मेरठ। नगर निगम का पार्षद एवं भाजपा कार्यकर्ता संजीव पुण्डीर ने डेयरियों पर खबर लिखने पर एक दैनिक अखबार के पत्रकार त्रिनाथ मिश्र को जान से मारने और भविष्य में खबर लिखने पर भुगत लेने की धमकी दी है। पत्रकार का कहना है कि अगर आस-पास के लोग उसे बचाने न आते तो वह अपने दर्जनों समर्थकों के साथ मिलकर मार देता। गौरतलब है कि वार्ड-42 में डेयरियों की समस्या लेकर गोल मन्दिर-धनवन्तरि व्यापार संघ के व्यापारियों ने बैठक की और लामबंद होकर डीएम, नगरायुक्त और एडीएम सिाटी को ज्ञापन दिया था।
व्यापारियों ने स्थानीय पार्षद पर डेयरियों से सेटिंग करके कार्रवाई में कोताही बरतने का आरोप भी कथित तौर लगाया था। इसी खबर के प्रकाशन के बाद से तिलतिलाया पार्षद पत्रकार के घर पर हमला कर दिया और परिजनों के साथ बदसलूकी एवं गाली-गलौज करनी शुरू कर दी। कारण पूछडने पर बताया कि उसने मेरी छवि खराब की है और अब मैं उसे पत्रकार बनाऊंगा। यही नहीं घर पर हमले के दौरान उसके साथ के लगभग एक दर्जन लोगों ने खुद को भाजपाई बताते हुये तीखी अभद्रता की।
पार्षद संजीव पुण्डीर ने भविष्य में खबर छापने के पर मेरठ से भगा देने या फिर अपने लोगों द्वारा उसे जान से मरवा देने की भी धमकी दी। उसने कहा कि मेरी सरकार केंद्र में सत्तारूढ़ है हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। दिमागी तौर पर बौखलाये पार्षद ने पत्रकार एवं उसके परिजनों को धमकाते हुये कहा कि आज तो मौखिक तौर कह कर पर छोड़ रहा हूं लेकिन आगे से ध्यान रखना, मैं रोज घर पर आऊंगा और तेरे घर पर अपने लोगों द्वारा कब्जा भी करवा दूंगा। यहीं गालियां बकूंगा मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। और ध्यान रखना मैं तुम्हे अपना कोई वर्जन नहीं दूंगा।
पार्षद संजीव पुण्डीर के इसी अड़ियल और वार्ड से सौतेले व्यवहार के चलते भाजपा ने पिछली बार उसे भाजपा का टिकट देने से इनकार कर दिया था और वो निर्दलीय चुनाव लड़ा था। संजीव पुण्डीर के इस प्रकरण से पत्रकारों में रोष का माहौल व्याप्त है। सवाल यह है कि अगर भाजपा का अदना सा कार्यकर्ता इतने उत्साह में है कि नरेंद्र मोदी के गुण्डाराज से मुक्ति के सपने पर पलीता लगा सकता है तो उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद भाजपा के इन कार्यकर्ताओं की अराजकता कैसी होगी? हलाकि पिछली बार पुण्डीर के इसी व्यवहार के चलते भाजपा ने पार्षद का टिकट देने से मना कर दिया था।