Arun Chauhan : तमिलनाडु में वेदांता के कॉपर प्लांट का विरोध करने वालों को गोलियां बरसाकर मार डाला गया। कौन अखबार और टीवी चैनल इसे कितना महत्व दे रहा, इसे ज़रूर आंकें। आपके लिए यह समझना बहुत ज़रूरी है कि आम जनता के साथ कौन हैं और पॉवरफुल लॉबी के हित साधने वाले कौन। यह फर्क तो रोज़ खबरों, विषयों के चयन और उनकी प्रस्तुति में रहता है, लेकिन एक सामान्य रीडर, ऑडियंस उस पर गौर नहीं कर पाता। पुलिस फायरिंग में मरने वाले वे लोग थे जिनके बच्चे, परिजन और गांव वाले इस प्लांट से पैदा प्रदूषण से बीमार हो रहे। …इंडिपेंडेंट मीडिया को पहचानिए, उसका साथ दें।
Ankit Raj : क्या आपको पता है, तमिलनाडु में वेदांता स्टरलाइट द्वारा फैलाए जा रहे प्रदुषण के खिलाफ पिछले 100 दिनों से प्रदर्शन चल रहा है। क्या किसी कथित मेनसट्रीम न्यूज चैनल पर आपने इसके बारे में सुना, देखा? क्या कोई एंकर इसपर डीबेट करते हुए दिखा? 24 मार्च को करीब दो लाख लोग प्रदर्शन में शामिल हुए थें। दो लाख लोग, क्या अपने इन दो लाख लोगों की आवाज अपने टीवी पर सुनी? अगर नहीं सुनी मरने के लिए तैयार रहिए। आप भी मारे जाएंगे और कोई आपकी आवाज नहीं सुनेगा।
Anurag Anant : तमिलनाडु के लिए आवाज़ उठाइए, ये हमारे कल पर हमला है, हमारे स्वास्थ्य पर हमला है। हमारे जंगल लूटे जा रहें हैं, नदियां सोखी जा रहीं हैं। पहाड़ खोदे जा रहें हैं और जवाब में कहा जा रहा है “ये विकास है”। ये कांग्रेस भाजपा का मामला नहीं है, क्योंकि ये सभी सियासी लोग, चुनावी पार्टियां उनके इशारों पर चलते हैं जो इन्हें इस पूंजी पर टिके तंत्र में नेता बनाते हैं। सरकार बनवाते हैं। इसलिए दल से ऊपर उठ कर कल के लिए आवाज़ लगाइए। हमारे उन साथियों के समर्थन में जो पूंजी और सत्त्ता के गठजोड़ से लड़ रहे हैं। जनता की लड़ाई जिंदाबाद !!
Samar Anarya : सोच रहा था कि भाजपा नेता तमिलनाडु पुलिस द्वारा स्टरलाइट का विरोध कर रहे भारतीयों की हत्या के विरोध की जगह समर्थन क्यों कर रहे हैं। फिर याद आया कि मोदी तो खुद अनिल अग्रवाल- स्टरलाइट कॉपर के मालिक वेदान्ता समूह के मालिक- के क़रीबी हैं! ये भी कि मोदी की अभी हाल की ब्रिटेन यात्रा में स्थानीय प्रचार का बंदोबस्त वेदांता ने ही किया था। फिर सब साफ हो गया!
Harishankar Shahi : पुलिस की गोली से 11 लोग मर गए, यानी सत्ता के प्रतिष्ठान ने 11 लोगों की हत्या की है, क्यों हुआ है, क्योंकि लोगों ने साफ हवा, पानी के अपने अधिकार के लिए मांग की थी… तमाम तरह के अधिकारों का ढोल पीटने वाले लोग क्या कहेंगे इस पर…. सत्ता प्रतिष्ठान कहीं बनारस में ब्रिज की बीम गिरने के हादसे में मारे गए लोगों के बजाए ठेकेदार को बचा रहा है तो कहीं 11 लोगों को मार रहा है…. बाकी आपको इन राजनेताओं में अपने-अपने मसीहा दिखते हों तो आपकी नज़र का दोष है….
सौजन्य : फेसबुक
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