आजकल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के अधिकांश पत्रकार राज्य सरकार की भेदभाव वाली नीति से बेहद नाराज हैं। हुआ यों कि मुख्यमंत्री को इंदौर में अगले महीने होने वाली ‘इन्वेस्टर मीट’ के लिए पत्रकारों को साधना था। इस ‘इन्वेस्टर मीट’ को लेकर सरकार की छवि सकारात्मक बने और कुछ गलत न छपे, इसके लिए भोपाल के चुनिंदा 36 पत्रकारों को मुख्यमंत्री ने एक बड़े होटल में डिनर के लिए आमंत्रित किया। इनमें बड़े अख़बारों के संपादक, चैनल के हेड और कुछ दिल्ली के अख़बारों के ब्यूरो प्रमुख थे। इस जानकारी के बाहर आते ही, भोपाल के मीडिया में हड़कम्प मच गया।
कई अख़बारों में ख़बरें छपी। क्योकि, इससे पहले इस तरह का भेदभाव कभी नहीं किया गया था। जनसंपर्क विभाग भी सकते में आ गया कि ये क्या हो गया। इंदौर के पत्रकार भी नाराज हैं कि जब ‘इन्वेस्टर मीट’ इंदौर में होना है तो भोपाल के पत्रकारों को क्यों साधा जा रहा है। बताते हैं कि नाराजी का बड़ा कारण इस डिनर में दिए जाने वाले महंगे तोहफे हैं, जो इन 36 पत्रकारों को ही मिले।
इस डिनर पार्टी की संयोजक जनसंपर्क एजेंसी ‘माध्यम’ है। इसके मुखिया सुरेश तिवारी हैं, जो हमेशा ही विवादों में रहते हैं। ये उन्हीं का नया कारनामा है। कांग्रेस के शासनकाल में दिग्विजय सिंह के खासमखास रहे सुरेश तिवारी भाजपा का ढोल पीट रहे हैं और सीएम के काफी नजदीक हैं। इन 36 पत्रकारों की लिस्ट भी सुरेश तिवारी ने ही बनायीं थी। अब भोपाल के पत्रकार ये देख रहे हैं कि बाकी पत्रकारों की नाराजी दूर करने के लिए क्या किया जाता है? (कानाफूसी)