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सुख-दुख

विधायक से रिश्वत मांगने और झूठी ख़बर छापने पर भास्कर ब्यूरो चीफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज

धौलपुर। दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ पर कानून का शिकंजा कस गया है। ब्यूरो चीफ के खिलाफ धौलपुर की बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व संसदीय सचिव ने खबर नहीं छापने के नाम पर 2 लाख रूपये की रिश्वत मांगने की शिकायत थाना निहालगंज पुलिस से की थी। उनकी शिकायत पर पुलिस ने 27 जून 2014 को ब्यूरो चीफ के खिलाफ धारा 384, 120बी व 420 के तहत एफआईआर (क्रमांक 175) दर्ज की थी। इस मामले में पुलिस द्वारा गवाहों के बयान लिये जा चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार पिछले दिनों विधायक अपने कार्यकर्ताओं के साथ नेशनल हाईवे संख्या 3 पर परिवहन विभाग द्वारा की जा रही अवैध वसूली तथा अन्य विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जिला कलेक्ट्रेट पर भूख हड़ताल पर बैठे थे। इसी दौरान दैनिक भास्कर धौलपुर के ब्यूरो चीफ धरना स्थल पर पहुंचे और विधायक से पॉजीटिव ख़बर छापवाने के लिए दो लाख रुपए की मांग की और रुपए न देने पर नेगेटिव खडबर छापने की धमकी दी।

भूख हड़ताल पर बैठे विधायक और उनके कार्यकर्ताओं ने बयूरो चीफ की बात मानने से इंकार कर दिया। ये सुन कर ब्यूरो चीफ उखड़ गये और दूसरे दिन दैनिक भास्कर में, कूटरचित दस्तावेजो के आधार पर, विधायक के खिलाफ खबर छाप दी। ख़बर से विधायक की छवि पर प्रभाव पड़ा। इसके बाद विधायक ने ब्यूरो चीफ द्वारा दैनिक भास्कर में तथ्यविहीन व झूठी खबर छापने और 2 लाख रूपये मांगने का मामला पुलिस में दर्ज कराया। जांच अधिकारी और थाना प्रभारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया ब्यूरो चीफ को दोषी पाया गया है। ब्यूरो चीफ को इस सम्बन्ध में थाने तलब किया गया था लेकिन उन्होंने विधायक के खिलाफ प्रकाशित ख़बर के तथ्य जांच अधिकारी को नहीं सौंपे। मामले की जांच करीब-करीब पूरी हो चुकी है और पुलिस अधीक्षक के निर्देष पर ब्यूरो चीफ के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की जाएगी।

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ऐसे किये फर्जी दस्तावेज तैयार

गौरतलब यह है कि ब्यूरो चीफ को जब विधायक ने दो लाख रूपये देने से मना कर दिया तो वह बाड़ी विधानसभा के एक पूर्व विधायक से मिला। पूर्व विधायक द्वारा वर्तमान विधायक के खिलाफ खबर छापने के लिए ब्यूरो चीफ को 40 हजार रूपये दिये जाने की बात सामने आई है। बाद में पूर्व विधायक के ड्राइवर और ब्यूरो चीफ ने वर्तमान विधायक का फर्जी लेटरपेड तैयार कर उस पर कुछ गाड़ियों के नम्बर लिखे। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ब्यूरो चीफ ने विधायक के खिलाफ खबर छापी थी।

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बाद में ब्यूरो चीफ ने यह कह कर जिला कलक्टर को इस मामले में घसीटना चाहा कि उसे यह लिस्ट कलक्टर द्वारा दी गई है। ब्यूरो चीफ ने दैनिक भास्कर के उच्चाधिकारियों को भी सही बात नहीं बतायी थी कि उसने ये तथ्य कहां से प्राप्त किये हैं। वहीं जिला परिवहन अधिकारी ने विधायक को लिखित में एक पत्र भेजकर कहा है कि ब्यूरो चीफ ने जो लिस्ट भास्कर में छापी है वह जानकारी परिवहन कार्यालय से नहीं दी गई है। इससे स्पष्ट हो गया है कि ब्यूरो चीफ ने झूठे तथ्यों के आधार पर 2 लाख रूपये ऐंठने की साजिश रची थी और ख़बर छाप कर विधायक की छवि ख़राब करने की कोशिश की।

भ्रष्टाचार के मामले में ब्यूरो चीफ के खिलाफ एक और विभागीय जांच विचाराधीन

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गौरतलब है कि तीन माह पहले धौलपुर के रीको एरिया के एक व्यापारी के खिलाफ भी इस ब्यूरो चीफ ने एक कूटरचित दस्तावेज तैयार कर खबर प्रकाशित की थी। बाद में व्यापारी को दबाब में लेकर ब्यूरो चीफ द्वारा पैसे ऐंठने की बात भी सामने आई। मामले की जांच दैनिक भास्कर अलवर संस्करण के संपादक ने शुरू कराई। एक वरिष्ठ रिपोर्टर जांच के लिए धौलपुर पहुंचे और जांच रिपोर्ट संपादक को सौंपी।

क्या मजबूरी है भास्कर की इस ब्यूरो चीफ को रखने की?

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इन सब बातों से साफ है कि धौलपुर के ब्यूरो चीफ पैसे लेकर ख़बरें प्रकाशित कर रहे हैं और दैनिक भास्कर की विश्वसनीयता को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। ऐसे भ्रष्ट कार्य करने वाले ब्यूरो चीफ के खिलाफ भास्कर मैनेजमेंट कार्यवाही करने से क्यों हिचक रहा है? ब्यूरो चीफ की भर्ती करने वाले संपादक की भी सोच इसी तरह की थी। उन्होनें भी धौलपुर विजिट के दौरान यह कह कर सबको चौंका दिया था कि मालिकान और नेशनल हेड के चक्कर में मत आओ अपना फायदा देखो अपने को अपडेट करो इसी से तरक्की संभव है। ऐसे भ्रष्ट संपादक की जांच के साथ इसके द्वारा लगवाये गये सभी रिपोर्टरों की जांच होनी चाहिए ताकि दैनिक भास्कर की छवि धूमिल नहीं हो और पाठकों में विश्वसनीयता बनी रहे।

 

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भड़ास को भेजे गए पत्र पर आधारित।

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0 Comments

  1. shankerdev

    July 15, 2014 at 12:23 pm

    क्या ऐसा संभव है ….
    जहां किसी भी खवर को छापने से पहले दो …..
    द्वार तय करने पड़ते हों
    साथ ही वह स्थानीय नही हो …
    ये वो शहर है जहां
    अखवार पाने के लिए
    कोई भी शहादत ली जा सकती है …
    और ऊपर से व्यूरो पर डायरेक्टर …..
    उसके गुर्गे …..
    फिर कोण रिश्वत मांग सकता है ….
    अदालत के निर्देश पर ….
    मामले दर्ज करना कराना यहां की पोलिस
    का अंदाज है
    विधायक वो भी कप्तान की पार्टी के ही दाल के से
    रिश्वत
    अंधा आरोप है
    ये तो सीधा निर्देश है
    भाग लो बेटा ….
    पतली गली से
    यहां तो बाहरी व्यूरो चीफों का सबसे ज्यादा पसंदीदा गीत
    वच के निकल इस बस्ती से ….

  2. harish Kumar

    July 15, 2014 at 1:17 pm

    bhaskar ke is bearochif ne jo ghinona kam kiya hai uske liye use saja milni chaiye lekin ab tak akhir kyo chup hai bhaskar ke officer lagta hai ki wah iske khilaf challan ya FR ka intezaar kar rahe hai uske baad us FIR me se jo result ayega uske baad hi aese beauro chif ki file ko niptayenge 😳

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