Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

बिना रजिस्ट्रेशन हिंदुस्तान अखबार का मुंगेर संस्करण छापने पर मालिक, संपादक, प्रकाशक समेत कइयों के खिलाफ मुकदमा लिखने के आदेश

बिहार के मुंगेर से सूचना है कि दैनिक हिन्दुस्तान प्रबंधन द्वारा अखबार के फर्जी संस्करण का मुद्रण, प्रकाशन और वितरण के मामले में अदालत ने दैनिक हिन्दुस्तान के मालिक और अन्य के विरूद्ध धारा 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. मुंगेर से पत्रकार श्रीकृष्ण प्रसाद ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन ही फर्जी तरीके से दैनिक हिन्दुस्तान अखबार का मुंगेर संस्करण 20 अप्रैल 2012 को लांच किया गया और अब तक अखबार अवैध तरीके से छापा व बांटा जा रहा है.

बिहार के मुंगेर से सूचना है कि दैनिक हिन्दुस्तान प्रबंधन द्वारा अखबार के फर्जी संस्करण का मुद्रण, प्रकाशन और वितरण के मामले में अदालत ने दैनिक हिन्दुस्तान के मालिक और अन्य के विरूद्ध धारा 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. मुंगेर से पत्रकार श्रीकृष्ण प्रसाद ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन ही फर्जी तरीके से दैनिक हिन्दुस्तान अखबार का मुंगेर संस्करण 20 अप्रैल 2012 को लांच किया गया और अब तक अखबार अवैध तरीके से छापा व बांटा जा रहा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

साथ ही इसमें सरकारी विज्ञापन भी छापे जा रही हैं. इस मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी जैनेन्द्र कुमार की अदालत ने 20 अप्रैल 2017 को दैनिक हिन्दुस्तान अखबार के मालिक, संपादक, प्रकाशक, मुद्रक और मुंगेर कार्यालय के प्रभारी के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420, 471, 476 और प्रेस एण्ड रजिस्ट्रेशन आफ बुक्स एक्ट, 1867 की धाराएं 12, 13, 14, 15, 16ए0 और 16 बी0 के तहत पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करने का ऐतिहासिक आदेश पारित किया.

न्यायालय ने अपने 20 अप्रैल 2017 के आदेश में स्पष्ट लिखा है-  ‘‘दैनिक हिन्दुस्तान अखबार को भागलपुर संस्करण छापने हेतु रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त है, परन्तु प्रबंधन बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के फर्जी तरीके से हिन्दुस्तान अखबार का मुंगेर संस्करण का मुद्रण, प्रकाशन और वितरण मुंगेर में करता आ रहा है।”

Advertisement. Scroll to continue reading.

न्यायालय ने आदेश में आगे लिखा है- ‘‘परिवादी श्रीकृष्ण प्रसाद का कहना है कि चूंकि जिला पदाधिकारी (मुंगेर) ने दैनिक हिन्दुस्तान के मुंगेर संस्करण को विधिमान्य नहीं माना है, इस आलोक में वे चाहते हैं कि लोक प्राधिकार दैनिक हिन्दुस्तान के मालिक, संपादक, प्रकाशक, मुद्रक और मुंगेर कार्यालय के प्रमुख के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420, 471, 476 और प्रेस एण्ड रजिस्ट्रेशन आफ बुक्स एक्ट, 1867 की धाराएं 12, 13, 14, 15, 16 ए और 16 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज करें.”

लोक प्राधिकार सह जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी श्री केके उपाध्याय ने अदालत कार्यवाही में अनुपस्थित रहे और अपने प्रतिनिधि को भी नहीं भेजा. यही नहीं, केके उपाध्याय ने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम को मानने से लिखित रूप में इन्कार कर दिया है, यह कहकर कि ‘मैं लोक प्राधिकार नहीं हूं, मैंने अपने वरीय पदाधिकारी से मार्ग दर्शन मांगा है जो अप्राप्त है.‘

Advertisement. Scroll to continue reading.

न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि अधिनियम की कार्यसूची के क्रमांक 07 पर जिला स्तर पर प्रेस से संबंधित शिकायत, विज्ञापन, प्रकाशन के मामले में लोक प्राधिकारी जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी को बनाया गया है. परिवादी श्रीकृष्ण प्रसाद ने मुख्यमंत्री (बिहार) को पत्र लिखकर मुंगेर के जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी श्री केके उपाध्याय की शिकायत की है.

परिवादी श्रीकृष्ण प्रसाद ने न्यायालय में यह वाद 3 फरवरी 2017 को लाया था और आरोप लगाया था कि अवैध ढंग से सरकारी विज्ञापन उगाही के लिए दैनिक हिन्दुस्तान फर्जी तरीके से मुंगेर संस्करण आज भी छापता आ रहा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

ज्यादा जानकारी के लिए पत्रकार व परिवादी श्रीकृष्ण प्रसाद से संपर्क 09470400813 के जरिए कर सकते हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement