लगता है कि दिल्ली में फुटपाथिये, कूड़ा बीनने वाले और झु्ग्गियों में रहने वालों के दिन जरूर फिर गये हैं. दिल्ली पुलिस को झुग्गियों और कूड़ा बीनने वालों से मुहब्बत हो गयी है. हालांकि ये चार दिन की चांदनी जैसी बात हो सकती है फिर भी फुटपाथिये, कूड़ा बीनने वाले और झुग्गियों में रहने वाले आजकल दिल्ली पुलिस के माई-बाप बने हुए हैं. दिल्ली पुलिस के सामान्य सिपाही से लेकर आला अफसर तक झुग्गी वालों के पास पहुंच रहे हैं. उनकी मान-मनुहार कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस इन सभी का दिल जीत लेना चाहती है.
दिल्ली पुलिस उन्हें अपना सबसे भरोसेमंद साथी बनाना चाहती है. यह सारी कवायद भारत सरकार के गृहमंत्रालय के निर्देश पर हो रही है. दिल्ली पुलिस को प्रेमभाव के साथ झुग्गीवालों, कूडा़ बीनने वालों के बीच देख कर सवाल खड़े होना बाजिब है. सामान्य परिस्थितियों में लोगों से सीधे मुंह बात न करने वाले पुलिस वाले क्या भाजपा के एजेंट बन गये हैं क्या ? क्या राजनाथ सिंह ने मोदी का दिल जीतने के लिए झुग्गी वालों के वोट बटोरने का जिम्मा दिल्ली पुलिस को सोंप दिया है…? तफ्तीश करने पर पता चला कि दोयम दर्जे का नागरिक जैसा जीवन जीने वालों की मिजाजपुर्सी की बजह अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत विजिट है. आतंकियों ने ओबाम की विजिट के दौरान धमाकों की धमकी दी है. इन धमकियों से दिल्ली पुलिस की सांस फूल गयी है. इसी बजह से अब वो फुटपाथिये, कूड़ा बीनने वाले और झु्ग्गी वालों की शरण में है. फुटपाथिये, कूड़ा बीनने वाले और झु्ग्गी वालों का दिल जीत कर दिल्ली पुलिस उन्हें खास ट्रेनिंग देने जा रही है. अब कम से कम जब तक अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आकर वापस अमरीका नहीं चले जाते तब तक तो इन फुटपाथिये, कूड़ा बीनने वाले और झु्ग्गी वालों की मौज ही मौज है. कूडा़ बेचकर होने वाली कमाई के अलावा दिल्ली पुलिस से दिहा़ड़ी भी जो मिलने वाली है.