माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी,
प्रधानमंत्री
भारत सरकार, नई दिल्ली
आपके पास मैं यह शिकायत या निवेदन इस उम्मीद में कर रहा हूं कि आप हम लोगों का दुख सुनेंगे और इस पर ध्यान देंगे। आपके बारे में लोग बताते हैं कि आपके आफिस मेल करने या शिकायत कर देने भर से किसी व्यक्ति को तुरंत उसका हक और न्याय मिल जाता है। आपकी जानकारी में एक गंभीर मामला डालकर उस पर तुरंत कार्यवाही की आशा में यह शिकायत भेज रहा हूं। कृपया तुरंत ध्यान दीजिएगा।
साल 2012-13 में हम प्रिंट मीडिया में काम करनेवाले पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए गठित वेजबोर्ड मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें आई। इसे कानून बनाकर लागू किया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसले दे दिया। इसके बाद भी भारत देश के नई दिल्ली स्थित मीडिया हाउस हिन्दुस्तान टाइम्स के मालिकान इसका लाभ कर्मियों को नहीं दे रहे हैं। एचटी मीडिया, नई दिल्ली (अंग्रेजी-हिंदुस्तान टाइम्स) और एचएमवीएल, नोएडा व नई दिल्ली से (हिन्दुस्तान-हिंदी) में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी को मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से पे स्केल और एरियर अब तक नहीं दिया गया।
साथ ही अपने प्रभाव एवं पैसे के बल पर प्रबंधन भ्रष्ट तरीके से लेबर कमिश्नर, नोएडा, लखनऊ उ.प्र. एवं नई दिल्ली से पूरी तरह से गलत और एकदम झूठी रिपोर्ट तैयार करा दी है जबकि वास्तविक सच्चाई इससे कोसों दूर है। आप कृपया पूरे मामलों की अपने स्तर पर पूरी जांच कराइए एवं दोषियों को दंडित करवाइए एवं हमें न्याय दिलवाइए। माननीय जी, इन कंपनियों एचटी मीडिया व एचएमवीएल के गलत और अन्यायपूर्ण तौर-तरीके से हम सैकड़ों-हजारों लोग (परिवार) परेशान हैं। कृपया जल्द हमें हमारा हक दिलवाइए।
सधन्यवाद।
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
ek mediakarmi
August 16, 2016 at 2:47 pm
एचएमवीएल की मनमानी
दो साल पहले नया न्यूज रूम बनाने के नाम पर एचटी मीडिया नई दिल्ली के के.जी. मार्ग से नोएडा शिफ्ट हुई हिंदी हिन्दुस्तान की यह कंपनी अब उस न्यूज रूम के एक साल बन जाने के बाद भी वापस शिफ्ट नहीं हो रही, क्योंकि इसके मुख्य संपादक और प्रबंधक नहीं चाह रहे तो फिर मालिक की क्या औकात। क्योंकि शायद यहां इन लोगों को हर तरह का फायदा दिख रहा है पर इन्हें कर्मचारियों का कोई ख्याल नहीं। जिनका न ये वेतन वृद्रि करते और यहा जिनका खर्च भी यहां बढ़ चुका है। कुछ तो सोचना चाहिए। जबकि ये बार-बार सबको झूठे वायदे करते रहे कि जल्दी वापस दिल्ली जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि अब ये नहीं ले जाएंगे, तो सवाल है कि इतने मॉडर्न बने करीब 1 साल से धूल फांक रहे और करोड़ों की लागत से बने उस न्यूज रूम का बनाने का आखिर किसको लाभ। जिसमें मालिक की खून-पसीने की कमा3ई इन अफलरों ने पानी में बहा दी।
अब तो सोचना चाहिए.
Naman
August 18, 2016 at 7:21 am
Majithiya wage board ke karan employee ka Heena Haram ho gaya hai.
Ye print media wale iss samay apne employee ko kutta samajh Rahe hai.
Na increment na majithiya Na proper work.
Har cheej ka Tina load dal Diya hai bechara karamchari kaam Kar Kar ke mara ja raha hai.
Aur adhikari apna sir ucha karne me neeche wali ki marne per tule hai.
Ek din Jayega case ka faisala to nahi aayega per hum chote employees ki job chali jayegi