विज्ञापन से पैसा कमाने की भूख में फंस गए अमिताभ, माधुरी और प्रीति जिंटा, तीनो पर परिवाद दायर

Share the news

बाराबंकी/लखनऊ : फिल्मी सितारे अपनी छवि की आड़ में पैसे के लिए जो भी कर डालें, कम है। जो चाहे, उनकी जेब भर कर जहर को अमृत कहलवा ले, चुनाव में प्रचार करवा ले, दुबई तक डॉन की महफिल में ठुमके लगवा ले। लेकिन इस बार मामला टेढ़ा पड़ता दिख रहा है। अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा पर मुकदमा दर्ज हो गया है। ये तीनो मैगी का विज्ञापन करने के कुसूरवार बताए गए हैं। नेस्ले इंडिया का प्रमुख उत्पाद है ‘मैगी’, जिसमें में सेहत के लिए नुकसानदेह तत्व पाये जाने के मामले में शनिवार को बाराबंकी की विभिन्न अदालतों में सितारों के साथ कम्पनी व अन्य पक्षों के खिलाफ अलग-अलग परिवाद दायर किये गये।

गौरतलब है कि मैगी में मोनो सोडियम ग्लूकामेट खतरनाक तत्व पाया गया है। यह बच्चों में मैगी खाने की तलब पैदा करता है। मैगी में मोनो सोडियम ग्लूकामेट तय मानक से ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। ऐसी मैगी का विज्ञापन करना बॉलीवुड सितारों को महंगा पड़ रहा है। मिलावट का मामला गंभीर होता जा रहा है। 

बाराबंकी के एसीजेएम कोर्ट में शनिवार को फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन के साथ अभिनेत्री माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा तथा नेसले इंडिया के मुख्य कार्यकारी सहित छह के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संतोष सिंह ने मैगी में मिलावट के मामले में यह केस दर्ज किया है। इस मामले में लखनऊ के भी कुछ व्यापारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।

उधर गोंडा में शनिवार को नेस्ले कंपनी के प्रोडक्ट्स को लेकर छापेमारी की गई। एफडीए और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम की छापेमारी में मैगी के साथ चॉकलेट और ट्रॉपिकाना जूस के नमूने भी लिए गये हैं। बताया जा रहा है कि अब बाराबंकी में नेस्ले इंडिया की दो फर्मो के साथ छह के खिलाफ केस दर्ज होगा। मैगी पर विवाद के चलते शनिवार को ही फर्रुखाबाद, हरदोई, सुलतानपुर व इटावा में एफडीए की टीम ने छापेमारी की है।

देहरादून से सूचना है कि खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने माधुरी दीक्षित को मैगी नूडल्स के विज्ञापन में काम करने पर एक नोटिस भेजा है। एक अधिकारी ने बताया कि माधुरी एक विज्ञापन में दो मिनट में बनने वाले मैगी नूडल्स का बच्चों के एक सेहतमंद खाने के रूप में प्रचार करती दिख रही हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में एफडीए ने मैगी के पैकेट्स में खतरनाक स्तर तक जिंक मिलने एवं इसमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट की तय सीमा का उल्लंघन होने का खुलासा होने के बाद मार्च 2014 में मैगी के पैकेटों को बाजार से वापस लेने की मांग की थी।

भड़ास व्हाट्सअप ग्रुप ज्वाइन करें- BWG9

भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

भड़ास वाट्सएप नंबर- 7678515849

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *