छत्तीसगढ़ में जंगल राज : पत्रकार सुनील नामदेव के परिजनों को अब तक न मिली एफआईआर की कॉपी!

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छत्तीसगढ़ में शासन व्यवस्था के मामले में काफ़ी अराजकता है। जंगल राज सरीखा हाल है। फ़र्ज़ ड्रग केस में उठाकर जेल भेजे गए पत्रकार सुनील नामदेव वाले केस में गजब के तथ्य सामने आ रहे हैं।

पुलिस ने 31 मई को सुबह 8:00 बजे सुनील नामदेव को उठा लिया था जिसके बाद अभी तक ऑनलाइन FIR की कॉपी अपलोड नहीं की गई है। ऑनलाइन में सिर्फ सेंसटिव लिखा हुआ है। इतना ही नहीं, गिरफ्तारी के 2 दिन बाद बीत जाने के बाद भी परिजनों को एफ आई आर की कॉपी भी नहीं सौंपी गई है।

कानून के जानकार ये बेहतर बता सकेंगे और समझ सकेंगे कि ऑनलाइन FIR की कॉपी में सेंसटिव किसके लिए लिखा जाता है, ऐसा कौन सा अपराध होता होगा जिसकी जानकारी नहीं शेयर करनी है … जानकारों के मुताबिक़ ऐसा आतंकवादी मामलों में ही होता है…

गिरफ्तारी के पहले FIR की कॉपी आरोपी के परिजनों को और उसके वकील को दी जाती है लेकिन ऐसा कौन सा सेंसटिव मामला बनाने में छत्तीसगढ़ पुलिस जुटी है कि सुनील नामदेव के परिजनों को अभी तक FIR की कॉपी नही दी गई..ना ही ऑनलाइन अपलोड किया गया है ..जबकि FIR की कॉपी देना अनिवार्य है क्योंकि एफआईआर की कॉपी मिलने के बाद ही पकड़ा गया आरोपी और परिजन राहत पाने के लिए आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू करेगा ..

देखिए गिरफ्तारी के समय की सूचना ..31 मई को किया गया गिरफ्तार ..

ऑनलाइन FIR का स्टेट्स- Sensitive

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One comment on “छत्तीसगढ़ में जंगल राज : पत्रकार सुनील नामदेव के परिजनों को अब तक न मिली एफआईआर की कॉपी!”

  • SARTHi Shiv shankar says:

    “आका” डीजीपी हैं या मुख्यमंत्री ? या दोनों।कहीं वो IPSs तो नहीं जिनकी फीचर सुनील नामदेव ज्यादातर खबरों में करते हैं।

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