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विचार केवल बुद्धिजीवियों के पास होता है, इसे वेब मीडिया ने गलत साबित कर दिखाया : प्रकाश जावडेकर

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि वेब मीडिया की यह खासियत है कि परंपरागत मीडिया में जिनकी आवाज नहीं सुनी जाती, यहां उनकी भी आवाज सुनने का मौका सबको मिलता है। श्री जावडेकर ने उक्त विचार ‘वेब मीडिया की बढ़ती स्वीकार्यता’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में अपने वीडियो संदेश में व्यक्त किए। संगोष्ठी का आयोजन प्रवक्ता डाट काम और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग) द्वारा संचालित कबीर संचार अध्ययन शोधपीठ के संयुक्त तत्वावधान में 16 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली स्थित स्पीकर हाल, कांस्टिट्यूशन क्लब में संपन्न हुआ।

<p>केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि वेब मीडिया की यह खासियत है कि परंपरागत मीडिया में जिनकी आवाज नहीं सुनी जाती, यहां उनकी भी आवाज सुनने का मौका सबको मिलता है। श्री जावडेकर ने उक्त विचार 'वेब मीडिया की बढ़ती स्वीकार्यता' विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में अपने वीडियो संदेश में व्यक्त किए। संगोष्ठी का आयोजन प्रवक्ता डाट काम और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग) द्वारा संचालित कबीर संचार अध्ययन शोधपीठ के संयुक्त तत्वावधान में 16 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली स्थित स्पीकर हाल, कांस्टिट्यूशन क्लब में संपन्न हुआ।</p>

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि वेब मीडिया की यह खासियत है कि परंपरागत मीडिया में जिनकी आवाज नहीं सुनी जाती, यहां उनकी भी आवाज सुनने का मौका सबको मिलता है। श्री जावडेकर ने उक्त विचार ‘वेब मीडिया की बढ़ती स्वीकार्यता’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में अपने वीडियो संदेश में व्यक्त किए। संगोष्ठी का आयोजन प्रवक्ता डाट काम और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग) द्वारा संचालित कबीर संचार अध्ययन शोधपीठ के संयुक्त तत्वावधान में 16 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली स्थित स्पीकर हाल, कांस्टिट्यूशन क्लब में संपन्न हुआ।

उन्होंने कहा कि विचार केवल बुद्धिजीवियों के पास होता है और बाकियों के पास नहीं, इस बात को वेब मीडिया ने गलत साबित कर दिखाया है। वेब मीडिया पर लोग अधिक मौलिक विचार देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर विश्वास करते हैं और उन्होंने जब फर्ग्‍युसन कालेज, पूणे में भाषण दिया तो उन्होंने अपनी वेबसाइट पर शिक्षा के मुद्दे पर सुझाव मंगाए और सोलह सौ से ज्यादा सुझाव आए। उनमें से जो 25-30 अच्छे सुझाव थे, उसको उन्होंने लोगों के सामने विचार के लिए रखा।

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श्री जावडेकर ने कहा कि वेबसाइट के संचालन में यह ध्यान देने वाली बात है कि गुणवत्‍ता बनाकर रखना चाहिए। कभी-कभी स्तरीय लेख नहीं होते हैं तो लोग उस साइट को देखना बंद कर देते हैं, यूजर्स को लगना चाहिए कि मैं प्रवक्ता डाट काम पर जा रहा हूं तो मुझे कुछ न कुछ अच्छा पढ़ने को मिलेगा। उन्होंने प्रवक्ता डाट काम को समाज का प्रवक्ता बताते हुए कहा कि इसने इंटरनेट पर एक खुला मंच उपलब्ध कराया। ‘प्रवक्ता’ जैसे मंच का महत्‍व है। लोग लिखते गए और अब 6 साल हो गए। अब यह एक संस्था बन गई। यह उसकी बड़ी सफलता है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति डा. सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि वेब मीडिया लोकतांत्रिक परंपरा का प्रतीक है, इसमें किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के विचारों पर कोई भी आम आदमी टिप्पणी कर सकता है, अपनी असहमति जाहिर कर सकता है। उन्‍होंने कहा कि वेब मीडिया के माध्यम से लोग सशक्त ढंग से अपनी आवाज उठा रहे हैं।

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इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रवक्ता डाट काम के संरक्षक इंजी. श्री अरुण कुमार जैन थे। कबीर संचार अध्ययन शोधपीठ के निदेशक डा. आर. बालशंकर ने बीज वक्तव्य दिया। साहित्यशिल्पी डाट काम के संपादक श्री राजीव रंजन प्रसाद ने वेब मीडिया के महत्‍व पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ लेखक एवं स्तंभकार श्री ए. सूर्यप्रकाश ने तथ्यों के साथ अपनी बात रखी। आईआईएमसी के प्राध्यापक श्री शिवाजी सरकार ने वेब मीडिया की विशेषताओं एवं चुनौतियों को रेखांकित।

कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रवक्ता डाट काम के प्रबंध संपादक श्री भारत भूषण ने दिया। प्रवक्ता सम्मान सत्र का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रवक्ता डाट काम के संपादक श्री संजीव कुमार सिन्हा ने किया। इस अवसर पर 11 लेखकों को ‘प्रवक्ता सम्मान’ से सम्मानित किया गया, जिसमें पंडित सुरेश नीरव, श्री अशोक गौतम, श्रीमती बीनू भटनागर, श्री विजय कुमार, श्री अविनाश वाचस्पति, श्री गौतम चौधरी, श्री शादाब जाफर ‘शादाब’, डा. सौरभ मालवीय, सुश्री शारदा बनर्जी, श्री हिमांशु शेखर एवं श्री शिवानंद द्विवेदी ‘सहर’ के नाम उल्लेखनीय हैं। इसके साथ प्रवक्ता डाट काम द्वारा ‘वेब मीडिया की बढ़ती स्वीकार्यता’ विषय पर तृतीय लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें श्री मुकेश कुमार को प्रथम, श्री पीयूष द्विवेदी को द्वितीय और श्री शिवेंदु राय को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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इस कार्यक्रम में हिंदुस्थान समाचार के मार्गदर्शक श्री लक्ष्मीनारायण भाला, भाजपा साहित्य एवं प्रकाशन प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक श्री अम्बाचरण वशिष्ठ, सहसंयोजक डा. अनुपम आलोक, जनसत्‍ता के पूर्व संपादक श्री शंभूनाथ शुक्ल, स्तंभकार श्री अवधेश कुमार सहित बड़ी संख्या प्रिंट, इलेक्ट्रानिक एवं वेब मीडिया से जुड़े पत्रकार, ब्लागर्स एवं मीडिया के छात्र उपस्थित रहे।

प्रेस विज्ञप्ति

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