मुकेश अंबानी ने भले ही मीडिया, मनोरंजन और इंटरनेट के क्षेत्र में भारी निवेश करके सबको चौंकाया हो लेकिन हर कॉर्पोरेट घराने को मीडिया व्यापार रास आए यह ज़रूरी नहीं। पिछले हफ्ते ख़बर आई थी कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल (R-Cap) जिसके माध्यम से ग्रुप ने मीडिया, मनोरंजन और इंटरनेट के क्षेत्र में निवेश किया था, धीरे-धीरे इस क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बेच कर पैसा निकाल रही है।
अनिल अंबानी ग्रुप की टीवी टुडे नेटवर्क लि. में अधिकतम 14.9 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। अरुण पुरी द्वारा प्रमोटेड ये ग्रुप आज तक और हेडलाइन्स टुडे चैनलों को नियंत्रित करता है। पिछले कुछ महीनों से ग्रुप ने धीरे धीरे अपनी हिस्सेदारी को घटाना शुरू कर दिया था। इस महीने के शुरू में ही कंपनी ने करीब चार लाख अस्सी हज़ार शेयर बेच कर अपनी हिस्सेदारी को पांच प्रतिशत तक कम कर लिया। अपने पुनर्गठन की रणनीति के तहत ग्रुपी इसी प्रकार या तो मीडिया क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी कम कर रहा है या कम करने की योजना बना रहा है।
फिलहाल ख़बर ये है कि आदित्य बिड़ला ग्रुप भी अरूण पुरी की कंपनी लिविंग मीडिया में अपनी 27.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी बेच कर निकलने की तैयारी में है। आदित्य बिड़ला ग्रुप ने मई 2012 में लिविंग मीडिया में अल्पमत हिस्सेदारी खरीदी थी। लिविंग मीडिया मूल कंपनी है और इसकी टीवी टुडे नेटवर्क में 57.2 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी है। बिड़ला ग्रुप ने बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बीओएफए-एमएल) को अपनी हिस्सेदारी का खरीददार ढूंढने का काम दिया है।
हालांकि मीडिया में आयी इन ख़बरों की पुष्टि आदित्य बिड़ला ग्रुप द्वारा अभी नहीं की गयी है।
एक झलक उन कॉर्पोरेट घरानों की जिन्होने मीडिया में निवेश किया हैः