लुधियाना : हैबोवाल के जस्सियां रोड और शिंगार सिनेमा रोड के दो घरों से सोमवार को दो बंधुआ बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया। इन बाल श्रमिकों ने जो आपबीती सुनाई उसे सुनकर अधिकारी भी हक्के-बक्के रह गए। इनका कहना है कि घर के मालिक काम कराने के लिए उनसे मारपीट करते थे। काम नहीं कर पाते तो गर्म प्रेस से दागा जाता था।
बचपन बचाओ आंदोलन के दिनेश ने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी हैबोवाल के जस्सियां रोड पर रहने वाले एक निजी चैनल के पत्रकार के घर बच्ची को बंधक बनाकर काम कराया जाता था। अगर बच्ची काम नहीं करती तो उसके साथ मारपीट की जाती। उन्होंने लेबर विभाग की टीम के साथ मिलकर वहां पर छापामारी की तो बच्ची वहीं पर थी। जब बच्ची से पूछताछ की गई तो उसने सारी बात बताई। उन्होंने तुरंत उसे वहां से मुक्त कराया।
दिनेश ने बताया कि ऐसे ही उन्हें पता चला था कि शिंगार सिनेमा के पास रहने वाले एक व्यापारी के घर पर बच्चा काम करता था। उसे अमृतसर से खरीद कर लाया गया था। आसपास के लोगों को भी इसका पता नहीं था। जब श्रम विभाग की टीम ने वहां पर छापामारी की तो बच्चा घर में था। उसने बताया कि अगर वह कोई काम नहीं कर पाता था तो घर का मालिक उसे गर्म प्रेस के साथ दागता था। बच्चे की बाजू और टांग पर प्रेस से जलाए जाने के निशान हैं। श्रम विभाग के साथ गई पुलिस ने दोनों बच्चों को मुक्त करा उनका मेडिकल कराया। इनके साथ मारपीट करने के मामले में थाना डिवीजन सात पुलिस को शिकायत दे दी गई है।