अमित चतुर्वेदी-
इस मेट्रिक्स को थोड़ा ध्यान से देखिए, एक अमेरिकन ने ये मेट्रिक्स बनाया है।
अगर हम एक जेनरेशन को 25 साल का मान लें, तो विज्ञान और वैज्ञानिक प्रमाण ये कहते हैं कि सिर्फ़ 500 जेनरेशन पहले हम लोग शिकारी हुआ करते थे और गुफाओं में रहा करते थे। तब हमने खेती करने के बारे में सोचा भी नहीं था। अगर इस मेट्रिक्स को हम भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो भगवान राम का काल लगभग 7000 साल पहले का माना जाता है, यानि हमारी 280 जेनरेशन पहले के दादा दादी भगवान राम के समकालीन थे। और भगवान कृष्ण जो आज से 5000 साल पहले हुए वो हमारे 200 जेनरेशन पहले के दादा दादी के समकालीन थे। हो सकता है वो कौरवों की पार्टी में रहे हों या पांडवों की पार्टी में या फिर मेरी तरह neutral रहे हों, लेकिन हम लोग आज हैं तो बेशक हमारे 200 जेनरेशन पहले वाले दादा दादी भी उस ज़माने में रहे ही होंगे।
दुनिया भर में क्रिस्चीऐनिटी यानि कृष्ण नीति 🙂 फैलाने वाले जीजस के समय दुनिया में हमारे 80 पीढ़ी पहले वाले दादा दादी विचरण कर रहे थे।
आज जो भी हमारे मुस्लिम भाई बहन हैं उनके महज़ 56 जेनरेशन पहले जब दुनिया में इस्लाम की स्थापना हुई तब की के दादा दादी या तो हिंदू या तो बौद्ध या फिर जैन बनकर अपने अपने मंदिर जा रहे होंगे, और तब तो उन्हें अंदाज़ा भी नहीं होगा कि उनकी आने वाली पीढ़ियों में से कोई मुस्लिम बनेगा।
बेशक इसी समय मेसोपोटामिया माया और अन्य सभ्यताओं वाली पीढ़ी के दादा दादी के भगवान अलग अलग रहे थे, लेकिन उनमें से लगभग सभी धर्म अब मान्यता में नहीं।
हमारे भगवान तबसे लेकर आजतक के दादा दादियों और उनके पोते पोतियों के भगवानों में सबसे प्राचीन हैं। हालाँकि इससे किसी भी तरह की सुप्रिमेसी सिद्ध नहीं होती और न ही सुप्रीमेसी सिद्ध करना मेरा उद्देश्य है, और जिस तरह से हमारे पिछली कई पीढ़ियों के दादा दादी कन्वर्ट हुए या करवाए गए, हमारे कौन सी जेनरेशन के पोते पोती जाकर किस पाले में बैठ जाएँ इसका भी भरोसा नहीं।
लेकिन एक बात तो तय है, दुनिया में आज प्रचलित किसी भी धर्म के आने के पहले हम सबका धर्म एक था और वो रोटी नहीं बोटी था, क्यूँकि जब बोटी हमारा धर्म था तब हमारे दादा दादी ने रोटी के बारे में सोचा भी नहीं था।
एक बार पेट भर जाने और पेट के हमेशा भरे जाने की व्यवस्था के बाद ही धर्म शुरू होता है। इसीलिए असली धर्म भूख है बाक़ी सब मनुष्य के अहंकार की लड़ाई है।