Ashraf Bastavi-
नई दिल्ली : डी डी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो में वर्षों से जारी उर्दू न्यूज़ बुलेटिन कम किये जाने से उर्दू भाषा में न्यूज़ देखने और सुनने वालों ने अविलम्ब सभी बुलेटिन बहाल करने की गुहार लगाई है.
उर्दू दैनिक इन्कलाब की एक खबर की कटिंग के साथ मिले एक पैग़ाम में उर्दू के चाहने वालों से यह अपील की गई है कि प्रसार भारती के CEO को इस समस्या की जानिब तवज्जो दिलाई जाये. लोग उनको पत्र लिख कर, tweet के द्वारा और उनके कार्यालय में फ़ोन करके सभी बुलेटिन अविलम्ब बहाल करने की गुहार लगा रहे हैं.
डी डी न्यूज और ऑल इंडिया रेडियो में Covid-19 से पहले तक दोनों जगह से उर्दू के दस दस Bulletin Broadcast होते थे. 2020 मे Covid-19 की पहली लहर के दौरान Covid-19 Protocol की वजह से हिदी, इंग्लिश, उर्दू सभी डेस्क पर बुलेटिन की संख्या कम की गई थी. लेकिन आगे चल कर समय के साथ उर्दू के अलावा अन्य भाषाओं को बहाल किया गया. डी डी न्यूज मे उर्दू के 2 और ऑल इंडिया रेडियो मे सिर्फ 3 बुलेटिन ही शुरू किए गए हैं. जबकि दोनों विभागों में कॉन्ट्रैक्ट और कैजुअल पर्याप्त स्टाफ मौजूद हैं अलग से कोई नया प्रबंध करने की कोई जरूरत नहीं है. CEO महोदय के सिर्फ एक आदेश जारी करने से अगले दिन से सभी बुलेटिन शुरू हो सकते हैं.
दूरदर्शन ने उर्दू बुलेटिन 1992 में शुरू किया था, पहले सुबह शाम के दो बुलेटिन होते थे. यह बुलेटिन 17 अप्रेल 2013 तक चला.
2013 में DD News के DG SM Khan थे. 18 अप्रैल 2013 से उर्दू न्यूज डेस्क शुरू हुआ और सुबह 6 बजे से रात 12 बजे तक कुल 10 बुलेटिन प्रसारित होने लगे . इस डेस्क के लिए लगभग 30 लोगों की कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती हुई. साथ साथ कैजुअल न्यूज़ एडिटर, एंकर, स्टेनो , Voiceover Artist की एक टोली भी काम करती रही.
ऑल इंडिया रेडियो में उर्दू बुलेटिन 1949 में शुरू हुआ था. यहाँ NSD Urdu के नाम से पूरा विभाग है. रेडियो में 24 घंटे मे 4 शिफ्ट में 10 बुलेटिन थे. अब सिर्फ़ 3 रह गए हैं. बार बार तव्वजो दिलाने के बावजूद अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. आज इसी बात को लेकर लोगों ने नए सिरे से आवाज़ उठाई है.
यह भी अंदेशा है कि अगर बुलेटिन शुरू ना हुए तो कभी भी उर्दू डेस्क पर कार्यरत स्टाफ को गैर जरूरी बता कर उनका Contract खत्म किया जा सकता है. ऐसी सूचना है कि DD News Urdu Desk के अधिकांश स्टाफ को फिलहाल हिन्दी और अंग्रेजी डेस्क पर ट्रांसफर कर दिया गया है.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसर एमेरिटस प्रोफ अख्तरुल वासे ने आश्चर्य का इज़हार किया. उन्होंने कहा “न्यूज़ बुलेटिन तो जनता और सरकार के दरम्यान संवाद स्थापित करने का एक मजबूत माध्यम होता है. सरकारी स्कीमों की जानकारी और सरकार के काम काज से जनता को अपडेट रखने के लिए जरूरी है. इसे कम करना या बंद करना किसी भी तरह दुरुस्त नहीं है. इसे बहाल किया जाए”.
एंग्लो अरबिक सीनियर सेकंड्री स्कूल के प्रिंसिपल मुहम्म्द वसीम अहमद कहते हैं- इस समय वैसे ही उर्दू भाषा और और उर्दू मीडिया ख़त्म होने के कगार पर है और फिर इस तरह उर्दू बुलेटिन को कम कर देना अति चिंता की बात है. हम तुरंत बहाली की मांग करते हैं.
देखिए प्रसार भारती के CEO को लिखे गई कई पत्रों में से एक-
To,
Hounourable CEO,
Prasar Bharti,
New Delhi.
Greetings!
Sub: request to resume urdu services by All India Radio and DD News Urdu Desk.
Respected Sir,
I would like to inform your honor that Urdu your Listeners &Viewers are shocked over unavailability of Bulletins.
We request your honor to get Urdu Services resumed as soon as possible .
With Regards
Noorullah Khan
Chairman
Great India Welfare Foundation, Jamia Nagar
New Delhi.