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हिन्दुस्तान अखबार अपने हजारों कर्मचारियों का करोड़ों रुपये डकार गया

हिन्दुस्तान अपने हजारों कर्मचारियों को महंगाई भत्ता न देकर पीएफ के अपने हिस्से के करोड़ों रुपये डकार गया… कर्मचारियों के पीएफ का जो बाजिब पैसा उसे भविष्यनिधि खाते में जमा होने चाहिए, वह आज तक हिन्दुस्तान अख़बार के प्रबंधन ने जमा ही नहीं किया है। केंद्र सरकार को ठेंगा दिखाकर हिन्दुस्तान अखबार अपने किसी भी कर्मचारी को डीए(महंगाई भत्ता) नहीं दे रहा है। ताकि पीएफ का पैसा पूरा न देना पड़े… इस घोटाले का खुलासा मजीठिया के योद्धा हिन्दुस्तान बरेली के चीफ रिपोर्टर पंकज मिश्रा, सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला, सीनियर कॉपी एडिटर राजेश्वर विश्वकर्मा ने किया है।

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हिन्दुस्तान अपने हजारों कर्मचारियों को महंगाई भत्ता न देकर पीएफ के अपने हिस्से के करोड़ों रुपये डकार गया… कर्मचारियों के पीएफ का जो बाजिब पैसा उसे भविष्यनिधि खाते में जमा होने चाहिए, वह आज तक हिन्दुस्तान अख़बार के प्रबंधन ने जमा ही नहीं किया है। केंद्र सरकार को ठेंगा दिखाकर हिन्दुस्तान अखबार अपने किसी भी कर्मचारी को डीए(महंगाई भत्ता) नहीं दे रहा है। ताकि पीएफ का पैसा पूरा न देना पड़े… इस घोटाले का खुलासा मजीठिया के योद्धा हिन्दुस्तान बरेली के चीफ रिपोर्टर पंकज मिश्रा, सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला, सीनियर कॉपी एडिटर राजेश्वर विश्वकर्मा ने किया है।

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चारों कर्मचारियों ने हिन्दुस्तान के सभी कर्मचारियों व केंद्र सरकार के साथ खुल्लमखुल्ला धोखाधड़ी का मामला बताकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त दिल्ली को वेतन पर्ची के साथ शिकायत भेजकर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को जेल भेजने और कर्मचारियों को उनका वाजिब हक़ दिलाने की मांग की है.. हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड* द्वारा वेतनमान में हेराफेरी के संबंध में भेजी गई शिकायत में कहा गया कि हिन्दुस्तान दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित करने वाली कंपनी हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड ने भविष्य निधि अंशदान बचाने के लिए लगातार वेतनमान मनमाने ढंग से निर्धारित किए। किसी भी कर्मचारी को डीए नहीं दिया जाता है, जो नियमतः दिया जाना अनिवार्य है।

पंकज मिश्रा ने शिकायत में  कहा कि उनकी नियुक्ति हिन्दुस्तान मीडिया वेचर्स लिमिटेड के दैनिक समाचार हिन्दुस्तान की बरेली यूनिट में 22 मार्च, 2010 को वरिष्ठ संवाददाता के पद पर हुई थी। इस दौरान प्रार्थी को बेसिक भुगतान के रूप में रू. 5,667 मासिक का भुगतान किया गया। इसी दौरान रू. 9,081 मासिक स्पेशल एलाउंस के रूप में भुगतान किए गए। बेसिक सेलरी घटाकर स्पेशल एलाउंस के रूप में प्रति माह रू. 9,081 का भुगतान करके प्रबंधन ने सेलरी को मैनेज करने की कोशिश की, जिससे कि उन्हें भविष्य निधि अंशदान अधिक न देना पड़े। शिकायत में आगे कहा गया कि प्रबंधन स्पेशल एलाउंस देकर उनको लंबे समय तक भ्रम में रखकर भविष्य निधि में हेरफेर करता रहा। उल्लेखनीय यह है कि इस दौरान किसी भी तरह का डीए उनको भुगतान नहीं किया गया। डीए न देने से उनको भविष्य निधि के साथ बड़ा नुकसान हुआ है।

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पंकज ने शिकायत में कहा कि वर्ष 2016 में प्रबंधन ने स्पेशल एलाउंस की जगह पर्सनल पे के रूप में रू. 16043 का भुगतान मासिक करने लगा जबकि पर्सनल पे की कोई वजह ही नहीं बनती थी। इस दौरान बेसिक पे के रूप में रू. 7376 मासिक भुगतान किया जबकि डीए के रूप में कोई भुगतान नहीं किया गया।

मनोज शर्मा, निर्मल कान्त शुक्ला, राजेश्वर विश्वकर्मा ने शिकायत में कहा कि हिन्दुस्तान मीडिया वेचर्स लिमिटेड बरेली ने डीए न देकर उन लोगों का नुकसान किया है और भविष्य निधि अंशदान में भी गलत तरीके से कटौती की है। इन लोगों ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रकरण में जांच कराके उचित कार्यवाही की जाए और शिकायतकर्ताओं के हित में भुगतान कराया जाए।

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