राजस्थान | राज्य में 13 नवंबर को 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव चल रहा था. इसी दौरान, टोंक में समरावता गांव के पोलिंग बूथ पर एसडीएम और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के बीच बहस हो गई. मीणा ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ रसीद दिया. इसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया.
दूसरी तरफ नरेश मीणा समर्थकों ने रात को बवाल काट दिया. पुलिस पर पथराव हुआ, आगजनी की गई. दर्जनों गाड़ियां फूंक दी गईं. इसी बीच नरेश मीणा फरार हो गया. समरावता गांव में हिंसा भड़कने के पीछे की पूरी पटकथा एक साल पुरानी बताई जा रही है.
विवाद के पीछे वजह क्या है?
टीवी9 हिंदी की वेबसाइट में पब्लिश खबर के अनुसार, समरावता गांव 800 वोटर्स वाला एरिया है. करीब एक साल पहले यह गांव उनियारा उपखंड का हिस्सा था. इस गांव की पंचायत कचरावता होती थी. पिछले साल जब नगरफोर्ट तहसील बना तो उनियारा उपखंड की कुछ पंचायतों को इसमें मिला दिया गया था. समरावता गांव भी इसमें शामिल है, लेकिन गांववालों को ये सही नहीं लगा और वह लगातार विधायकों, अफसरों को समरावता को उनियारा उपखंड में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई कुछ नहीं हुई.
गांववालों का कहना है कि नगरफोर्ट का उपखंड ऑफिस देवली लगता है. ऐसे में समरावता गांव के लोगों को एसडीएम ऑफिस जाने के लिए 50 किमी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. वहीं उनियारा से समरावता की दूरी सिर्फ 15-16 किमी है. दूसरा ये कि देवली जाने के लिए कोई मुनासिब साधन नहीं है जबकि उनियारा के लिए नेशनल हाईवे से आवागमन आसान है.
राजस्थान में हुए उपचुनाव को लेकर आचार संहिता लगने से पहले उनियारा की जिन पंचायतों को नगरफोर्ट में शामिल किया गया था, उनमें से कुछ गांवों को वापस उनियारा से जोड़ दिया गया लेकिन समरावता को नहीं जोड़ा गया. ऐसे में गांव वालों ने इस मामले को लेकर 30 अक्टूबर को भी एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था. कलेक्टर ने आचार संहिता में मिले प्रस्ताव को चुनाव बाद आगे भेजने की बात कही थी.
चुनाव का बहिष्कार
समरावता गांव के लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया और मतदान केंद्र से 100 किमी दूर धरने पर बैठ गए. गांव वालों के साथ नरेश मीणा भी प्रदर्सन में शामिल हुए. इसी बीच कुछ लोगों से बीएलओ ने वोट डलवा दिए. इसका विरोध करते हुए नरेश मीणा पोलिंग बूथ पर पहुंचे तो एसडीएम से बहस हो गई. दोनों तरफ से बात हाथापाई तक पहुंची और नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया.
हालांकि समरावता गांव के लोगों ने दोपहर बाद वोटिंग शुरू कर दी थी. थप्पड़ कांड के बाद पुलिस जब मीणा को अरेस्ट करने पहुंची तो गांव वाले अड़ गए. उन्होंने पुलिस पर पथराव किया. इसके बाद विवाद बढ़ गया. पुलिस का कहना है कि पोलिंग पार्टी को रोका गया, इसलिए विवाद बढ़ा. वहीं, नरेश मीणा का कहना था कि खाना खा रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया गया.
आवेश तिवारी-
राजस्थान का समरावता धू धू करके जल रहा है। वोटिंग के बहिष्कार के बीच एक नेता द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने का नतीजा यह निकला कि पूरे गांव में कथित तौर पर पुलिस द्वारा आग लगा दी गई है। गोलियां चली हैं। कई की मौत की खबर आ रही है। राजस्थान में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। भजनलाल सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है। विस्तृत सूचनाओं की प्रतिक्षा है।