उमेश कुमार-
इस पिक्चर को लेकर शाहरुख़ खान को ट्रोल किया जा रहा।वक़्त-वक़्त की बात होती है , हम में से कोई कह सकता है कि उसने शाहरुख़ खान की पिक्चर नहीं देखी?
बस यही कहना चाहूँगा कि वो भी एक बाप है और बाप बाप ही होता है। हम में से काफ़ी लोग अपने बच्चों को ज़्यादा समय नहीं दे पाते, पर इसका मतलब ये नहीं कि हम चाहते है कि बच्चा ड्रगिस्ट बन जाए , शायद शाहरुख़ ने भी कभी नहीं चाहा होगा ।। इसी देश में 3000 करोड़ की अवैध ड्रग्स पकड़ी जाने पर मीडिया और लोग चुप रहते है।
शाहरुख़ ने कहा था , मेरे बच्चे कुछ भी करे, मैं करने दूँगा , लेकिन फिर भी किसी बाप का मज़ाक़ बनाना अच्छी बात नहीं , आज नहीं तो कल हम सबके के साथ जाने-अनजाने में कुछ ना कुछ होता ही। अगर बच्चे ने गलती की है तो सजा तो मिल ही रही है ना।
संजय कुमार सिंह-
पहले होता था हमारा बजाज अब है हमारा मीडिया… शाहरुख खान के बेटे की गिरफ्तारी और तीन टन ड्रग्स पर सन्नाटे को लेकर हो रही छीछालेदर के क्रम में यह खबर महत्वपूर्ण है। इंडियन एक्सप्रेस ने इसे आज इसे पहले पन्ने पर प्रमुखता से छापा है।
बाकी यह खबर कितनी है और कितना प्रचार ये आप तय कीजिए।
मैं तो यही जानता हूं कि इंडियन एक्सप्रेस (और टाइम्स ऑफ इंडिया के भी) संपादक रहे अरुण शौरी वाजपेयी सरकार में मंत्री थे और कई दूसरे कार्यकर्ता आज घोषित-अघोषित प्रचारक हैं। जमानत-वमानत तो अदालत का काम है और कानून अपना काम करता रहेगा।
अरुण शौरी मोदी सरकार के आलोचकों में थे। बीमार हुए तो प्रधानमंत्री उनसे मिलने गए और फिर वे कई दूसरे विरोधियों की तरह शांत हो गए। मैं किसी पर कोई आरोप नहीं लगा रहा उनकी उम्र भी हो चुकी है। मैं इस पूरे मामले पर मीडिया का मुंह सिल जाने पर अपनी नाराजगी जता रहा हूं।
Peri Maheshwer-
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी… शाहरुख खान अपना नाम बदलकर इंडिया रख सकते हैं। उनकी पत्नी हिन्दू है। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे उन्होंने पाकिस्तान के मुकाबले भारत को चुना और पेशावर से दिल्ली चले आए।
उनकी पत्नी गौरी हिन्दू हैं और अपनी हिन्दू पहचान कायम रखी हुई हैं। उनके बच्चों – आर्यन, सुहाना, अबराम – के नाम उनकी धार्मिक पहचान नहीं बताते हैं। एसआरके अपनी सभी फिल्मों में आज के भारत का अभिशाप, प्यार बांट रहे हैं। उन्होंने देशभक्ति, मानवता और प्रेम से संबंधित फिल्मों में अभिनय किया जो अस्वीकार्य है क्योंकि ऐसा करने वाला एक मुस्लिम है। वह उन धर्मांधों के प्रति जवाबदेह है जिन्होंने (और जिनके बाप दादाओं ने) कभी आजादी की लड़ाई नहीं लड़ी, क्योंकि वे हिन्दू हैं और शाहरुख एक मुस्लिम हैं।
शाहरुख एक पिता के रूप में, एक पति के रूप में और एक भारतीय के रूप में पीड़ित हैं, क्योंकि उनका नाम खान है। हममें से ज्यादातर की तरह, उन्हें भी हर दिन यह साबित करने के लिए मरना पड़ता है कि वे हमारे देश के प्रति वफादार हैं।
शाहरुख हममें से ज्यादातर की तरह हैं – आहत, तकलीफ में, खून बह रहा है, परेशान किया जा रहा है लेकिन चेहरे पर मुस्कान है।
Peri Maheshwer की पोस्ट का अनुवाद किया है संजय कुमार सिंह ने.
इस पर Freny Manecksha ने लिखा है-
मुस्कान? भारत के सीने में बर्बरता से चाकू घोंपा गया है वैसे ही जैसे राष्ट्रपिता के रूप में जाने जाने वाले के साथ हुआ था …. और हम इसमें हम शामिल हैं।
Rashmin Kumar Mahapatra ने लिखा है-
शाहरुख खान होने के लिए सही अर्थों में बहुत सारी रीढ़ और इस्पात की आवश्यकता होती है। उन्हें सलाम।
डॉ विश्वनाथ आजाद, अध्यक्ष झारखंड सर्वोदय मंडल
October 25, 2021 at 7:20 pm
गोदी मिडिया कहां चली गई आज अडाणी के हवाई अड्डे से बरामद तीन हजार करोड़ की ड्रग्स आर्यन के ड्रग तस्करी नहीं बल्कि सेवन करने के आरोपी हैं, के आड़ में अडाणी को भूल गए? क्या बात है अडाणी, मोदी और एन बी सी का आका है?