विनोद कापड़ी-
दिल्ली पुलिस ने पीड़ित लड़की के चरित्रहनन करने की सुपारी न्यूज़ चैनलों को दे दी है और अपने चरित्र के मुताबिक़ चैनलों ने मारी गई बच्ची को बदनाम करना शुरू कर दिया है।
दिल्ली पुलिस के पास पोस्टमार्टम रिपोर्ट सबसे पहले आई होगी। दिल्ली पुलिस जानती थी कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंजलि के शराब पीने का कोई ज़िक्र नहीं है। इसके बावजूद “तथाकथित सहेली” के ज़रिए झूठी कहानी फैलाई गयी !! इतनी बर्बर मौत के बाद भी कोई इतना कैसे गिर सकता है ?
और दिल्ली पुलिस सारे वीडियो लड़की के ही क्यों लीक कर रही है ? ये सबसे बड़ा सवाल है। पुलिस के पास घटना से पहले का और घटना के बाद का लड़कों का एक वीडियो भी नहीं है?
मुझे यही अंदेशा था। कोई बचाव नहीं मिला तो लड़की को ही बदनाम करवा दो। 10 साल पहले इसी दिल्ली में जब निर्भया केस हुआ था तो पूरा देश , पूरी मीडिया उस बच्ची के साथ था
और आज 2023 में उतनी ही बर्बरता पर मीडिया आरोपियों , पुलिस और सरकार को बचाने में लगी है। 10 साल में ये भारत बदला है।
रोहिणी सिंह- Noida channels and ANI kept running a hideous non stop slander campaign against the victim aided by this ‘friend’ and endorsed by the police. Why? it because one of the accused happens to be a BJP man?
साक्षी जोशी- उसके सच पे तो तभी शक हो गया था जब वो खुद को ‘दोस्त’ बताती रही जो उसे मरता छोड़ घर में आराम से सोने चली गई, पुलिस तक को बताना ज़रूरी नहीं समझा।