सिडनी के ऐतिहासिक क्रिकेट ग्राउंड पर विश्व कप सेमीफ़ाइनल में गुरुवार को भारत और मेज़बान ऑस्ट्रेलिया की भिड़ंत होनी है. गत दिनो कुछ भारतीय पत्रकारों ने स्टेडियम में ये कह कर दाखिल होने की कोशिश की कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ से पिच के क्यूरेटर टॉम पार्कर का इंटरव्यू करने की इजाज़त मिल गई है. जबकि बाद में हकीकत कुछ और बताई जाती है।
मैदान की पिच के क्यूरेटर टॉम पार्कर इसी के चलते आजकल पत्रकारों की खोज का निशाना बने हुए हैं. भारत से आए दर्जनों पत्रकारों को इस बात की ख़ास जिज्ञासा है कि आखिर गुरुवार के बड़े मैच के लिए पिच कैसी बनाई जा रही है. अगर ऑस्ट्रेलिया के लिहाज़ से देखा जाए तो उन्हें शायद घास वाली हरी पिच देख कर ख़ुशी मिल सकती है. जबकि भारत को ये उम्मीद होगी कि पिच में थोड़ा बहुत स्पिन ज़रूर हो जिससे अश्विन, जडेजा और रैना को मदद मिले. बुधवार को जब भारतीय टीम नेट्स के लिए मैदान पहुंची, तो टीम निदेशक रवि शास्त्री और महेंद्र सिंह धोनी सबसे पहले पिच का मुआयना करने पहुंचे थे. माइकल क्लार्क और ऑस्ट्रेलियाई कोच डैरेन लेहमन ने भी शाम को यही किया था.
स्थानीय अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में छपी एक ख़बर के मुताबिक़ रविवार को कुछ कथित भारतीय पत्रकारों ने स्टेडियम में ये कह कर दाखिल होने की कोशिश की कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संघ से पिच के क्यूरेटर टॉम पार्कर का इंटरव्यू करने की इजाज़त मिल गई है. हालांकि अख़बार के अनुसार उन्हें वापस भेज दिया गया क्योंकि आमतौर पर आईसीसी ऐसी इजाज़त नहीं देता. सोमवार को जब दोनों टीमें मैदान पर प्रैक्टिस कर रहीं थी, तब आईसीसी के पिच सलाहकार ऐंडी एटकिंसन को वहां देखकर भी पत्रकारों का कौतूहल सातवें आसमान पर था. हालांकि इसमें कोई मतभेद नहीं है कि मैच के लिए पिच तैयार करने की ज़िम्मेदारी आईसीसी की नहीं बल्कि क्यूरेटर टॉम पार्कर की ही है. अभी तक तो वे मीडिया से बचने में सफल रहे हैं, आगे का किसी को पता नहीं.
(बीबीसी हिंदी से साभार)