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उत्तर प्रदेश

पूर्वांचल की पत्रकारिता की चुनौतियों पर अरविंद कुमार सिंह को शोध उपाधि

आजमगढ़ (उ.प्र.) : मासिक पत्रिका शार्प रिपोर्टर के संपादक एवं मनमीत मासिक के कार्यकारी संपादक अरविंद कुमार सिंह को देश की राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्था उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा द्वारा एमफिल शोध उपाधि प्रदान की गई है। अरविंद कुमार सिंह का चयन पिछले साल इस संस्थान ने किया था। संस्थान की तीस सीटों के लिए देश भर के शोधार्थियों ने प्रवेश परीक्षा दी थी। अरविंद कुमार सिंह का शोध विषय था – ‘क्षेत्रीय पत्रकारिता की चुनौतियां पूर्वांचल के विशेष संदर्भ में’।

<p>आजमगढ़ (उ.प्र.) : मासिक पत्रिका शार्प रिपोर्टर के संपादक एवं मनमीत मासिक के कार्यकारी संपादक अरविंद कुमार सिंह को देश की राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्था उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा द्वारा एमफिल शोध उपाधि प्रदान की गई है। अरविंद कुमार सिंह का चयन पिछले साल इस संस्थान ने किया था। संस्थान की तीस सीटों के लिए देश भर के शोधार्थियों ने प्रवेश परीक्षा दी थी। अरविंद कुमार सिंह का शोध विषय था - 'क्षेत्रीय पत्रकारिता की चुनौतियां पूर्वांचल के विशेष संदर्भ में'।</p>

आजमगढ़ (उ.प्र.) : मासिक पत्रिका शार्प रिपोर्टर के संपादक एवं मनमीत मासिक के कार्यकारी संपादक अरविंद कुमार सिंह को देश की राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्था उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा द्वारा एमफिल शोध उपाधि प्रदान की गई है। अरविंद कुमार सिंह का चयन पिछले साल इस संस्थान ने किया था। संस्थान की तीस सीटों के लिए देश भर के शोधार्थियों ने प्रवेश परीक्षा दी थी। अरविंद कुमार सिंह का शोध विषय था – ‘क्षेत्रीय पत्रकारिता की चुनौतियां पूर्वांचल के विशेष संदर्भ में’।

क्षेत्रीय पत्रकारिता की समस्या, आंचलिक पत्रकारों की सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक स्थिति का अध्ययन एवं जीवन संघर्ष को आधार बनाकर किया गया यह शोध कार्य पूर्वांचन के 35 जनपदों का जमीनी रिसर्च है। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के 28 जनपदों- सिद्धार्थ नगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, जौनपुर, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, कौशांबी, संत रविदास नगर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, बलिया, मिर्जापुर, सोनभद्र, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा और अमेठी के अलावा पश्चिम बिहार के सात जनपदों, कैमूर, सासाराम, आरा, सिवान, गोपालगंज, बक्सर, छपरा की आंचलिक पत्रकारिता के अतीत, वर्तमान और भविष्य का विशद अध्ययन है। 

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अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि मैंने क्षेत्रीय पत्रकारिता से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। आंचलिक पत्रकारिता, उसकी मनोदशा, समाचारों का संकलन, प्रेषण, प्रकाशन में किन किन समस्याओं और मनोदशाओं से आंचलिक पत्रकार को गुजरना पड़ता है और बदले में उसे मिलता क्या है, मेरे शोध में इसका समाजशास्त्रीय अध्ययन है। 

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0 Comments

  1. देवेन्द्र कुमार

    March 8, 2016 at 7:13 am

    यशवंत भैया तारतम्य बिगड़ रहा है
    पहले पीएच डी की खबर और बाद में एम. फिल. की खबर कहीं कुछ गडबड तो नहीं ????????

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