार से कम कीमत के रेडिमेड कपड़ो और फुटवियर पर जीएसटी बढ़ाने का निर्णय लिया गया था लेकिन गुजरात लॉबी के बढ़ते दबाव के कारण कपड़ो पर जीएसटी बढ़ाने का निर्णय तो वापस ले लिया गया किन्तु फुटवियर पर जीएसटी दर पांच प्रतिशत से बढ़ा कर बारह कर दी गईं।

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जीएसटी की दर बढऩे के बाद से पहले से ही मंदा चल रहा कारोबार ठप हो गया। इससे राजीव तोमर जैसे छोटे व्यापारी कर्ज के जाल में फंसते चले गए। अनेक व्यापारीयो के पास पूंजी ही नहीं बची और वे सड़क पर आ गए, तबाह हो गए।

लेकिन इस पर कोई बात नही होगी सारी बहस बुर्के और हिजाब पर केंद्रित रखी जाएगी। इसी को प्रोपेगेंडा कहते है जिसमे सत्तासीन राष्ट्रवादी दल बड़ा माहिर है।

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