2012 के एक मामले में पांडेय जी से सीबीआई ने चौदह वर्ष की नवारुन चक्रवर्ती के अपहरण और कत्ल के मामले में पूछताछ की थी। इस बच्ची का उसके घर से अपहरण कर लिया गया था और क़रीब एक महीने बाद उसकी हड्डियों का ढाँचा उसके घर के पास के नाले में बरामद हुआ था जिसे डीएनए जाँच से पहचाना जा सका था।
लड़की के पिता के अनुसार उसने मामले में पांडेय को अभियुक्त बनाने की दरख्वास्त दी थी। उसने बताया कि भू माफिया ने उसका घर ख़ाली कराने के लिये दबाव बनाने के लिये उनकी बच्ची का अपहरण करके हत्या कर दी थी।
सीबीआई को यह मामला 2014 में सौंपा गया था और तब तक केंद्र में मोदीजी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बन चुकी थी, अच्छे दिन आ चुके थे और नितीश कुमार जी की राय भी पांडेय जी के विषय में बदलाव की ओर थी।
यह जानना दिलचस्प होगा कि 2009 में पांडेय जी ने IPS छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी और वे बक्सर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे पर उन्हें टिकट न मिल सका था।
टिकट न मिलने पर पांडेय ने नितीश कुमार जी के यहाँ दरख्वास्त लगाई और आश्चर्यजनक रूप से उनके रिटायरमेंट को उलट कर उन्हें फिर IPS के रूप में सेवा में बहाल कर लिया गया। इस मामले में राष्ट्रपति की मंज़ूरी तक न ली गई जो ज़रूरी थी।
पांडेय 1987 बैच के IPS अफ़सर हैं और अब उनके सेवाकाल का अंतिम चरण है। 2009 में जो उनके हाथ से छूट गया था वह भविष्य में वापस आ सकता है या और नई संभावनाओं का मौक़ा दे सकता है, यह भी तो अनुमान लगाया जा सकता है?
वरिष्ठ पत्रकार और सत्य हिंदी के संपादक शीतल पी सिंह की एफबी वॉल से.