: मुंबई से लौटकर आलोक श्रीवास्तव की रिपोर्ट : ऐसे भी जाता नहीं कोई… : जबसे जगजीत गए तब से क़ैफ़ी साहब के मिसरे दिल में अड़े हैं – ‘रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई, तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई।’ और दिल है कि मानने को तैयार नहीं। कहता है – ‘हम कैसे करें इक़रार, के’ हां तुम चले गए।’
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शराबी के प्रवचन पर अपुन का प्रवचन
: मृत्यु है क्या, जीवन का अंत, या प्रारंभ, या कि स्वयं शाश्वत जीवन? : हमारे रोने में एक आह थी, एक प्रार्थना थी, जो सभी ईश्वरों से थी : यश जी प्रणाम, आपका आलेख पढ़ा. पढ़ के आनंद हुआ. मैं ये कहूँगा कि दुःख स्थायी भाव नहीं है. सुख भी नहीं. कोई भाव स्थायी हो ही नहीं सकता. सिर्फ वे भाव जो हमारी कल्पना में हैं, वे ही हमारी प्रतीति में स्थायी हो सकते हैं.
दुख को स्थायी भाव बना चुके एक शराबी का प्रवचन
: एक शराबी मित्र मिला. वो भी दुख को स्थायी भाव मानता है. जगजीत की मौत के बाद साथ बैठे. नोएडा की एक कपड़ा फैक्ट्री की छत पर. पक रहे मांस की भीनी खुशबू के बीच शराबखोरी हो रही थी. उस विद्वान शराबी दोस्त ने जीवन छोड़ने वाली देह के आकार-प्रकार और पोस्ट डेथ इफेक्ट पर जो तर्क पेश किया उसे नए घूंट संग निगल न सका… :
बदल गया बनारस : फिल्मी पीसी में सैकड़ों पत्रकार पहुंचे, पत्रकार की अंतिम यात्रा में गिनती के दिखे
: पत्रकार शंभू सिंह पंचतत्व में विलीन : वरिष्ठ पत्रकार शंभू सिंह का एक पखवाड़े की बीमारी के बाद 27 फरवरी को पीजीआई लखनऊ में निधन हो गया। शंभू सिंह को 14 फरवरी को ब्रेन हेमरेज तब आ जब वह सुबह चाय पीने के बाद अखबार देख रहे थे। परिवारवालों ने उन्हें तत्काल निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां तीन दिन बाद भी स्थिति गंभीर देखकर परिवारवाले उन्हें लेकर पीजीआई लखनऊ चले गए।
ये है बुलंदशहर में मायाराज प्रायोजित जाम में फंसी दलित महिला के मौत के दृश्य
[caption id="attachment_19696" align="alignleft" width="94"]स्वर्गीय गीता[/caption]कभी किसी मां को बिना वजह थाने में बिठा दिया जाता है, क्योंकि ये यूपी है और यहां क्रिमिनल गवरनेंस है, कभी किसी मां की पुलिस-प्रशासन द्वारा लगाए गए जाम में मौत हो जाती है, क्योंकि ये यूपी है और यहां अंसवेदनशीलों का राजपाठ है. बुलंदशहर की घटना लोमहर्षक है. अफसरों का रेला, फौजफाटा लेकिन सब काठ के पुतले. किसी में दिल नहीं जो एंबुलेंस में बैठे मरीज व उसके परिजनों की गुहार को सुने.
माया के दौरे ने ली दलित महिला की बलि, पुलिस-प्रशासन-मीडिया की घिग्घी बंधी
[caption id="attachment_19693" align="alignleft" width="261"]जाम में फंसे एंबुलेंस में मृत गीता[/caption]: माया की सुरक्षा के नाम पर रचित जटिल जाम में फंसकर बीमार महिला का तिल-तिल कर मरना…. उधर सड़क पर मायावती जिंदाबाद होता रहा इधर एंबुलेंस में महिला के परिजन विलाप करते रहे…. संबंधित वीडियो भड़ास4मीडिया पर जल्द : दलित महिला की मौत से डरे अफसरों ने मीडिया को पटाया और इस तरह खबर का भी प्राणांत हो गया :
मैं फिर न सो सका, वो सरेराह खूब सोता मिला
आंख खुलने – जगने से ठीक पहले चेतना लौटने के क्रम में अवसाद का भाव मन-मस्तिष्क में था. दिल-दिमाग रो-रो कर कह रहा था, सक्रिय हो रही चेतना-चैतन्यता से, कि तुम, प्लीज, यूं ही कुछ मिनटों पहले जैसे निष्क्रिय पड़े रहो, चुपचाप रहो, सक्रिय न हो, पड़े ही रहने दो, वो जो भी अवस्था थी, ठीक इससे पहले, अर्द्धमूर्छित-मूर्छित, कथित सोया हुआ, मुझको, मेरे नश्वर शरीर को, बेतुके दिमाग-दिल को, उसी मोड में रहने दो.
लोकमंगल संस्थापक रामनारायण सराफ का निधन
मुंबई : कई दशकों से लोकमंगल नामक संस्था के माध्यम से हिंदी साहित्य व पत्रकारिता का अलख जगाने वाले साहित्यानुरागी व राजस्थानी समाज के स्तंभ रामनारायण घ. सराफ नहीं रहे।
डा. सुभाष राय के पिता का कानपुर में निधन
जनसंदेश टाइम्स के एडिटर डा. सुभाष राय के पिता रामायण राय का रविवार की सुबह कानपुर में निधन हो गया. वे 93 वर्ष के थे. परिवार में सुभाष राय के अलावा दो अन्य भाई हैं.
अरविंद कुमार सिंह की मां का मुंबई में निधन
वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह की मां प्रेम कुमारी सिंह का आज सबेरे मुंबई के एक निजी हास्पिटल में निधन हो गया. उनकी उम्र 76 साल थी.
जागरण डॉट कॉम में भीमसेन नहीं, जसराज मरे!
जागरण में इतनी गलतियां क्यों होती हैं. कभी अखबार में तो कभी वेबसाइट पर. ताजी सूचना ये है कि जागरण डॉट कॉम में भीमसेन जोशी की जगह पंडित जसराज का निधन दिखाया गया है. दरअसल हुआ ये है कि जागरण की वेबसाइट पर भीमसेन जोशी की मौत पर देश के जाने-माने संगीतज्ञों के शोक जताने की प्रतिक्रिया वाली जो खबर है, उसमें तस्वीर पंडित जसराज की लगा दी गई है. इस भूल से जसराज के प्रशंसक दुखी हैं.
भीमसेन जोशी : एक अनिर्वाण का निर्वाण
[caption id="attachment_19333" align="alignleft" width="94"]भीमसेन जोशी[/caption]भीमसेन जोशी का अचानक चले जाना जितना चौकाता है उससे ज्यादा चौकाता है उनका इतने दिन काल से होड़ कर के जीतते रहना। जिस तरह की औघड़ और अराजक जीवन शैली भीमसेन जोशी ने अपनाई थी उसमें लोग ज्यादा चलते नहीं। रात तीन बजे तक फेफड़ों की पूरी ताकत लगा कर अपनी शास्त्रीय मिठास से लोगों को मुग्ध करना।
मनहूस जनवरी भीमसेन जोशी को भी ले गया
: पंडित जी की अदभुत गायकी को सुनकर उन्हें श्रद्धांजलि दीजिए… सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें… : कुछ जाने क्यों नया साल मनहूस सा लगने लगा है. अतुल माहेश्वरी की मौत से जो शुरुआत हुई तो एक के बाद एक बुरी खबरें ही आ रही हैं. बालेश्वर चले गए. कई पत्रकार साथियों की मौत हुई, कइयों का इलाज चल रहा है तो कुछ के साथ पारिवारिक ट्रेजडी हुईं.
घर से 15 और दुनिया से 80 की उम्र में भागे
[caption id="attachment_19325" align="alignleft" width="122"]प्रभाकर पणशीकर[/caption]: मरने वाला महाराष्ट्र के ग्रामीणों का औरंगजेब था : प्रभाकर पणशीकर का जाना मराठी थियेटर का एक बड़ा नुकसान है : मराठी थियेटर के बड़े अभिनेता प्रभाकर पणशीकर नहीं रहे. १३ जनवरी को पुणे में उन्होंने अंतिम सांस ली. साठ से भी ज्यादा वर्षों तक मराठी थियटर में जीवन बिताने के बाद उन्होंने अलविदा कहा लेकिन इस बीच उनकी ज़िंदगी बहुत ही नाटकीय रही.
पत्रकार रितुराज शुक्ला का दुर्घटना में निधन
बस्ती जिले के लोकप्रिय स्थानीय चैनल “कपिल गंगा” के संस्थापक और मैनेजिंग एडिटर रितुराज शुक्ला नहीं रहे. कल अचानक करीब दो-ढाई बजे उस समय एक भीषण एक्सीडेंट हो गया जब वे अपने बस्ती आवास से कानपुर जा रहे थे. अपनी गाड़ी वे स्वयं चला रहे थे और उन्नाव जिले में अचलगढ़ इलाके में सामने से आते एक ट्रक से उनकी सीधी टक्कर हो गयी. दुर्घटना में उन्हें काफी चोटें आयी. उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी.
देहदान से मृत्यु भी छोटी हुई
[caption id="attachment_18289" align="alignnone" width="505"]सुरेश अंबेकर[/caption]
: लोकमत के सुरेश अंबेकर का निधन : नागपुर। वो हमेशा कहते थे, एक दिन यह शरीर मिट्टी में मिल जाएगा। इसका सदुपयोग होना ही चाहिए। देहदान करना ही चाहिए। वो इस प्रकार देहदान का महत्व बताते रहते थे। लोकमत समाचार के सुरेश अंबेकर का देवलोकगमन 9 अक्टूबर को नागपुर में हुआ।
‘हिंदुस्तान’ ने पूर्णिया को शर्मसार कर दिया
मेरी उम्र 78 साल है. ये उम्र मैंने अपने घर के बंद कमरों में नहीं काटी. पूर्णिया की तमाम साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से हर दिन का साबका रहा है. कचहरी चौक पर धरना-प्रदर्शन से लेकर छोटे-बड़े तमाम मंच पर सक्रिय रहा हूं.
संवेदनहीन विनोद बंधु के पास कोई जवाब है?
ट्रक-टैम्पो भिड़े (तीन कॉलम, पेज-3), युवा कांग्रेस का चक्का जाम (फोटो सहित 2 कॉलम, पेज-3), इसी हेडिंग के साथ एक और खबर (3 कॉलम, पेज-5), जागरुकता से जनसंख्या पर नियंत्रण संभव (फोटो सहित 2 कॉलम, पेज-4), बाबा स्वामी रामदेव के कार्यक्रम को ले बैठक (2 कॉलम), किसानों को दी खाद व कीटनाशक की जानकारी (फोटो सहित 2 कॉलम). 29 अगस्त 2010 को भागलपुर से प्रकाशित हिंदुस्तान के पूर्णिया संस्करण में ऐसी कई खबरें थीं पर वो नहीं थी जिसे देखने को हम कई साथियों ने अखबार खरीदा।
विनय उस अन्याय से पटरी नहीं बिठा पाया
: क्षेत्रीय पत्रकारों का हाल- न्यूनतम वेतन, काम का बोझ और बदनामियां : आज हम अपने साथी विनय तरुण को याद करने के लिये यहां जमा हुए हैं, हम सब जानते हैं कि वह एक प्रॉमिसिंग जर्नलिस्ट था. एक ऐसा पत्रकार था जिसने कई संवेदनशील मुद्दों पर बेहतरीन रिपोर्टिंग की और जिसकी रिपोर्टों को पूरे देश में सराहना मिली. मगर मैं उसके जीवन का सबसे कड़वा सच बयान करूं तो आप हैरत से अवाक रह जायेंगे. उसने अपने करियर का लंबा वक्त उन हालातों में गुजारा जब उसे पेशे से पत्रकार माना ही नहीं जाता था.
हिंदुस्तान वाले प्रेस रिलीज का करते रहे इंतजार
‘हिंदुस्तान’ के दिवंगत पत्रकार विनय तरूण की याद में पूर्णिया में पिछले दिनों एक कार्यक्रम हुआ। ‘हिंदुस्तान’ के पत्रकारगण एक प्रेस रिलीज का इंतजार करते रहे। पूर्णिया दफ्तर में कार्यरत पत्रकारों की विवशता ये रही कि कार्यक्रम के दिन हिंदुस्तान के उप स्थानीय संपादक विनय बंधु ने पूर्णिया में मीटिंग रख दी। भागलपुर से जब खुद संपादक महोदय हाजिर हों तो फिर भला कोई क्या करे? सवाल कौंधता है कि कहीं ये विनोद बंधु का निर्देश ही तो नहीं था कि विनय तरुण की याद में आयोजित कार्यक्रम का कोई कवरेज न किया जाए?
रुलाता तो है लेकिन बल देता है विनय
अपने साथी विनय तरुण को याद करने देश भर से कई पत्रकार 28 अगस्त को उसके पैतृक शहर पूर्णिया पहुंचे. दैनिक हिंदुस्तान, भागलपुर में कार्यरत मेधावी पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता विनय तरुण की मौत इसी साल जून महीने में रेल हादसे से हुई थी. आयोजन की रिपोर्ट आपको प्रेषित कर रहा हूं. कोशिश होगी कि इस मौके पर प्रकाशित स्मारिका उपलब्ध करा सकूं. इस अवसर पर साहित्यकार चंद्रकिशोर जायसवाल ने भी मीडिया की विसंगतियों पर एक आलेख लिखा है वह भी जल्द आपके सामने लाने की कोशिश होगी. -पुष्यमित्र
झुमरी तिलैया वाले खेम सिंह ने प्राण त्यागा
[caption id="attachment_18005" align="alignleft" width="127"]खेमजी[/caption]: श्रद्धांजलि : वैसे वे वरिष्ठ पत्रकार रहे हैं, भाजपा नेता के रूप में आजकल उनकी पहचान ज्यादा थी. लेकिन झुमरी तिलैया में संवाददाता रहने का उनका क्रेज व उनकी अदा कोई भुल न पाएगा. वरिष्ठ पत्रकार और झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सह वरिष्ठ भाजपा नेता सरदार खेम सिंह नहीं रहे। उनका निधन रविवार को रांची में इलाज के दौरान हुआ। वे पेट की बीमारी से पीड़ित थे। पिछले 15 दिनों से वे रांची स्थित गुरूनानक अस्पताल में इलाज करवा रहे थे।
चला गया बिहार की पत्रकारिता का एक हीरो
पटना में कई अखबारों में काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार कृपा करण के निधन की सूचना है. उनकी उम्र 89 साल थी. उनका अंतिम संस्कार आज राजकीय सम्मान के साथ पटना में किया गया. कृपा करण का निधन कल रात उनके पटना के नागेवश्वर कालोनी आवास में हुआ. कृपा करण मूलतः दक्षिण भारतीय थे पर पटना में बसे तो फिर बिहार के होकर रह गए.
धरे रह जाते हैं ब्लाग, फेसबुक, ट्विटर, फ्लिकर…
[caption id="attachment_17998" align="alignleft" width="99"]एस. शिवकुमार[/caption]: ओह, 40 की उम्र में चले गए शिवा! : प्रतिभाशाली फोटोजर्नलिस्ट और ‘बेंगलोर मिरर’ के फोटो एडिटर थे एस. शिवकुमार : 40 की उम्र कोई उम्र नहीं होती. लेकिन कई बार इसी उम्र में अच्छे, प्रतिभाशाली, विचारवान, क्रिएटिव, समझ-सरोकार रखने वाले लोगों को इस दुनिया से चले जाना पड़ता है. जाने कितना कुछ करने की हसरत रखे फोटोजर्नलिस्ट एस. शिवकुमार अचानक चले गए. वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. परिवार में बिटिया और पत्नी हैं. इन दिनों वे बेंगलोर मिरर में फोटो एडिटर के पद पर कार्यरत थे.
घर में घुसकर डा. जगदीश चंद्रकेश को मार डाला
वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार डा. जगदीश चंद्रकेश की कल रात उनके घर के अध्ययन कक्ष में हत्या कर दी गई. उनका आवास दिल्ली के लारेंस रोड पर स्थित है. एचटी ग्रुप की मैग्जीन कादंबिनी में करीब 25-26 वर्ष तक काम करने के बाद छह वर्ष पहले रिटायर हुए डा. चंद्रकेश की हत्या किस इरादे से की गई, यह पता नहीं चल पाया है. वे अपने मकान के उपर बने अध्ययन कक्ष में सोए हुए थे. हत्यारों ने अध्ययन कक्ष में घुसकर उनकी जान ले ली. वे इन दिनों एक किताब लिखने में लगे हुए थे. कुछ महीनों पहले ही उनकी तीन-चार किताबें मार्केट में आईं.
बहराइच के वरिष्ठ पत्रकार जगतजीत नहीं रहे
यूपी के बहराइच जिले के वरिष्ठ पत्रकार, कुशल वक्ता और समाजसेवी सरदार जगतजीत सिंह का हृदयगति रुकने से कल तड़के देहांत हो गया. जगतजीत अपने पीछे अपनी पत्नी जसवंत कौर, पुत्र सरदार परमेश्वर सिंह (उम्र 22 वर्ष) और बेटी बिन्नी (उम्र 18 वर्ष) को छोड़ गए हैं.
पत्रकार हकीम एम. शफीक का देहांत
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के वीकली न्यूजपेपर ‘अमर दस्तक’ के एडिटर हकीम एम शफीक का देहांत आज सुबह उनके बहराइच स्थित निवास पर हो गया. उल्टी शुरू होने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी. जब तक परिजन उन्हें अस्पताल पहुंचाते, वे दुनिया को अलविदा कह चुके थे. उनके नमाज-ए-जनाजा में हजारों लोगों ने शिरकत की. उन्हें आज शाम चार बजे शहर के कब्रिस्तान में सुपुर्देखाक कर दिया गया. हकीम एम. शफीक इमानदार पत्रकारों में गिने जाते थे. वे गरीब लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे. वे पत्रकारिता के लिए तन, मन और धन से पूरी तरह समर्पित थे.
दैनिक जागरण की पत्रकार ऋचा का निधन
[caption id="attachment_17489" align="alignleft" width="99"]स्व. ऋचा[/caption]लखनऊ के भैंसाकुंड के बैकुण्ठ धाम पर किया गया अंतिम संस्कार : पांच दिन पहले फैजाबाद रोड पर दुर्घटना में हुई थीं घायल : दैनिक जागरण, लखनऊ की युवा पत्रकार ऋचा त्रिपाठी (27) का निधन हो गया। ट्रामा सेंटर में शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। शोकाकुल परिवारीजन ने भैंसाकुंड के बैकुण्ठ धाम पर उनका अंतिम संस्कार किया। लखनऊ की प्रीतिनगर, मकान नम्बर 631/6 निवासी वरिष्ठ पत्रकार केडी त्रिपाठी की पुत्री ऋचा दैनिक जागरण में कार्यरत थीं। गत सोमवार की रात कार्यालय से घर जाते समय उनका एक्सीडेंट हो गया था।
सहारा के डीएनई की सड़क हादसे में मौत
अपडेटेड खबर : जनरल डेस्क के इंचार्ज थे प्रदीप श्रीवास्तव : घर में चल रहे अखंड हरिकीर्तन के आखिरी दिन भोजन की व्यवस्था हेतु सामान खरीद कर लौट रहे थे प्रदीप : अभी-अभी सूचना आई है कि राष्ट्रीय सहारा, गोरखपुर में कार्यरत डिप्टी न्यूज एडिटर प्रदीप श्रीवास्तव की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है. प्रदीप कार चला रहे थे और एक ट्रक की कार से टक्कर हो गई. प्रदीप के साथ कार में बैठे उनके बहनोई की भी मौत हो गई.
अजय को तीन साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
दिल्ली के द्वारका इलाके में हुए अग्निकांड की कवरेज कर रहे ‘सहारा समय एनसीआर’ न्यूज चैनल के पत्रकार अजय तिवारी का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया. उनके तीन साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी. पश्चिमी दिल्ली के नवादा इलाके के श्मशान में हुए उनके अंतिम संस्कार में आज उनके परिजनों के साथ इलाके के कई नेता और काफी संख्या में पत्रकार भी मौजूद थे.
संवाददाता ने दी शहादत
[caption id="attachment_17387" align="alignleft" width="184"]अजय तिवारी[/caption]एक दुखद खबर आ रही है. सहारा समय एनसीआर न्यूज चैनल के संवाददाता अजय तिवारी की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि अजय आज शाम दिल्ली के द्वारका इलाके में लगी आग के कवरेज के लिए गए हुए थे. भीषण आग पर काबू पाने के लिए दमकल की दर्जन भर से ज्यादा गाड़ियां वहां उपस्थित थीं. अजय और उनके पत्रकार साथी व कैमरामैन कवरेज के लिए आग लगे इलाके के नजदीक बढ़ने लगे. इसी दौरान आग से धधक रहे गोदाम में रखा गैस सिलेंडर ब्लास्ट हो गया. सिलेंडर के धमाके के कारण आसपास की पूरी दीवार नीचे गिर गई. इसी दीवार के नीचे अजय तिवारी दब गए. उन्हें जब तक निकालने और बचाने की कोशिश की जाती, उनकी मौत हो चुकी थी. अजय पत्रकारिता की राह पर चलते हुए शहीद हो गए.
बिजनेस स्टैंडर्ड की निरुपमा की लाश मिली
नीरू की मौत (1) : विजातीय प्रेम विवाह के लिए पापा को राजी करने घर गईं थीं : महिला मीडियाकर्मियों के लिए आजकल आफत के दिन हैं. पुरुष प्रभुत्व वाला समाज इनकी जिंदगी-करियर में मौत का कुआं बना हुआ है. स्टार न्यूज की सायमा सहर की दास्तान सबके सामने आई तो अब एक और महिला मीडियाकर्मी के बारे में स्तब्धकारी खबर आ रही है.
नभाटा वाले तपस जी चले गए
वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश तपस हमारे बीच नहीं रहे. उनका कल रात में निधन हो गया. जनसत्ता के रेजीडेंट एडिटर रह चुके वरिष्ठ पत्रकार बनवारी के छोटे भाई ओमप्रकाश तपस ने कुछ वर्षों पहले ही नवभारत टाइम्स से वीआरएस लिया था.
36 की उम्र में शाद चले गए
मैं शाद का कोई परिचित नहीं हूं. उनके जिला-जंवार, प्रांत का रहने वाला नहीं हूं. उनके मजहब का भी नहीं हूं. पर शाद अपने जैसे लगते हैं. जिला मुंगेर प्रांत बिहार के शाद दिल्ली में सरकुलेशन देखते थे. दी संडे इंडियन से चौथी दुनिया में आए थे. बड़े पद व पैसे में. नेशनल सरकुलेशन इंचार्ज बनकर. नौजवान शख्स. सिर्फ 36 वर्ष उम्र. सुबह जल्दी आफिस जाने की हड़बड़ी सबमें होती है. उनमें भी थी. नहाने के लिए वे बाथरूम गए. पानी नहीं आया तो तौलिया लपेटे छत पर चले गए टंकी देखने.
पहले वायरल ने जकड़ा, फिर मौत ने पकड़ा
[caption id="attachment_17285" align="alignleft" width="99"]अमित[/caption]प्रभात अखबार, मेरठ में कार्यरत पत्रकार अमित चौरसिया की असमय मौत : पहले ‘लोकप्रिय’ फिर ‘मेट्रो’ हास्पिटल ले जाया गया पर बच न सके : मूलत: लखीमपुर खीरी के रहने वाले ३० वर्षीय अविवाहित पत्रकार अमित चौरसिया का बीती रात लगभग २ बजे मेरठ स्थित मेट्रो हास्पिटल में निधन हो गया। पार्थिव शरीर को उनके परिजन लखीमपुर ले गये। पत्रकार चौरसिया ने हिंदी दैनिक ‘प्रभात’ को नवंबर महीने में ज्वाइन किया था। अपने कुशल व्यवहार एवं नम्र स्वभाव के कारण बहुत कम समय में ही अमित ने शहर के मीडियाकर्मियों के साथ ही सुभारती मीडिया में भी लोकप्रियता प्राप्त कर ली थी। अमित पिछले एक सप्ताह से वायरल से ग्रस्त थे। हालत बिगडऩे पर उन्हें लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें हार्ट की प्राब्लम बताते हुए मेट्रो अस्पताल के लिए रैफर कर दिया।
मुंबई में कवि कुंतल कुमार जैन का निधन
मुंबई : कवि कुंतल कुमार जैन का निधन रविवार को हो गया। उनके निधन से साहित्यिक जगत में शोक की लहर फैल गई है। 72 वर्षीय श्री जैन पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और उनका इलाज भाटिया अस्पताल में चल रहा था और अचानक 10 अप्रैल को दोपहर 2.30 बजे उनका निधन हो गया। श्री जैन अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और दो बेटियाँ छोड़ गए हैं।
47 की उम्र में चले गए अभिजीत देसाई
[caption id="attachment_17178" align="alignleft" width="99"]अभिजीत देसाई[/caption]कम उम्र में हार्ट अटैक के कारण मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. ये घटनाएं खासकर बड़े शहरों में रहने वाले पत्रकारों के साथ हो रही हैं. पता चला है कि मुंबई से प्रकाशित होने वाले ‘दैनिक प्रहार’ के फीचर एडिटर अभिजीत देसाई की मात्र 47 साल की उम्र में ही हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया. उनकी मौत बीते मंगलवार के दिन शाम के वक्त हुई. उन्हें अचानक बहुत तेज दिल का दौरा पड़ा. जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया जाता, उनकी मौत हो गई. अभिजीत देसाई के परिवार में उनकी पत्नी विशाखा और पुत्री सलोनी हैं. अभिजीत पिछले 25 बरसों से मुंबई में फिल्म पत्रकारिता में कार्यरत थे.
ग्रामीण पत्रकार शिवकुमार मिश्रा का निधन
[caption id="attachment_17140" align="alignleft" width="71"]शिवकुमार[/caption]आखिरी वक्त अभावों में बीता : जिंदगी भर साइकिल से ही चले : दूसरों के हक के लिए धरना-प्रदर्शन तक किया : शाहजहांपुर के एक छोटे से गांव से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले पत्रकार शिवकुमार मिश्रा का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया. शिवकुमार ने ग्रामीण क्षेत्र में पत्रकारिता की अलख जगाकर गांवों की समस्याओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया और विकास कार्य कराने में मदद दी.
हरियाणा के पत्रकार बृजमोहन पाठक का निधन
हरियाणा में लंबे समय तक अपनी सेवाएं देने वाले पत्रकार बृजमोहन पाठक का पिछले दिनों निधन हो गया. पाठक की मौत की खबर मिलते ही पूरे पत्रकारिता जगत के अलावा विभिन्न धार्मिक व समाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई.
मार्कण्डेय ने आखिरी सांस ली
मुंशी प्रेमचन्द की विरासत को सहेजने व संवारने वाले नई कहानी के पुरोधा प्रख्यात कथाकार मार्कण्डेय का निधन गुरुवार को दिल्ली में हो गया. वे कैंसर से पीड़ित थे. उन्हें आहार नली का कैंसर हुआ था. उनका इलाज दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर इन्स्टीट्यूट में चल रहा था. उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से रीवांचल एक्सप्रेस से आज सुबह इलाहाबाद लाया गया.
जागरण, दिल्ली के स्टेट हेड विष्णु का निधन
दैनिक जागरण, दिल्ली के स्टेट हेड और वरिष्ठ पत्रकार विष्णु दत्त शर्मा का आज सुबह निधन हो गया. वे किडनी और लीवर की बीमारियों से कई महीने से पीड़ित थे. कल सुबह उन्हें बेहोशी की स्थिति में पहले जीटीबी फिर गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया पर उनकी स्थिति सुधर नहीं सकी. 53 वर्षीय विष्णु दत्त शर्मा पूरे जीवन दैनिक जागरण में ही रहे.
एक पत्रकार की हत्या, दूसरा लुटा
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में एक पत्रकार की हत्या और दिल्ली के मयूर विहार इलाके में एक पत्रकार के साथ लूट की घटना होने की जानकारी मिली है. सिद्धार्थ नगर में पत्रकार की हत्या गुल्लौरा थाने के डुगडुगिया तिराहे पर हुई. एक दैनिक अखबार में समाचार संकलन का काम करने वाले राजू यादव (28 वर्ष) अपने साथी चंद्रभान यादव के साथ बाइक से खड़करी बाजार गुल्हौरा से अपने गांव डुगडुगिया जा रहे थे.
तहलका पत्रिका, लखनऊ के फोटोग्राफर मयंक का निधन
[caption id="attachment_17076" align="alignleft" width="71"]मयंक[/caption]उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सदस्यों ने यशा और मयंक के परिजनों को आर्थिक मदद देने की सरकार से अपील की : लखनऊ से ही खबर है कि तहलका पत्रिका से जुड़े फोटोग्राफर मयंक सक्सेना का निधन हो गया है. तहलका साप्ताहिक के युवा फोटोग्राफर मयंक सक्सेना लखनऊ के जानकीपुरम में मार्ग दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें पहले ट्रामा सेण्टर फिर पास स्थित प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाया गया जहाँ आज उनका निधन हो गया. स्थानीय भैंसाकुंड घाट पर आज उनका अन्तिम संस्कार कर दिया गया.
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार यशा रिज़वी का इंतकाल
इरान रेडियो के लिये काम कर रहे यशा रिज़वी का कल रात में अचानक लखनऊ में निधन हो गया. यशा रिज़वी 50 साल के थे. यशा रिज़वी को आज शोककुल दोस्तों और सगे सम्बन्धियों की मौजूदगी मैं लखनऊ की इतिहासिक कर्बला तालकटोरा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. यशा रिज़वी पत्रकारिता के मैदान मैं एक मझे हुए पत्रकार थे और उन्होंने अपने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत फ्री-लान्सिंग से की.
आजतक से जुड़े फोटो जर्नलिस्ट मुकेश का निधन
भुवनेश्वर से खबर है कि उड़ीसा के पुरी जिले में सड़क हादसे में एक फोटो पत्रकार की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार पुरी जिले के पिपली इलाके में शनिवार को एक कार के पेड़ से टकरा जाने से कार में सवार 35 वर्षीय मुकेश कुमार की मौत हो गई। वह निजी समाचार चैनल ‘आजतक’ से जुड़े थे।
रेडियो नाटककार डा. मृत्युंजय प्रसाद झा का निधन
बिहार के भागलपुर जिले के रहने वाले डा. मृत्युंजय प्रसाद झा का बुधवार की सुबह हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई. वे 80 वर्ष के थे. भागलपुर विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर रहे डा. मृत्युंजय रेडियो नाटककाकर के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने बिहार के कई रेडियो स्टेशनों के लिए 70 से ज्यादा नाटक लिखे व उन्हें कई बार बेस्ट नाटककार का एवार्ड भी मिला.
दिमाग की नस फटने से आरई की मौत
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक वरिष्ठ पत्रकार की दिमाग की नस फटने से मौत हो गई. इनका नाम है डीडी पुरोहित उर्फ दीनदयाल पुरोहित. ये इंग्लिश डेली हितवाद के रेजीडेंट एडिटर के पद पर कार्यरत थे. हितवाद अखबार के प्रबंध संपादक हैं पूर्व सांसद बनवारीलाल पुरोहित. पुरोहित को ब्रैन हैमरेज 27 फरवरी को हुआ था. उस दौरान वे अपने आफिस में काम कर रहे थे. उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया. उनका तभी से इलाज चल रहा था. उनके दिमाग का आपरेशन भी किया गया. पर लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका. कल शाम उनका निधन रायपुर के एक निजी अस्पताल में हो गया. पुरोहित मूलतः महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं.
ड्राइवर से जीएम बने थे वालिया
लंबी बीमारी के बाद मौत : बीते दिनों लखनऊ में दैनिक ‘आज’ अखबार के महाप्रबंधक और उप स्थानीय संपादक रिपुदमन सिंह वालिया की मौत हो गई. वे काफी समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें गुर्दे की बीमारी थी जिसका इलाज चल रहा था. करीब साठ-पैंसठ वर्ष की उम्र रही होगी वालिया की.
वरिष्ठ पत्रकार व यूनीवार्ता के पूर्व संपादक अशोक शर्मा नहीं रहे
हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकार एवं समाचार एजेंसी यूनीवार्ता के पूर्व संपादक अशोक शर्मा का आज दिल्ली में निधन हो गया। वह 61 वर्ष के थे। शर्मा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वह हृदयरोग से पीड़ित थे और बाईपास सर्जरी के बाद राजधानी के एक निजी अस्पताल में जीवनरक्षक प्रणाली पर थे।
बौनों के दौर में निर्मल का जाना
[caption id="attachment_16969" align="alignleft"]निर्मल पांडेय[/caption]यूं चला जाएगा यह बेहतरीन कलाकार और इंसान, किसी को अंदाजा न था : फिल्म और टीवी एक्टर निर्मल पांडेय के निधन की दुखद खबर आ रही है। 46 साल की ही उम्र में वे चले गए। आज दिन में करीब ढाई बजे उनकी मौत हुई। उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्हें तुरंत अंधेरी स्थित होली स्पिरिट अस्पताल ले जाया गया। ‘बैंडिट क्वीन’ फिल्म में डकैत विक्रम मल्लाह की भूमिका निभाने के बाद चर्चा में आए निर्मल पांडेय ने ‘इस रात की सुबह नहीं’, ‘दायरा’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘शिकारी’, ‘गाड मदर’ और ‘वन टू का फोर’ जैसी कई फिल्मों में काम किया।
काम के दबाव में संपादकीय प्रभारी की मौत
[caption id="attachment_16918" align="alignleft"]बसंत गुप्ता[/caption]देर रात तक काम करने के बाद घर लौटते और सुबह-सुबह अखबारों की समीक्षा लेकर आफिस पहुंच जाते : कुछ दिनों पहले जब हार्ट अटैक हुआ तो उसे गंभीरता से न लिया, दूसरे हार्ट अटैक ने जीने का मौका ही नहीं दिया : मौसम बसंत का है. बसंत गुप्ता की उम्र, प्रतिभा और निष्ठा भी बसंत के यौवन की तरह थी. कुछ साल और वे हमारे साथ होते तो उनकी लेखनी, दृष्टि, तरक्की और प्रतिभा से छत्तीसगढ़ के पत्रकार लाभ लेते. नवभारत, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के सम्पादकीय प्रभारी बसंत गुप्ता महज 54 साल की उम्र में हमसे बिछुड़ गए. उनकी अंत्येष्टि में आज कस्तूरबा नगर श्मशान घाट पहुंचे सैकड़ों लोग मानों उनकी काबिलियत के कायल होने के गवाह थे. बसंत आख़िरी दम तक अख़बार के लिए, अपने काम के लिए समर्पित रहे. रात 2-3 बजे तक दफ़्तर में बैठना, फिर सारे अख़बारों की समीक्षा लेकर सुबह की मीटिंग में भी पहुंच जाना. काम खत्म हो जाने के बाद भी सहयोगी और खासकर नये पत्रकारों से गप-शप में घिरे रहना, उन्हें सीख देना उनका शगल था. बसंत पिछले एक पखवाड़े से बीमार चल रहे थे.
अमर उजाला के पत्रकार योगेश शर्मा का हार्ट अटैक से निधन
[caption id="attachment_16910" align="alignleft" width="130"]योगेश शर्मा[/caption]अमर उजाला, बरेली की यूनिट से 1985 से जुड़े पत्रकार योगेश शर्मा का कल सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। योगेश शर्मा शाहजहांपुर जिले के कांट कस्बे से खबरें पेजते थे। इस इलाके में अमर उजाला अखबार बरेली से छपकर आता है। लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि स्नातक श्री शर्मा ने वकालत की बजाय पत्रकारिता को करियर के रूप में चुना।
नेपाल में मीडिया व्यवसायी की सरेआम हत्या
नेपाल की राजधानी काठमांडू में रविवार दोपहर एक टेलीविजन चैनल के मालिक जमीम शाह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि काले कपड़े पहने हुए आए दो बंदूकधारियों ने शहर के लाजमीपत इलाके में शाह की कार पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। इस दौरान शाह के सीने में भी गोली लग गई। उन्हें गंभीर स्थिति में एक नजदीकी अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सामना के उप संपादक ने फांसी लगाकर जान दी
मुबंई : शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के उप संपादक मनीष केलकर (27) ने अपने घर पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। वे मशहूर फोटोग्राफर सुरेश केलकर के बेटे थे।
उर्दू पत्रकार महमूद अयूबी का निधन
मंबुई : जाने माने उर्दू पत्रकार और लेखक महमूद अयूबी का आज तड़के यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह 70 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा एवं एक बेटी है।
‘हिंदुस्तान’ के रिपोर्टर की सड़क हादसे में मौत
एक बुरी खबर है. दैनिक हिंदुस्तान, हरदोई जिले के रिपोर्टर सुशील दीक्षित की सड़क हादसे में मौत हो गई. सुशील किसी काम से दिल्ली आए हुए थे. वे और उनके साथ इंडिका कार से दिल्ली से लौट रहे थे.
वरिष्ठ पत्रकार शिव कुमार निरंजन नहीं रहे
नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार शिव कुमार निरंजन 79 वर्ष का बुधवार को कृषि भवन में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं सूचना मंत्री अंबिका सोनी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
रोहतक के वरिष्ठ पत्रकार विनोद जैन नहीं रहे
रोहतक के वरिष्ठ पत्रकार एवं हिंद टाइम्स पाक्षिक समाचार पत्र के संपादक कामरेड विनोद कुमार जैन का 11 जनवरी को डीएलएफ कालोनी स्थित आवास में निधन हो गया। वे करीब 55 साल के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार रोहतक के वैश्य कालेज रोड स्थित श्मशान घाट में किया गया। उनके अंतिम संस्कार में शहर के गणमान्य व्यक्तियों और पत्रकारों ने भाग लिया।
बेबसी, बीमारी और गरीबी लील गई ओमाजी को
[caption id="attachment_16667" align="alignleft"]ओमकार नाथ अग्रवाल उर्फ ओमा जी[/caption]एक पत्रकार, जिसने अपने इलाके की जनता को अखबारों का दर्शन कराया, अखबारों को पढ़ाने की आदत डाली, अखबारों का प्रसार बढ़ाया, खबरें भेजी, अखबारों के जरिए जनसमस्याओं को अफसरों-नेताओं तक पहुंचाया, उसकी 70 साल की अवस्था में जब मौत हुई तो उसके पास कोई नहीं था. अगर कोई था तो वह थी बेबसी, लाचारी और अभाव. हम बात कर रहे हैं ओमकार नाथ अग्रवाल की. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के पुवाया कस्बे के रहने वाले ओमकार नाथ अग्रवाल के चलते जिले में हिंदुस्तान, दैनिक जागरम, अमर उजाला, पंजाब केसरी जैसे अखबार पहुंचे. उन्होंने शाहजहांपुर में दैनिक समाचार पत्रों को 1960 में प्रवेश कराया.
प्रेम प्रसंग के विरोध में ले ली पत्रकार पुत्र की जान
बोकारो : प्रेम प्रसंग में रोड़ा बनने के कारण पत्रकार राजकुमार स्वर्णकार के पुत्र सुमित कुमार की हत्या हो गयी। हत्यारा सुमित का दोस्त टिंकू नायक ही निकला। इसने अपने एक अन्य सहयोगी विजेन्द्र गंझू के साथ तीन दिसंबर को ही सुमित की गला दबाकर हत्या कर दी। शव को पूर्व योजना के अनुसार दोनों ने तेनुघाट गेस्ट हाउस के पास एक गड्ढे में गाड़ दिया। पुलिस को भरमाने के लिए मृतक के मोबाइल से ही उसके पत्रकार पिता को फिरौती के लिए फोन किया जाने लगा। यह खुलासा एसपी साकेत कुमार सिंह ने अपने आवासीय कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किया।
फोटो खींच रहे फोटोग्राफर की लूट के बाद हत्या
पुलिस कह रही है- हत्या नहीं, हादसा : एक स्वतंत्र फोटोग्राफर की बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस ने रेल ट्रैक से उनका शव बरामद किया है। परिजनों ने लूट के बाद हत्या की आशंका जाहिर की है। उधर, पुलिस ने महज हादसा करार दिया है। वसुंधरा सेक्टर-4सी में अमन कुमार कश्यप (22) पुत्र दीपक कुमार रहते थे।
शिव सागर को बचाया नहीं जा सका
[caption id="attachment_16595" align="alignleft"]शिव सागर[/caption]दैनिक जागरण, मेरठ के युवा और प्रतिभाशाली पत्रकार शिव सागर की मौत हो गई। पिछले दिनों मेरठ में दैनिक जागरण आफिस से काम खत्म कर घर जाते वक्त उनकी साइकिल को किसी वाहन ने पीछे से टक्कर मार दी थी जिससे वे बुरी तरह जख्मी हो गए थे। शुरू में मेरठ में उनका इलाज कराया गया पर शिव सागर की हालत बेहद खराब होते देख डाक्टरों ने दिल्ली ले जाने को कह दिया। उनका दिल्ली में इलाज चल रहा था। कई दिनों तक वेंटिलेटर पर रहे। डाक्टरों ने काफी प्रयास किया। सिर के बुरी तरह कुचल जाने से उनका ब्रेन काफी कुछ नष्ट हो गया था। उनकी चेतना नहीं लौटी। वे होश में नहीं आ पाए।
सांसों के बाद देह से भी मुक्त हो गए अशोकजी : कुछ तस्वीरें
चिर निद्रा में लीन अशोक उपाध्याय को परिजनों व दोस्तों-शुभचिंतकों ने यूं दी आखिरी विदाई….
‘पापा, कौन लाएगा हमारे लिए चाकलेट’
वरिष्ठ पत्रकार रामकृष्ण पांडेय की जिंदगी ईमानदारी और संवेदनाओं से भरी रही। उनकी संवेदनशीलता की गवाह उनकी कविताएं भी हैं जिसमें बहुत बारीक-बारीक इमोशन्स को उकेरा गया है। उनके कविता संग्रह ‘आवाजें’ से यह एक कविता यहां प्रस्तुत कर रहे हैं–
मुझे सपरिवार इच्छा मृत्यु की इजाजत दो!
कुलदीप द्वारा मौत मांगने के एक साल मार्च महीने में पूरे होंगे। उन्हें अब तक न तो ‘मौत’ मिली और न जीने लायक छोड़ा गया। भारतीय लोकतंत्र के स्तंभों-खंभों ने उन्हें कोमा-सी स्थिति में रख छोड़ा है। कुलदीप मीडियाकर्मी हैं। इंदौर में हैं। ‘नई दुनिया’ से जुड़े रहे हैं। प्रबंधन ने कुलदीप से इस्तीफा देने को कहा था। उन्होंने नई नौकरी न ढूंढ पाने की मजबूरी बताई थी। प्रबंधन ने उनका तबादला कर दिया। बीमार पिता को छोड़ दूसरे शहर में नौकरी करने जाने में असमर्थ रहे कुलदीप। सो, कुलदीप ने रहम की गुहार लगाई।