खुशदीप सहगल-
‘एनिमल’ फिल्म के साथ रणबीर कपूर के किरदार को लेकर एक टर्म बहुत सुना जा रहा है ‘अल्फा मेल’…
फिल्म में जिस तरह रणबीर को घर के लॉन में नंगा घूमते, पत्नी को मारते, पराई औरत से अंतरंग संबंध बनाते, पिता के सामने सुट्टे लगाते, दारू पीते दिखाया गया है, क्या ऐसा दमनकारी और स्त्री-द्वेष (misogyny) रखने वाला होता है ‘अल्फा मेल’? क्या यही है मर्दानगी की पहचान?
फिल्म से अलग हट कर अब जानते हैं कि असल में ‘अल्फा मेल’ क्या होता है, क्या होती हैं उसकी 5 ख़ासियतें?
- आत्मविश्वास
‘अल्फा मेल’ की सबसे बड़ी पहचान उसका गज़ब का आत्मविश्वास होता है…उसे अपनी क्षमता पर भरोसा होता है.…न वो अपने पर संदेह रखता है और न वो नई चुनौतियों का सामना करने से घबराता है…कम्फर्ट ज़ोन से निकल कर कुछ नया करने को तैयार रहता है…बॉडी लैंग्वेज उसकी मज़बूत रहती है जैसे कि आंखों में आंख डालकर बात करना, कंधे सीधे रखना… - लीडरशिप
अल्फ़ा नेचुरल लीडर की तरह आगे बढ़कर ज़िम्मेदारी खुद पर लेता है और दूसरों को भी गाइड करता है… - मुश्किल फ़ैसले लेना
‘अल्फ़ा मेल’ सारी स्थिति का आकलन करने के बाद सभी विकल्पों पर सोचता है…जो विकल्प उसे सबसे अच्छा लगता है, उस पर आगे बढ़ने में देर नहीं लगाता…इसके लिए छोटी-मोटी बातों की परवाह नहीं करता… - डॉमिनेंस
किसी भी परिस्थिति में मज़बूत बॉडी लैंग्वेज और प्रभावी ढंग से अपनी बात रखने की क्षमता से सभी का ध्यान अपनी ओर मोड़ लेना…अति आक्रमकता दिखाएं बिना भी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से पीछे न हटना…जब ज़रूरत हो तो साफ़ ‘ना’ कहना भी आना… - क़ामयाबी
अल्फ़ा जीवन के हर क्षेत्र में क़ामयाबी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, चाहे वो करियर हो, रिलेशनशिप हो या अपने शौक़…इसके लिए वो लक्ष्य तय कर स्टैप बाई स्टेप आगे बढ़ते हैं…हर छोटी-बड़ी क़ामयाबी उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है…
आख़िर में सभी पुरुषों से मेरा सवाल- आप क्या बनना चाहेंगे एनिमल का रणविजय सिंह (रणबीर कपूर) या ऊपर दी पांच ख़ासियत वाला ‘रीयल अल्फा मेल’? महिलाएं भी बताएं कि इन दोनों में से उनका वोट किसके हक़ में रहेगा?