Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

कन्नौज के पत्रकार नौकरी के लालच में खूब छापते हैं सपा की खबरें!

आये दिन लखनऊ की दौड़ लगाते हैं तिर्वा के भी कई रिपोर्टर… यूपी के कन्नौज जिले के कुछ पत्रकार लखनऊ की खूब दौड़ लगा रहे हैं। कारण, उनको अपनी या बच्चों की नौकरी लगवानी है। इस वजह से सपा की खबरों को खूब स्पेस दिया जा रहा है। कुछ पत्रकारों को इसमें सफलता भी मिल रही है। इससे अधिकतर पत्रकार सपा सरकार से नाराज होते दिख रहे हैं। जिले की तिर्वा तहसील के कई पत्रकार आये दिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ जाते हैं। कभी मुलाकात हो भी जाती है तो कभी बैरंग भी लौट आते हैं।

<p>आये दिन लखनऊ की दौड़ लगाते हैं तिर्वा के भी कई रिपोर्टर... यूपी के कन्नौज जिले के कुछ पत्रकार लखनऊ की खूब दौड़ लगा रहे हैं। कारण, उनको अपनी या बच्चों की नौकरी लगवानी है। इस वजह से सपा की खबरों को खूब स्पेस दिया जा रहा है। कुछ पत्रकारों को इसमें सफलता भी मिल रही है। इससे अधिकतर पत्रकार सपा सरकार से नाराज होते दिख रहे हैं। जिले की तिर्वा तहसील के कई पत्रकार आये दिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ जाते हैं। कभी मुलाकात हो भी जाती है तो कभी बैरंग भी लौट आते हैं।</p>

आये दिन लखनऊ की दौड़ लगाते हैं तिर्वा के भी कई रिपोर्टर… यूपी के कन्नौज जिले के कुछ पत्रकार लखनऊ की खूब दौड़ लगा रहे हैं। कारण, उनको अपनी या बच्चों की नौकरी लगवानी है। इस वजह से सपा की खबरों को खूब स्पेस दिया जा रहा है। कुछ पत्रकारों को इसमें सफलता भी मिल रही है। इससे अधिकतर पत्रकार सपा सरकार से नाराज होते दिख रहे हैं। जिले की तिर्वा तहसील के कई पत्रकार आये दिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने लखनऊ जाते हैं। कभी मुलाकात हो भी जाती है तो कभी बैरंग भी लौट आते हैं।

ये लोग खुद और अपने परिजनों को नौकरी दिलाने की कई बार मांग कर चुके हैं। कन्नौज के एक पत्रकार अपने और पत्नी को नौकरी के लिए मुख्यमंत्री के निजी सचिव की गणेश परिक्रमा करने में जुटे हैं। इसमें उनको सफलता भी मिली है। उन्होंने खुद कुछ पत्रकारों को जानकारी दी कि परीक्षा की कॉपी कोरी छोड़ दी थी लेकिन निजी सचिव की वजह से मय पत्नी के पास हो गया। साक्षात्कार भी हो चुका है। सरकार ने एक व्यक्ति को नौकरी देने का वायदा कर दिया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वहीं कुछ पत्रकारों का आरोप है कि एक पत्रकार ने अपने पिता को राज्यपाल पुरस्कार ऐसे ही दिलाया था। निजी सचिव जातिवाद निभा रहे हैं। इससे अधिकतर पत्रकारों में नाराजगी है। उन्होंने आगामी चुनाव में देख लेने का माइंड मेकअप कर लिया है। वहीं लालच वाले पत्रकार सपा की छोटी छोटी खबरों को खूब जगह देते हैं। गिने चुने नेताओं की फ़ोटो भी खूब छापते हैं।

एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement