दिग्गज अमेरिकी निवेशक वॉरेन एडवर्ड बफेट को भारत में 630 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बफेट ने अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के माध्यम से पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी। बफेट की कंपनी ने 2018 में 2,200 करोड़ रुपये में पेटीएम में 2.6% हिस्सेदारी हासिल की। उस समय इस सौदे का मूल्य लगभग 10 बिलियन डॉलर था। यह डील बफेट का भारत में एकमात्र निवेश है।
बर्कशायर हैथवे ने 2018 में 1,279.70 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर 17,027,130 शेयर खरीदे। उन्होंने पेटीएम के 2021 आईपीओ के जरिए अपने कुछ शेयर बेचे। शुक्रवार को बर्कशायर हैथवे ने अपनी सहायक कंपनी बीएच इंटरनेशनल होल्डिंग्स के माध्यम से पेटीएम में अपनी पूरी हिस्सेदारी (15,623,529 शेयर) 877.2 रुपये प्रति शेयर पर बेच दी।
यह सौदा, जो खुले बाज़ार के माध्यम से किया गया था, परिणामस्वरूप बर्कशायर को 1,371 करोड़ रुपये के लाभ पर 630 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ। नतीजा यह हुआ कि बफेट की कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
पेटीएम की मूल कंपनी को भी दूसरी तिमाही में घाटा हुआ, जो पहले 572 करोड़ रुपये था और अब 292 करोड़ रुपये हो गया है। इस अवधि के दौरान कंपनी का राजस्व भी 32 प्रतिशत बढ़कर 2,519 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,914 करोड़ रुपये था।
वन 97 कम्युनिकेशंस का नवंबर 2021 में 2,150 रुपये पर 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ था, लेकिन वह कभी उस स्तर तक नहीं पहुंचा।