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‘ज़ी पुरवइया’ ने अपने आठ मीडिया कर्मियों को नौकरी से निकाला

ज़ी मीडिया के बिहार-झारखंड के चैनल ज़ी पुरवईया से आठ लोगों को निकाल दिया गया है। लोगों का कहना है कि ज़ी मीडिया के इतिहास में ऐसा कम ही होता है जब किसी को निकाला जाता है। हालांकि ज़ी पुरवईया से जिन लोगों को निकाला गया है, संस्थान ने उनसे (दबाव देकर) त्यागपत्र लिया है। खबर ये भी है कि अगले कुछ दिनों बाद फिर कुछ लोगों को निकाला जाएगा। 

ज़ी मीडिया के बिहार-झारखंड के चैनल ज़ी पुरवईया से आठ लोगों को निकाल दिया गया है। लोगों का कहना है कि ज़ी मीडिया के इतिहास में ऐसा कम ही होता है जब किसी को निकाला जाता है। हालांकि ज़ी पुरवईया से जिन लोगों को निकाला गया है, संस्थान ने उनसे (दबाव देकर) त्यागपत्र लिया है। खबर ये भी है कि अगले कुछ दिनों बाद फिर कुछ लोगों को निकाला जाएगा। 

यहां से लोगों को निकालने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि जिन लोगों को निकाला गया है, वे काम में कोताही बरत रहे थे, जिसका सीधा असर चैनल के टीआरपी पर पड़ रहा था। खास बात यह है कि जिन लोगों को निकाला गया है, उनमे एक स्टोरकीपर भी शामिल है। लोग इस बात का अंदाजा लगा रहे हैं किस्टोर कीपर के काम का टीआरपी से क्या लेना-देना है। इसलिए अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि चैनल हेड अपने कुछ लोगों को यहां रखवाना चाह रहे हैं, जिसके लिए वो जगह खाली कर रहे हैं। 

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कुछ लोगों का मानना है कि चैनल हेड को बार-बार टारगेट दिया गया, लेकिन हर बार वो असफल रहे और ठीकड़ा दूसरों पर फोड़ते रहे। कभी उन्होने ज़ी पुरवईया के न्यूज चैनल और इंटरटेनमेंट के एक होने की वजह से रेटिंग नहीं आने का हवाला दिय़ा। जब इंटरटेनमेंट और न्यूज चैनल को अगल कर दिया गया तो फिर डिस्ट्रीब्यूशन का हवाला देकर रेटिंग नही आने की बात कही । अब उन्होन रेटिंग में नहीं आने के लिए कुछ कर्मचारियों को जिम्मेवार ठहराते हुए उन्हे चैनल से निकलवा दिया है। 

निकाले गये लोगों का कहना है कि चैनल हेड के पास चैनल चलाने का कोई अनुभव नहीं है। न ही उनके पास चैनल को लेकर कोई प्लानिंग है। झारखंड चुनाव के बाद से उनका पूरा ध्यान पटना में बन रहे अपने नये मकान पर केन्द्रित है। उनकी प्लानिंग है कि बिहार चुनाव तक उनका मकान बनकर तैयार हो जाए। इसके अलावे उनका ध्यान नेताओँ की ओर से दिये जाने वाले मीट और शराब की पार्टी पर टिका होता है। अब यहां से निकाले गये लोगों के साथ यहां काम कर रहे लोग चैनल के वरीय अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द चैनल हेड को हटाया जाए, ताकि चैनल सुरक्षित बचे।

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एक टीवी पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित

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0 Comments

  1. mukesh kumar

    August 5, 2015 at 6:20 pm

    sivpoojan jha ka channel me chamche bache hai or jo chamche nahi hai unpar talwar latka hua hai.ise sirf dalal milna chahiey.stringer me bhi kai chamche hai.chamche stringer siv ke baare me ek nahi sunte 5 aise chamche hai jo siv ko red light ilake se ladki pahunchate hai pair chhu kr parnam karte hai.in sabhi ko reporter banane ka sapna dikhata hai spj.kai ips ka chamcha spj ka chamcha bna hua hai or reporter se kam rasuk nahi rakhta channel me.dusre stringer aapas me phon par payement ka charcha karte hai to yah chamcha kahta hai kee achchh din aaega intjar karo .bihar ke vivadit ips ki meharbani se dabangai karta tha ab zee purvaiya me kisi stringer ka nahi sunta

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