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रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा में उथल पुथल, मोहम्मद अकलीम बने कानपुर एडिशन के एचओडी

रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा के मुंबई एडिशन से उथल पुथल की खबरें आ रही हैं. मुंबई एड़ीशन में कार्यरत सीनियर एडिटोरियल स्टाफ मोहम्मद अकलीम को कानपुर एडिशन का एचओडी बनाया गया है. उन्होंने सोमवार को कानपुर पहुंच कर चार्ज भी ले लिया है. सहारा उर्दू का मुंबई एडिशन लंबे समय से स्टाफ और स्ट्रिंगरों की कमी से जूझ रहा था. महज़ 3 स्टाफ और एक एचओडी के बल पर निकलने वाला यह अखबार खबरों के अभाव और खामियों के चलते पतन पर है.

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रोज़नामा राष्ट्रीय सहारा के मुंबई एडिशन से उथल पुथल की खबरें आ रही हैं. मुंबई एड़ीशन में कार्यरत सीनियर एडिटोरियल स्टाफ मोहम्मद अकलीम को कानपुर एडिशन का एचओडी बनाया गया है. उन्होंने सोमवार को कानपुर पहुंच कर चार्ज भी ले लिया है. सहारा उर्दू का मुंबई एडिशन लंबे समय से स्टाफ और स्ट्रिंगरों की कमी से जूझ रहा था. महज़ 3 स्टाफ और एक एचओडी के बल पर निकलने वाला यह अखबार खबरों के अभाव और खामियों के चलते पतन पर है.

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इसकी रही सही कसर पूरी करते हुए मैनेजमेंट ने मार्केटिंग में काम करने वाले हुसैन शम्शी को मुंबई एडिशन का HOD बना दिया. अखबार का सर्कुलेशन गिर चुका है. उर्दू बेल्ट में अखबार को मिली कामयाबी इन दिनों नाकामी में तब्दील हो चुकी है. हज़ारों में छपने वाला वाला सहारा उर्दू अब सैकड़ों में सिमट कर रह चुका है. मुंबई उर्दू पत्रकारिता की तमाम ऊंच नीच सियासी ताने बाने से लेकर मुंबई की तमाम घटनाओं पर पैनी नज़र रखने वाले अक़लीम को कानपुर भेजे जाने से अखबार का editorial और भी कमज़ोर हो गया है HOD समेत 3 स्टाफ के कन्धों पर पूरा अखबार निकालने की जवाबदेही है.

मुंबई से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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