जयपुर। जयपुर के 571 वरिष्ठ पत्रकारों की आवासीय कॉलोनी पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे पत्रकारों की अगुवाई कर रहे दो पत्रकारों को पिंकसिटी प्रेस क्लब की सदस्यता से निलम्बित किया गया है। निलम्बन की खबर से पत्रकारों में रोष है और निलम्बन आदेश जारी करने वाले क्लब पदाधिकारियों को सोशल मीडिया पर जमकर गालियां पड़ रही हैं।

10 साल पहले आवंटित योजना पिंकसिटी प्रेस एनक्लेव, नायला के प्लॉटों को डुबोने में भूमिका सामने आने पर प्रेस क्लब पदाधिकारियों और पूर्व पदाधिकारियों की पहले से ही काफी किरकिरी हो रही है। इसके बावजूद नायला योजना को पुन: जीवित करने वाले पत्रकारों के निलम्बन से मौजूदा कार्यकारिणी के पत्रकार विरोधी कृत्य उजागर हो गए हैं।
राजस्थान पत्रिका से वर्षों तक जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार रूपेश टिंकर और टीवी जर्नलिस्ट अनिल त्रिवेदी की खोजबीन के बाद योजना में आई अनेक अड़चनें हटी हैं, जिससे सभी 571 आवंटी पत्रकार उनके साथ मिलकर पिछले चार माह से आंदोलनरत है। इस आंदोलन के सफल होने से प्रेस क्लब पदाधिकारियों पर अनेक प्रश्न चिन्ह खड़े हुए हैं। अगले माह प्रेस क्लब चुनावों को देखते हुए क्लब कार्यकारिणी की ओर से यह दमनात्मक कार्यवाही बताई जा रही है।
दरअसल, प्रदेश में सचिन खेमे के मंत्री रमेश मीणा के करीबी मुकेश मीणा पिंकसिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष हैं, जो किसी भी अखबार या मीडिया से वास्ता नहीं रखते हैं और केवल प्रेस क्लब अध्यक्ष बने रहकर ही रमेश मीणा व सचिन के सहयोगी बने रहना चाहते हैं।
वहीं पूर्व में भाजपा के पंचायत समिति सदस्य रहे रघुवीर जांगिड़ महासचिव हैं, ये भी पत्रकारिता से अधिक क्लब के पद के भरोसे ही पहचान बनाने में जुटे हैं। इधर, तबला वादक के रूप में पहचान बनाने वाले राहुल गौतम भी क्लब के कोषाध्यक्ष बनकर खुद को पत्रकारों का नेता बनाए बैठे हैं और कुर्सी को पकड़े रहना चाहते हैं। 571 पत्रकारों के आंदोलन में इनकी सभी योग्यताएं सामने आने से बौखलाकर निलंबन के नोटिस से पत्रकारों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।