रवीश ने ‘हिंदुस्तान’ की आज कर दी तगड़ी समीक्षा, शशिजी आप भी पढ़ लें!

Ravish Kumar : रफाल पर ख़बर तो पढ़ी लेकिन क्या हिन्दुस्तान के पाठकों को सूचनाएँ मिलीं… हिन्दुस्तान अख़बार ने रफाल मामले को लेकर पहली ख़बर बनाई है। ख़बर को जगह भी काफी दी है। क्या आप इस पहली ख़बर को पढ़ते हुए विवाद के बारे में ठीक-ठीक जान पाते हैं? मैं चाहता हूं कि आप …

शोभना भरतिया के हिन्दुस्तान अखबार में करोड़ों रुपये का पीएफ घोटाला!

प्रधानमंत्री व केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त करा रहे हैं पूरे मामले की जांच, मजीठिया क्रांतिकारी निर्मल कान्त शुक्ला ने की साक्ष्यों सहित पीएम, श्रम मंत्री, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त से शिकायत, जांच अधिकारी के नोटिस पर हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड ने दस्तावेज व रिकार्ड देने को मांगा समय

क्या खनन घोटाले में हिंदुस्तान अखबार के संपादक शशिशेखर का भी नाम है?

खनन घोटाले में एक बड़े संपादक का नाम होने की चर्चाएं तो काफी दिनों से हैं लेकिन ये संपादक महोदय कोई और नहीं बल्कि दैनिक हिंदुस्तान अखबार के प्रधान संपादक शशि शेखर जी हैं, इसको लेकर बातें-चर्चाएं बस चंद घंटों पहले शुरू हुई हैं. इंडिया स्पीक्स डेली डॉट कॉम नामक वेबसाइट ने तो खुलकर छाप …

कोर्ट से बहाल सैकड़ों मीडियाकर्मियों को एचटी प्रबंधन ने खाली मैदान व गोदाम में कराया ज्वाइन (देखें वीडियो)

हिंदुस्तान टाइम्स कर्मचारियों के साथ एक और बड़ा धोखा… सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 272 कर्मचारियों को हिंदुस्तान टाइम्स ने विदाउट प्रोड्यूस अप्वाइंटमेंट लेटर जारी किए हैं जिसमें कर्मचारी को 14 जनवरी से नौकरी पर रखने के लिए जिस स्थान का ऐड्रस (खसरा नंबर 629 कादीपुर विलेज दिल्ली) लिखा है, वहां गोदाम और खाली …

हिंदुस्तान, मेरठ के नीरज शुक्ला और सुभाष सिंह के खिलाफ लेबर कोर्ट में मुकदमा

मेरठ : हिन्दुस्तान अखबार के खिलाफ ऋषभ अग्रवाल ने श्रम विभाग में वाद दायर कर रखा है. श्रम विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर सुमित कुमार के समक्ष ऋषभ अग्रवाल 29 दिसम्बर को उपस्थित हुए. उन्होंने हिंदुस्तान अखबार के बिजनेस हेड नीरज शुक्ला और सुभाष सिंह मोहरी द्वारा किये गये उत्पीड़न, अनुचित व्यवहार व जबरदस्ती नौकरी से …

एचटी बिल्डिंग के सामने धरना देते हुए मरे मीडियाकर्मी का पुलिस ने लावारिस के रूप में किया अंतिम संस्कार

रविंद्र को नहीं मिल पाया अपनों का कंधा… साथियों का आरोप- HT प्रबंधन के दबाव में पुलिस ने लावारिस के रुप में किया अंतिम संस्‍कार… नई दिल्‍ली। 13 साल तक न्‍याय के लिए संघर्ष करने के बाद बुधवार की अंधेरी रात में मौत की आगोश में हमेशा-हमेशा के लिए सो जाने वाले हिंदुस्‍तान टाइम्‍स के कर्मी रविंद्र ठाकुर को ना ही परिजनों का और ना ही अपने संघर्ष के दिनों के साथियों का कंधा मिल पाया। मंगलवार धनतेरस के दिन दिल्‍ली पुलिस ने उसकी पार्थिव देह का अं‍तिम संस्‍कार कर दिया। उसके अंतिम संस्‍कार के समय न तो उसके परिजन मौजूद थे और न ही उसके संस्‍थान के साथी।

ब्रेकिंग न्यूज़ लिखते-लिखते जब हम खुद ही ब्रेक हो गए…

Ashwini Sharma :  ”ब्रेकिंग न्यूज़ लिखते लिखते जब हम खुद ही ब्रेक हो गए…, अपनों ने झाड़ा पल्ला जो बनते थे ख़ुदा वो भी किनारे हो गए..” साल 2005 में मुंबई इन टाइम न्यूज़ चैनल के बंद होने के बाद मैंने ये पंक्तियां लिखी थीं..तब मेरे साथ इन टाइम के बहुत से पत्रकार बेरोज़गार हुए थे..कुछ को तो नौकरी मिल गई लेकिन कुछ बदहाली के दौर में पहुंच गए..वैसे ये कोई नई बात नहीं है कई चैनल अखबार बड़े बड़े दावों के साथ बाज़ार में उतरते हैं..बातें बड़ी बड़ी होती हैं लेकिन अचानक गाड़ी पटरी से उतर जाती है..जो लोग साथ चल रहे होते हैं वो अचानक मुंह मोड़ लेते हैं..जो नेता अफसर कैमरा और माइक देखकर आपकी तरफ लपकते थे वो भी दूरी बना लेते हैं..

निष्ठुर एचटी प्रबंधन ने नहीं दिया मृतक मीडियाकर्मी के परिजनों का पता, अब कौन देगा कंधा!

नई दिल्ली। अपने धरनारत कर्मी की मौत के बाद भी निष्ठुर हिन्दुस्तान प्रबंधन का दिल नहीं पिघला और उसने दिल्ली पुलिस को मृतक रविन्द्र ठाकुर के परिजनों के गांव का पता नहीं दिया। इससे रविन्द्र को अपनों का कंधा मिलने की उम्मीद धूमिल होती नजर आ रही है।

एचटी बिल्डिंग के सामने सिर्फ एक मीडियाकर्मी नहीं मरा, मर गया लोकतंत्र और मर गए इसके सारे खंभे : यशवंत सिंह

Yashwant Singh : शर्म मगर इस देश के मीडिया मालिकों, नेताओं, अफसरों और न्यायाधीशों को बिलकुल नहीं आती… ये जो शख्स लेटा हुआ है.. असल में मरा पड़ा है.. एक मीडियाकर्मी है… एचटी ग्रुप से तेरह साल पहले चार सौ लोग निकाले गए थे… उसमें से एक ये भी है… एचटी के आफिस के सामने तेरह साल से धरना दे रहा था.. मिलता तो खा लेता.. न मिले तो भूखे सो जाता… आसपास के दुकानदारों और कुछ जानने वालों के रहमोकरम पर था.. कोर्ट कचहरी मंत्रालय सरोकार दुकान पुलिस सत्ता मीडिया सब कुछ दिल्ली में है.. पर सब अंधे हैं… सब बेशर्म हैं… आंख पर काला कपड़ा बांधे हैं…

हिंदुस्तान अखबार के चक्कर में जिले भर में बदनाम हो गया एक ग्रामीण पत्रकार

बरेली हिन्दुस्तान ने एक एजेंट पर टारगेट पूरा करने का दबाव बनाया. इसके तहत लाखों के विज्ञापन छपवा दिए. जब पेमेंट नहीं मिला तो एजेंट की ही तस्वीर छापकर दो बार पूरे जिले को बता दिया कि इसका हिन्दुस्तान के साथ कोई लेना-देना नहीं है. मामला बदायूं जिले का है. यहां के थाना सिविल लाइंस व ब्लाक सलारपुर इलाके के गांव बरातेगदार में रहने वाले नीरज राठौर जिले में हिंदुस्तान अखबार की लांचिंग के समय से ही स्थानीय एजेंट और स्थानीय पत्रकार हैं. उनकी डेटलाइन सिलहरी से तमाम खबरें भी प्रकाशित हो चुकी हैं.

‘हिंदुस्तान’ के पत्रकार ने पत्र लिखकर आशंका जताई- ‘प्रबंधन के लोग मुझे जान से मारने की साजिश रच रहे हैं!’

सेवा में,

श्री विकास यादव

रीजनल एच.आर. मैंनेजर

हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लि0

मेरठ

विषयः-  गैरकानूनी जांच के बहाने हत्या का षड्यंत्र रचते हुए अपने परिसर में बुलाने को बाध्य करने के सम्बन्ध में।

मजीठिया वेज बोर्ड हड़पने वाले ‘हिंदुस्तान’ प्रबंधन ने डोमेस्टिक इनक्वायरी के नाम पर मीडियाकर्मी की प्रताड़ना शुरू की

सेवा में,
श्री विकास यादव
रीजनल एच.आर. मैनेजर
हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लि.
मेरठ ।

विषयः-  NON-LEGAL CHARGE SHEET-CUM-INTIMATION OF DOMESTIC ENQUIRY

महोदय,

आपके पत्र दिनांक 21.08.2017, जिसके द्वारा मुझे दिनांक 26.08.2017 को हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लि. के बरेली कार्यालय में डोमेस्टिक इन्क्वायरी में तलब करने की बात कही गयी है, के क्रम में सादर निवेदन करना है कि हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर्स लि. ने उप श्रमायुक्त बरेली के आदेश दिनांक 31.03.2017 के बाद भी मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन व भत्ते आदि के एरियर की बकाया धनराशि 3251135.75/-रू0 मय बयाज अदा नहीं की है। धनराशि 3251135.75/-रू0 को अदा करने के वजाय मुझे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक रूप से परेशान करने को कथित मनगढंत, विधि विरूद्ध जांच की बात की जा रही है।

बहुत बड़े ‘खिलाड़ी’ शशि शेखर को पत्रकार नवीन कुमार ने दिखाया भरपूर आइना! (पढ़िए पत्र)

आदरणीय शशि शेखर जी,

नमस्कार,

बहुत तकलीफ के साथ यह पत्र लिख रहा हूं। पता नहीं यह आपतक पहुंचेगा या नहीं। पहुंचेगा तो तवज्जो देंगे या नहीं। बड़े संपादक तुच्छ बातों को महत्त्व नहीं दे। तब भी लिख रहा हूं क्योंकि यह वर्ग सत्ता का नहीं विचार सत्ता का प्रश्न है। एक जिम्मेदार पाठक के तौर पर यह लिखना मेरा दायित्व है। जब संपादक अपने अखबारों को डेरे में बदलने लगें और तथ्यों के साथ डेरा प्रमुख की तरह खेलने लगें तो पत्रकारिता की हालत पंचकुला जैसी हो जाती है और पाठक प्रमुख के पालित सेवादारों के पैरों के नीचे पड़ा होता है।

गैस सिलेंडर खत्म होने के बारे में दस दिन पहले ही ‘हिंदुस्तान’ ने आगाह कर दिया था!

गोरखपुर में गैस सिलेंडर खत्म होने से तीस बच्चों की मौत के मामले में नया तथ्य यह सामने आया है कि हिदुस्तान अखबार ने गोरखपुर एडिशन में गैस सिलेंडर खत्म होने के बारे में दस दिन पहले ही आगाह कर दिया था और इससे जु़ड़ी खबर में सारे तथ्यों का हवाला दिया था. बावजूद इसके भ्रष्ट, काहिल और जनविरोधी अफसर चुप्पी साधे रहे. सामूहिक बाल संहार का इंतजार करते रहे. यहां तक कि गैस सिलेंडर खत्म होने वाले दिन भी हिंदुस्तान अखबार में एक विस्तृत खबर का प्रकाशन किया गया.

धिक्कार है ‘हिंदुस्तान’ अखबार और इसके संपादक विश्वेश्वर कुमार पर!

बनारस से छप कर हिंदुस्तान अखबार गाजीपुर पहुंचता है. बनारस के संपादक हैं विश्वेश्वर कुमार. बेहद विवादित शख्सियत हैं. जहां रहें, वहीं इनके खिलाफ लोगों ने विद्रोह का बिगुल फूंका. भागलपुर में तो लोगों ने इनके खिलाफ लिखकर सड़कों को पोस्टरों बैनरों से पाट दिया था. ये समाचार छापने में राग-द्वेष का इस्तेमाल करते हैं. ये ‘तेरा आदमी मेरा आदमी’ के आधार पर आफिस का कामकाज देखते हैं. ताजी हरकत इनकी ये है कि इन्होंने अपने ही अखबार के रिपोर्टर को एक पूर्व मंत्री द्वारा धमकाए जाने की खबर को अखबार में नहीं छापा.

शशि शेखर जी, आपके अखबार ने ‘इंसाफ इंडिया’ संग जो नाइंसाफी की है, क्या उसकी भरपाई करेंगे?

‘इंसाफ इंडिया’ एक समाजिक न्याय पर काम करने वाला संगठन है. लेकिन दैनिक हिन्दस्तान अखबार ने इसे सिमी की तर्ज पर उभरता हुआ संगठन बता कर लंबा चौड़ा आर्टकिल छाप दिया. इस संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि हिंदुस्तान अखबार ने खबर में संगठन पर कई गंभीर, मंगढ़त और बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. इसके चलते अखबार प्रबंधन को लीगल नोटिस भेजा गया है.

खुद अपनी तारीफ लिख और इसे विज्ञापन के रूप में छपवा कर मुकेश सिंह नामक शख्स साहित्यकार बन गया!

लोग जाने कौन कौन सा रोग पाल लेते हैं. खासकर वे लोग जो पैसा तो कमा लिए हैं, पर उनके दिल की कामना पूरी नहीं हुई. किसी की इच्छा साहित्यकार बनने की होती है तो किसी की सेलिब्रिटी. ऐसे में ये लोग अपनी आरजू के लिए भरपूर पैसा बहाकर खुद से ही खुद को साहित्यकार / सेलिब्रिटी घोषित कर लेते हैं.

हिन्दुस्तान का सालाना सकल राजस्व 1294 करोड़, फिर भी छठी कैटेगिरी

हिन्दुस्तान समाचार पत्र लगातार झूठ पर झूठ बोलने पर आमादा है। हिन्दुस्तान ने मजीठिया का लाभ देने से बचने के लिए अपने को गलत व मनमाने तरीके से 6वीं कैटेगिरी में दर्शाया है जबकि ये अखबार नंबर वन कैटेगिरी में आता है। मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों के संबंध में भारत सरकार से जारी गजट के पृष्ठ संख्या 11 पर खंड 2 के उपखंड (क) में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि किसी भी समाचार पत्र प्रतिष्ठान की विभिन्न इकाइयों/शाखाओं/कंपनियों को समाचार पत्र की एकल इकाई ही माना जाएगा, चाहे उनके नाम अलग-अलग ही क्यों न हों।

इन दोनों बड़े अखबारों में से कोई एक बहुत बड़ा झुट्ठा है, आप भी गेस करिए

हिंदुस्तान और दैनिक जागरण अखबारों ने एक रोज पहले पन्ने पर लीड न्यूज जो प्रकाशित की, उसके फैक्ट में जमीन-आसमान का अंतर था. हिंदुस्तान लिख रहा है कि यूपी में सड़कों के लिए केंद्र ने पचास हजार करोड़ रुपये का तोहफा दिया वहीं दैनिक जागरण बता रहा है कि सड़कों के लिए राज्य को दस हजार करोड़ रुपये मिलेंगे. आखिर दोनों में से कोई एक तो झूठ बोल रहा है.

मजीठिया वेज बोर्ड मामले में ‘हिंदुस्तान’ अखबार को क्लीनचिट देने वाली शालिनी प्रसाद की झूठी रिपोर्ट देखें

यूपी में अखिलेश यादव सरकार के दौरान श्रम विभाग ने झूठी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एचटी मीडिया और एचएमवीएल कंपनी यूपी में अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ की सभी यूनिटों में मजीठिया वेज बोर्ड को लागू करके सभी कर्मचारियों को इसका लाभ देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह अनुपालन कर रही है. श्रम विभाग की यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश की तत्कालीन श्रमायुक्त शालिनी प्रसाद ने 06 जून 2016 को सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया वेज बोर्ड के मामले में अखबार मालिकों के विरुद्ध विचाराधीन अवमानना याचिका संख्या- 411/2014 में सुनवाई के दौरान शपथपत्र के साथ दाखिल की है.

बिना रजिस्ट्रेशन हिंदुस्तान अखबार का मुंगेर संस्करण छापने पर मालिक, संपादक, प्रकाशक समेत कइयों के खिलाफ मुकदमा लिखने के आदेश

बिहार के मुंगेर से सूचना है कि दैनिक हिन्दुस्तान प्रबंधन द्वारा अखबार के फर्जी संस्करण का मुद्रण, प्रकाशन और वितरण के मामले में अदालत ने दैनिक हिन्दुस्तान के मालिक और अन्य के विरूद्ध धारा 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. मुंगेर से पत्रकार श्रीकृष्ण प्रसाद ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन ही फर्जी तरीके से दैनिक हिन्दुस्तान अखबार का मुंगेर संस्करण 20 अप्रैल 2012 को लांच किया गया और अब तक अखबार अवैध तरीके से छापा व बांटा जा रहा है.

‘हिन्दुस्तान’ अखबार को मजीठिया क्रांतिकारियों ने हराया, जीएम व संपादक की आरसी कटी

बरेली से बड़ी खबर आ रही है कि उपश्रमायुक्त ने हिन्दुस्तान के महाप्रबंधक और स्थानीय संपादक के खिलाफ मजीठिया बेज बोर्ड के अनुसार तीन कर्मचारियों के वेतन व एरियर की बकाया वसूली के लिए आरसी जारी कर जिलाधिकारी को भेज दी है। हिन्दुस्तान प्रबंधन को सोमवार को श्रम न्यायालय में करारी हार का सामना करना पड़ा। इस खबर से हिन्दुस्तान के उच्च प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। हालांकि हिन्दुस्तान प्रबंधन सोमवार को आरसी का आदेश रिसीव होने तक उसे रुकवाने के लिए आला अफसरों के जरिये दबाव बनाने में लगा रहा।

हिन्दुस्तान अखबार ने किया पीएफ-डीए घोटाला, पीएम से शिकायत

हिन्दुस्तान अपने हजारों कर्मचारियों को महंगाई भत्ता न देकर पीएफ के अपने हिस्से के करोड़ों रुपये डकार गया। कर्मचारियों के पीएफ का जो बाजिब पैसा उसे भविष्यनिधि खाते में जमा होने चाहिए, वह आज तक हिन्दुस्तान अख़बार के प्रबंधन ने जमा ही नहीं किया है। केंद्र सरकार को ठेंगा दिखाकर हिन्दुस्तान अखबार अपने किसी भी कर्मचारी को डीए(महंगाई भत्ता) नहीं दे रहा है। ताकि पीएफ का पैसा पूरा न देना पड़े, इस घोटाले का खुलासा मजीठिया के योद्धा हिन्दुस्तान बरेली के चीफ रिपोर्टर पंकज मिश्रा, सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा, सीनियर सब एडिटर निर्मल कान्त शुक्ला, सीनियर कॉपी एडिटर राजेश्वर विश्वकर्मा ने किया है।

हिन्दुस्तान टाईम्स के बिकने की खबर राज्यसभा में भी गूंजी

शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले अखबार हिन्दुस्तान टाईम्स के रिलायंस के मुकेश अंबानी द्वारा खरीदे जाने का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में भी गूंजा। हालांकि अभी तक हिन्दुस्तान टाईम्स के बिकने की खबर पर न तो हिन्दुस्तान टाईम्स प्रबंधन ने अपना पक्ष रख रहा है और ना ही रिलायंस की ओर से आधिकारिक बयान आया है।

‘हिंदुस्तान’ अखबार से 6 करोड़ वसूलने के लखनऊ के अतिरिक्त श्रमायुक्त के आदेश की कापी को पढ़िए

लखनऊ के श्रम विभाग ने हिंदुस्तान के 16 पत्रकारों व कर्मचारियों को क़रीब 6 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है. लखनऊ के एडिशनल कमिशनर बी.जे. सिंह व सक्षम अधिकारी डॉ. एमके पाण्डेय ने 6 मार्च को हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ आरसी जारी कर दी और पैसा वसूलने के लिए ज़िलाधिकारी को अधिकृत कर …

हिन्दुस्तान रांची के हेचआर हेड ने मजीठिया मांगने वाले दो कर्मियों के साथ की बदतमीजी, कॉलर पकड़ हड़काया, गाली दी

हिन्दुस्तान अखबार प्रबंधन इन दिनों मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार बकाया मांगने वालों के खिलाफ लगातार दमन की नीति अपना रहा है और अपने ही किये वायदे से मुकर रहा है। रांची में मजीठिया वेज बोर्ड के अनुरूप वेतन और भत्ते मांगने वाले दो कर्मचारियों ने जब श्रम आयुक्त कार्यालय में क्लेम लगाया तो इनका ट्रांसफर कर दिया गया। जब ये लोग कोर्ट से जीते तो हिन्दुस्तान प्रबंधन को उन्हें वापस काम पर रखना पड़ा। तीन दिन बाद ही जब ये कर्मचारी कार्यालय आकर काम करने लगे तो उन्हें कार्मिक प्रबंधक ने कालर पकड़ कर अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुये जबरी ट्रांसफर लेटर थमाने का प्रयास किया।

यह शख्स जहां रहा वहां या तो बंटवारा हुआ, या वो अखबार तबाह होता चला गया!

Deshpal Singh Panwar : अगर ये खबर सच है कि हिंदुस्तान टाइम्स समूह को मुकेश अंबानी खरीद रहे हैं तो तय है कि अच्छे दिन (स्टाफ के लिए पीएम के वादे जैसे) आने वाले हैं। वैसे इतिहास खुद को दोहराता है… कानाफूसी के मुताबिक एक शख्स जो इस समूह के हिंदी अखबार में चोटी पर है वो जहां रहा वहां या तो बंटवारा हुआ, या वो अखबार तबाह होता चला गया।

मुंबई के बाद अब दिल्ली एचटी को भी रिलायंस को बेचे जाने की चर्चा

देश भर के मीडियामालिकों में हड़कंप, कहीं मुफ्त में ना अखबार बांटने लगे रिलायंस…

देश के सबसे बड़े उद्योगपति रिलायंस वाले मुकेश अंबानी द्वारा मुंबई में एचटी ग्रुप के अखबार मिन्ट और फ्लैगशिप हिन्दुस्तान टाईम्स खरीदने की चर्चा के बाद अब यह चर्चा भी आज तेजी से देश भर के मीडियाजगत में फैली है कि मुकेश अंबानी ने दिल्ली में भी हिन्दुस्तान टाईम्स के संस्करण को खरीद लिया है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है। हिन्दुस्तान टाईम्स के दिल्ली संस्करण में कर्मचारियों के बीच आज इस बात की चर्चा तेजी से फैली कि रिलायंस प्रबंधन और हिन्दुस्तान टाईम्स प्रबंधन के बीच कोलकाता में इस खरीदारी को लेकर बातचीत हुयी जो लगभग सफल रही और जल्द ही हिन्दुस्तान टाईम्स पर रिलायंस का कब्जा होगा।

मीडियाकर्मियों ने मांगी छुट्टी तो ‘हिन्दुस्तान’ के संपादक ने दी गालियां!

जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और एरियर प्रबंधन से मांगने पर स्वामी भक्त संपादकों को भी बुरा लग रहा है। सबसे ज्यादा हालत खराब हिन्दुस्तान अखबार की है। खबर है कि हिन्दुस्तान अखबार के रांची संस्करण के दो कर्मियों अमित अखौरी और शिवकुमार सिंह ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन प्रबंधन से मांगा तो यहां के स्वामी भक्त स्थानीय संपादक  दिनेश मिश्रा को इतना बुरा लगा कि उन्होंने पहले मजीठिया कर्मियों को ना सिर्फ बुरा भला कहा बल्कि एक कर्मचारी को तो गालियां भी दीं। बाद में इन दोनों कर्मचारियों ने विरोध किया तो उन्हें मौखिक रूप से स्थानीय संपादक ने कह दिया कि आप दोनों कल से मत आईयेगा।

विश्वेश्वर कुमार ने क्राइम बीट इंचार्ज अभिषेक त्रिपाठी की ली बलि

वाराणसी : अब बनारस में दिखा मजीठिया बाबा का प्रकोप। मजीठिया वेज बोर्ड का जिन्न समाचारपत्र कर्मचारियों की बलि लगातार ले रहा है। केंद्र व राज्य सरकारों को अपने ठेंगे पर नचा रहे अखबार मालिकों के सम्मुख सुप्रीम कोर्ट से क्या राहत मिलेगी, यह तो कोई नहीं जानता। लेकिन यह राहत कब मिलेगी और तब तक लोकत्रंत का तथाकथित चौथा पाया किस कदर टूट चुका होगा, इसका अहसास होने लगा है।

मजीठिया मांगने पर हिंदुस्तान प्रबंधन ने अपने चार कर्मियों को नौकरी से निकाला

संजय दुबे ने कानपुर के उप श्रमायुक्त को पत्र लिखकर अपने और अपने साथियों के साथ हुए अन्याय के बारे में विस्तार से बताया है. मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से वेतन और एरियर मांगने पर संजय दुबे, नवीन कुमार, अंजनी प्रसाद और नारस नाथ साह को पहले तो आफिस में घुसने पर रोक लगा दी गई. उसके बाद इन्हें टर्मिनेट कर दिया गया. हिंदुस्तान प्रबंधन के खिलाफ ये चारों कर्मी हर स्तर पर लड़ रहे हैं लेकिन इन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है.

‘हिन्दुस्तान’ और ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के साथियों से एक पत्रकार की अपील

“हिन्दुस्तान” और “हिन्दुस्तान टाइम्स” से पूरे देश में जुड़े साथियों से खुली अपील है कि आप मजीठिया वेज बोर्ड अवार्ड के लिये 17(1) के तहत जमकर क्लेम करें। अगर 11 नवम्बर 2011 के बाद कभी भी रिटायर हुये हैं या जबरन रिजाइन ली गई है तब भी आपका एरियर बनता है। एरियर बनवाने में कोई दिक्कत हो तो मुझसे सम्पर्क करें। अगर आप काम कर रहे हैं तो डरने की जरूरत नहीं है। कंपनी आपको ट्रांसफर करेगी, सस्पेंड कर सकती है, टर्मिनेट करेगी और इनके लोग धमकियां भी देंगे, जैसा कि इन दिनों पूरे देश में हो रहा है। लेकिन भरोसा रखें, ये बिगाड़ कुछ नहीं पाएंगे।

मजीठिया मांगने पर ‘हिंदुस्तान’ अखबार ने दो और पत्रकारों को किया प्रताड़ित

लगता है खुद को देश के कानून और न्याय व्यवस्था से ऊपर समझ रहा है हिंदुस्तान अखबार प्रबंधन। शुक्रवार को एक साथ उत्तर प्रदेश और झारखण्ड से तीन कर्मचारियों को प्रताड़ना भरा लेटर भेज दिए गए। इन कर्मचारियों की गलती सिर्फ इतनी थी की बिड़ला खानदान की नवाबजादी शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले हिन्दुस्तान मैनेजमेंट से उन्होंने मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और अपना बकाया मांग लिया था।

हिंदुस्तान प्रबंधन ने मजीठिया मांग रहे अपने दो पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी

गोरखपुर। मजीठिया वेज बोर्ड के अंतरिम राहत, एरियर और वेतन की लड़ाई में शामिल सीनियर कापी एडिटर सुरेंद्र बहादुर सिंह और आशीष बिंदलकर को हिन्दुस्तान गोरखपुर यूनिट के एचआर प्रबंधन से जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी स्थानीय एचआर मो. आशिक लारी और सेक्योरिटी ने दी है। दोनों का यूनिट में प्रवेश बैन कर दिया गया है। गाली और धमकी देते हुये एचआर ने सुरेंद्र को ट्रांसफर आर्डर पकड़ा दिया। आशीष को फोन पर और यूनिट गेट पर धमकी देकर भगा दिया गया। आशीष सीनियर कापी एडिटर हैं और उन्हें बिना कोई टर्मिनेशन लेटर दिये गेट से खदेड़वा दिया गया। इस मामले में दोनों पत्रकारों ने थाना चिलुआताल में तहरीर देने की कोशिश की जो रिसीव नहीं हुई। पत्रकारों की तहरीर ही नहीं ली जा रही है।

खबर से भड़के डीएम ने जारी किया आदेश : ‘हिंदुस्तान’ अखबार के इस उगाहीबाज रिपोर्टर को आफिस में घुसने न दें!

Dinesh Singh : मैं नहीं जानता कि बाका के जिलाधिकारी के दावे में कितनी सच्चाई है। बिहार में हिन्दुस्तान की स्थापना के समय से जुड़े होने के चलते मैंने देखा है कि रिमोट एरिया में ईमानदारी के साथ काम करने वाले पत्रकार भी भ्रष्ट अधिकारियों के किस तरह भेंट चढ़ जाते हैं। मैं यह नहीं कहता कि सारे पत्रकार ईमानदार हैं मगर मैं यह भी कदापि मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि सारे पत्रकार चोर और ब्लैकमेलर ही होते हैं।

हिन्दुस्तान सरकारी विज्ञापन घोटाला : स्टे आर्डर की अवहेलना करने वाले और शोभना भरतिया व शशि शेखर को बचाने में जुटे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए याचिका

नई दिल्ली, 13 जून। 200 करोड़ के दैनिक हिन्दुस्तान सरकारी विज्ञापन घोटाले से जुड़े फौजदारी मुकदमे में प्रमुख अभियुक्त शोभना भरतीया की ओर से दर्ज स्पेशल लीव पीटिशन में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की संभावित तारीख 01 जुलाई 2016 मुकर्रर की है। 08 जून, 2016 को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट ने तारीख की यह तिथि …

एचटी मीडिया को धूल चटाने वाले 315 कर्मियों की जीत से संबंधित कोर्ट आर्डर की कापी Download करें

हिंदुस्तान टाइम्स वालों ने अपने यहां सन 1970 से परमानेंट बेसिस पर काम कर रहे करीब 362 मीडिया कर्मियों को 2 अक्टूबर 2004 को बिना किसी वजह एकाएक बर्खास्त कर दिया था.  362 में से कई कर्मियों ने तो प्रबंधन के साथ सुलह कर लिया लेकिन 315 कर्मियों ने इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल कड़कड़डूमा में केस कर दिया. ट्रिब्यूनल ने 8 मार्च 2007 को एक अंतरिम आदेश पारित किया कि सभी 315 कर्मियों को मुकदमे के निपटारे तक एचटी मीडिया पचास फीसदी तनख्वाह गुजारे भत्ते के लिए दे. इसके खिलाफ एचटी वाले हाईकोर्ट चले गए.

जो पत्रकार वेज बोर्ड की सिफारिशें नहीं ले पाते वे किसी साथी को मरने पर मुआवजा क्या दिलवाएंगे

Sanjaya Kumar Singh : पत्रकारिता के जंगलराज का क्या होगा… झारखंड में एक पत्रकार की हत्या के बाद सीवान में दैनिक हिन्दुस्तान के संवाददाता की हत्या हुई तो बिहार में जंगलराज का आरोप लग गया और जनता की मांग पर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने सीबाआई जांच की घोषणा कर दी। निश्चित रूप से सीबीआई से जांच कराने का मतलब यह नहीं है कि मामला सुलझ ही जाएगा और हत्यारों को सजा हो ही जाएगी। फिर भी मान लेता हूं, सीबीआई जांच करेगी और मामला साफ हो जाएगा। अभियुक्तों को सजा हो जाएगी। पर इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि पीड़ित परिवार का उचित मुआवजा मिले। आखिर पत्रकार की हत्या उसके काम के सिलसिले में काम के दौरान हुई है। उसका परिवार भी है।

हिंदुस्तान अखबार में ‘पेड एडिटोरियल’ : कथित अच्छे दिनों में पत्रकारिता के भयंकर बुरे दिन!

 

आज के दैनिक हिन्दुस्तान में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक लेख लिखा है। हिन्दी में उनके नाम के साथ छपा है। इस सूचना के साथ कि ये उनके अपने विचार हैं। एडिट पेज पर प्रकाशित इस लेख के साथ अमित शाह की जो फोटो लगी है वह छोटी है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी फोटो लगाई गई है जो लेखक की फोटो से बड़ी है। वैसे ही जैसे मैं नैनीताल पर कुछ लिखूं तो मेरी फोटो रहे ना रहे, नैनी झील की फोटो बड़ी सी जरूर लगेगी। अगर मेरी तुलना गलत नहीं है तो फोटो छपना और उसका बड़ा छोटा होना भी गलत नहीं है।

लड़ाई ऐसे नहीं लड़ी जाती शशि शेखर जी

पटना में अपने संवाददाता की हत्या के बाद दैनिक हिन्दुस्तान अपने संवाददाता के साथ है, यह बड़ी बात है। मुझे नहीं पता पीड़ित संवादादाता हिन्दुस्तान के पेरॉल पर थे या स्ट्रिंगर। लेकिन इतिहास गवाह है, हिन्दी अखबार का संवाददाता मरता है तो वह स्ट्रिंगर ही होता है। मरने के बाद उसका संस्थान उससे पल्ला झाड़ लेता है। हिन्दुस्तान ने ऐसा नहीं किया बहुत बड़ी बात बात है। इसके लिए पूरे संस्थान की प्रशंसा की जानी चाहिए। पर संपादक जी एक दिन बाद जगे और लिख रहे हैं हम लड़ेंगे क्योंकि जरूरत है। बहुत ही लिजलिजा है।

ब्यूरो चीफ की हत्या से दुखी संपादकीय टीम ने मनाया काला दिवस, ‘हिंदुस्तान’ निकला ब्लैक एंड ह्वाइट

बिहार के सीवान में शुक्रवार शाम अपराधियों ने हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी। पत्रकार राजदेव रंजन को 5 गोली मारी गई। पत्रकार की हत्या के अगले दिन अखबार ने अपना पहला पन्ना ब्लैक एंड वाइट रंग में छापा है। अखबार बिहार में इसे ‘काला दिवस’ के रूप में दिखाया है। पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या शादी की सालगिरह से एक दिन पहले की गई। रंजन पर हमला करने वाले 4 की संख्या में थे। पुलिस ने दावा किया है कि इन 4 में से 2 की पहचान कर ली गई है। सीवान के एसपी ने बताया कि पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में ले लिया है। राजदेव रंजन को 5 गोलियां लगी जिसमें 1 सिर में और दूसरी गर्दन और 3 पेट में गोली लगी है।

लोकसभा टीवी के एंकर के भाई की फर्जी नियुक्ति के विरोध को दबा रहा हिंदुस्तान अख़बार

आदरणीय सम्पादक जी

नमस्कार

महोदय, जिला बुलन्दशहर के गांव लडाना के इंटर कालेज में एक सहायक अध्यापक की अबैध नियुक्ति लाखों रूपये लेकर नियमों को ताक पर रख कर दी गई है। इसके विरोध में  पूरा गांव व कालेज प्रबंधन के काफी लोग पांच दिन से बीएसए कार्यालय बुलन्दशहर में अनिशित कालीन अनशन पर बैठे हैं। दैनिक जागरण व अमर उजाला इस प्रकरण को प्रमुखता से प्रकाशित कर रहे हैं। लेकिन देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र हिन्दुस्तान में प्रकरण को प्रकाशित नहीं किया जा रहा है।

हिन्दुस्तान ने मुरादाबाद में चार साल पूरा किया, पढ़िए संपादक मनीष मिश्र का वक्तव्य

मनीष मिश्र, संपादक, दैनिक हिंदुस्तान मुरादाबाद

Manish Mishra : आपके सपनों को पंख देते रहेंगे हम। हिन्दुस्तान ने मुरादाबाद में अपना चार साल का सफर पूरा कर लिया। करीब डेढ़ हजार दिन के इस सफर से हमने बहुत कुछ सीखा है। इस दौरान हमने शहर की नब्ज थामने की कोशिश की। मुरादाबाद की हर जरूरत को महसूस किया। उसके लिए आवाज उठाई। उपक्रम किए और अंतत: कुछ न कुछ सकारात्मक हासिल भी हुआ। मुरादाबाद के सुधी पाठकों ने एक जिम्मेदार अखबार होने के नाते हम पर जो जिम्मेदारी सौंपी थी, हम उसे पूरा करने में सफल हुए। यह आपकी ही ताकत थी। बड़ी चुनौतियों के बीच मुरादाबाद के नागरिकों ने हिंदुस्तान को जो प्यार दिया, वह बेमिसाल है।

हिन्दुस्तान मीडिया ने 28 फीसदी ज्यादा मुनाफा कमाया

दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ अखबार का प्रकाशन करने वाली हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर लिमिटेड (एचएमवीएल) का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) में 28.2 फीसदी बढ़कर 46.9 करोड़ रुपये पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में शुद्ध मुनाफा 36.6 करोड़ रुपये का था।इस अवधि में कंपनी का कुल राजस्व 12.8 फीसदी बढ़कर 251.6 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी का कुल राजस्व 223 करोड़ रुपये था। समीक्षाधीन अवधि में कंपनी की विज्ञापन से होने वाली आय 19 फीसदी बढ़कर 181.2 करोड़ रुपये हो गई।

प्रधान संपादक शशिशेखर चतुर्वेदी जी, आपका रिपोर्टर दरअसल निकम्मा और मुफ्तखोर है

Dilip C Mandal : शशिशेखर चतुर्वेदी जी, आप दैनिक हिंदुस्तान अखबार के प्रधान संपादक हैं. आपके अखबार में यह खबर छपी है कि रोहित वेमुला से जुड़े दस्तावेज आंदोलनकारी बेच रहे हैं. एजेंसी की इस खबर को आपके संपादकों ने छापा है. BHU के प्रोफेसर Chauthi Ram Yadav ने इस ओर ध्यान दिलाया.

आप खबर देखिए. एक रिपोर्टर हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी जाता है. उसे रोहित से संबंधित दस्तावेज चाहिए. उससे 70 पेज की फोटोकॉपी के 70 रुपये लिए जाते हैं. रिपोर्टर की आदत दक्षिणा लेने की रही होगी. मुफ्तखोरी संस्कार में रही होगी. फोटोकॉपी के पैसे लेने पर नाराज होकर खबर लिख दी और आपने मजे लेकर छाप दी. मुफ्त में क्यों चाहिए दस्तावेज?

कोहिनूर कॉन्डोम के विज्ञापन पर हिन्दुस्तान के संपादक को पत्र

आदरणीय यशवंत भाई, हिन्दुस्तान के संपादक के नाम एक पाठक ने फेसबुक पर यह पत्र लिखा है कंडोम के विज्ञापन को लेकर. उम्मीद है इसे जरूर भड़ास फोर मीडिया में स्थान देंगे। पोस्ट की पड़ताल करने के लिये आप फेसबुक पर राजेंद्र गुप्ता हितैषीदूत पर जा सकते हैं। यह बहुत जबरदस्त तंज है। चिट्ठी का मजमून मैं नीचे दे रहा हूं।
शुक्रिया

आपका
xyz
कानपुर

हिंदुस्तान लखनऊ से दो खबरें : आरोप लगाने वाली महिला मीडियाकर्मी को ही दोषी मान लिया प्रबंधन ने!

हिन्दुस्तान लखनऊ में नवीन जोशी खेमे का सफाई अभियान जारी है… इस बार निशाना बने हैं रंजीव …रंजीव हिन्दुस्तान लखनऊ में नवीन जोशी के समय ब्यूरो प्रभारी थे और सपा बीट देखते थे… सत्ता बदलने के 2 महीने के भीतर ही इन्हें ब्यूरो से हटाकर डेस्क पर बैठा दिया गया था… अब बाहर का रास्ता दिखा गया है… नवीन जोशी के जाने के बाद अब तक 2 दर्जन लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है… इनमें 3 संपादक भी शामिल हैं… हाल ही में गोरखपुर संपादक दिनेश पाठक को निकाला गया था… आने वाले दिनों में स्थानीय ब्यूरो में बड़े पैमाने पर भी फेरबदल की तैयारी चल रही है… शशिशेखर के निशाने पर 2 संपादक भी हैं…

DUJ Salutes High Court Judgment As Jolt to HT Management (पढ़ें पूरा फैसला)

The Delhi Union of Journalists has broadly welcomed  as ‘somewhat belated but historic’ Hindustan Times judgment in the Delhi High Court. It has saluted the workers of Hindustan Times who are fighting the struggle in the court and outside despite various pressures. It has taken note of the fact that over 12 workers of the Hindustan Times group have unfortunately lost their lives in this long struggle for their dues.

देखिये, कितनी बेशर्मी के साथ यह प्रेसनोट हिंदुस्तान अखबार में छापा गया है

Kumar Sauvir : पिछले दस बरसों से एडवरटोरियल पर खूब हंगामा चल रहा है। कई प्रतिष्ठित अखबारों ने इस से अपना पल्‍ला छुड़ाने की कोशिश भी की है। कम से कम हिन्‍दुस्‍तान दैनिक ने तो घूस को घूंसा नाम से एक आन्‍दोलन तक छेड़़ रखा था। लेकिन अब तो एडवरटोरियल से भी बात कोसों दूर आगे खिसक आ चुकी है। हैरत की बात है कि यह शुरुआत हिन्‍दुस्‍तान ने ही छेड़ दिया है। जरा देखिये इस खबर को, और फिर बताइयेगा कि आखिर हमारे समाचारपत्र किस दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। देखिये, कितनी बेशर्मी के साथ यह प्रेसनोट छापा गया है।

फर्जी खबर छापने पर सीएमओ ने हिंदुस्तान के पत्रकार को आफिस से भगाया

फरजी खबर छापने पर हिन्दुस्तान के पत्रकार को सीएमओ ने दफ्तर से भगाया। हिन्दुस्तान के बुलंदशहर संस्करण में 8 अगस्त को खबर छापी गई कि सीएमओ और एसीएमओ खुद बुखार से पीड़ित हैं। इस खबर में सीएमओ का फरजी वर्जन भी छाप दिया। खबर छपने के बाद कुछ इलेक्ट्रोनिक टीवी के पत्रकार सीएमओ की बाइट लेने पहुंचे तो मामला ही उल्टा निकला। सीएमओ काम करते हुए मिले। जब पत्रकारों ने हिन्दुस्तान की खबर का हवाला दिया तो सीएमओ तिलमिला उठे।

अपनी नौकरी बचाने के लिए शशि शेखर नीचता पर उतर आये हैं

रमन सिंह : हिन्दुस्तान में साइन कराने का सिलसिला शुरू… अपनी नौकरी बचाने के लिए शशि शेखर नीचता पर उतार आये है. इसी का नतीजा है कि इन दिनों हिन्दुस्तान अखबार में कर्मचारियों से दूसरे विभाग में तबादले के कागज पर साइन कराने का दौर शुरू हो गया है. दिल्ली में तो खुद शशि शेखर जी साइन करा रहे हैं. साइन नहीँ करने वालों को निकालने की धमकी भी दी जा रही है.  मजीठिया से घबराया हिन्दुस्तान फिलहाल जिस कागज पर साइन करा रहा है उसमें भी कई फर्जीवाड़ा है. इसलिए नीचे के फोटो को आप ध्यान से पढ़िए. दो फोटो हैं, दोनों को ध्यान से देखिए. कई फर्जीवाड़े समझ में आएंगे. 

हिंदुस्तान अख़बार में आज सुबह से ही जबरन दस्तखत कराने की गहमागहमी चल रही है

मजीठिया डाल-डाल, अख़बार मालिक पात-पात। एक तरफ़ सुनाई दे रहा है कि इसी 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट पत्रकारों के पक्ष में मजीठिया वेतन आयोग लागू करने लिए दो-टूक फ़ैसला दे सकता है, तो दूसरी ओर अख़बार मालिकान एक बार फिर से इसकी तोड़ निकालने की जुगत में लग गए हैं। असल में अदालत ने राज्य सरकारों से 15 सितंबर तक रिपोर्ट माँगा है कि मजीठिया लागू करने के विषय में अख़बारों की स्थिति कहाँ तक पहुँची है।

हिंदुस्तान और हिंदुस्तान टाइम्स में हाहाकार, वेज बोर्ड नहीं चाहिए वाले फार्म पर प्रबंधन जबरन करा रहा हस्ताक्षर

इस वक्त हिंदुस्तान टाइम्स और हिंदुस्तान अखबार के दफ्तरों में हाहाकार मचा हुआ है. नोएडा और दिल्ली से आ रही खबरों के मुताबिक दोनों अखबारों के कर्मियों से एक फार्म पर जबरन साइन कराया जा रहा है जिस पर लिखा हुआ है कि हमें मजीठिया वेज बोर्ड से अधिक वेतन मिलता है इसलिए हम मजीठिया वेज बोर्ड के लाभ नहीं लेना चाहते. सूत्रों के मुताबिक जो लोग फार्म पर साइन करने से मना कर रहे हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है.

सात सौ रुपये, हजार रुपये, ढाई हजार रुपये… ये है सेलरी… बदले में 50 लाख से अधिक की विज्ञापन की वसूली

दैनिक हिन्दुस्तान से जुड़े रामगढ जिला अन्तर्गत गोला संवाददाता मनोज मिश्रा ने हिंदुस्तान अखबार को अलविदा कह दिया है. श्री मिश्रा ने इस बाबत एक आवेदन प्रधान संपादक श्री शशिशेखर और झारखण्ड के वरीय संपादक श्री दिनेश मिश्र को प्रेषित किया है. मनोज ने कहा कि सन 2000 से हिन्दुस्तान से जुड़ा. पत्रकारिता में काफी उतार-चढ़ाव देखे. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले पत्रकारों का आज भी काफी शोषण किया जा रहा है. उन्हें अखबार प्रबंधन से सम्मानजनक पारिश्रमिक नहीं मिलता है. इस कारण पत्रकार आर्थिक तंगी से जूझते रहते हैं. सभी का परिवार है. खर्चे भी काफी हैं. पारिवारिक दायित्व होने और आर्थिक तंगी के कारण ही अखबार को अलविदा कह दिया.

आर्थिक तंगी से परेशान हिंदुस्तान अखबार के स्टिंगर मनोज मिश्र ने पत्रकारिता को गुडबाय कहा

झारखंड में हिन्दी दैनिक हिन्दुस्तान, रांची के स्थापना वर्ष से कार्यरत गोला-रामगढ़ से स्टिंगर मनोज मिश्र ने आर्थिक तंगी से जुझते हुए 28 अगस्त 2015 को पत्रकारिता क्षेत्र को अलविदा कह दिया है. अलविदा कहते हुए मनोज मिश्र ने स्टिंगर पद को छोड़ने के संबंध में संपादक के नाम पत्र में कहा है कि मैंने 15 वर्षों तक निष्ठापूर्वक, इमानदारी से समर्पित भाव से अखबार में काम किया. अब मैं काम करते हुए असहज महसूस कर रहा हूं. साथ ही स्टिंगर पद छोड़ रहा हूं.

ब्रेन हैमरेज के बाद मेरठ के फोटोग्राफर राजन को नौकरी से निकाल दिया ‘हिंदुस्तान’ ने

दैनिक हिंदुस्तान मेरठ से खबर है कि यहां कार्यरत एक फोटोग्राफर को प्रबंधन ने इसलिए नौकरी से निकाल दिया क्योंकि उसे ब्रेन हैमरेज हो गया था. कारपोरेट मीडिया प्रबंधन अपने कर्मियों के प्रति कितना संवेदनहीन है, इसकी बानगी यह घटनाक्रम है. राजेंद्र सक्सेना उर्फ राजन दैनिक हिंदुस्तान, मेरठ में दस वर्षों से कार्यरत थे. फील्ड में घूम घूम कर वह फोटोग्राफी समेत अखबार के समस्त कार्य करते थे. सारे निर्देशों आदेशों का यस सर यस सर करते हुए पालन करते थे. एक दिन अचानक उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया. लंबा इलाज चला. जब वो ठीक होकर काम पर लौटे तो उन्हें एक लेटर थमा दिया गया कि आपकी नौकरी खत्म.

आसाराम से संबंधित गलत खबर छापने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स ने मांगी माफी

3 अगस्त को कई समाचार पत्रों में ये समाचार छपा कि आसाराम की तस्वीर NCERT की कक्षा 3 की पुस्तक में महान संतों के बीच में प्रकाशित है. इस खबर की सच्चाई की पोल तब खुली जब मानव संसाधन व विकास मंत्रालय (HRD Ministry) द्वारा हिंदुस्तान टाइम्स को इस बाबत नोटिस जारी हुआ कि इस प्रकार की कोई पुस्तक NCERT द्वारा नहीं छापी गई है.

हिंदुस्तान अखबार के दफ्तर पर हमला करने वाले चार गिरफ्तार, पार्षद फरार

लखनऊ : दैनिक हिंदुस्तान के कार्यालय पर धावा बोलने वाले पार्षद और उसके गुंडे हमालवारों में से पुलिस ने चार को गिरफ्तार कर लिया है। हमले का मुख्य आरोपी पार्षद भी अभी तक गिरफ्त में नहीं आया है। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार एमए खान ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि जिन लोगों ने अखबार के दफ्तर पर हमला किया है उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।

मेरठ हिंदुस्तान को झटका देकर अमर उजाला पहुंचे सर्वेंद्र

हिन्दुस्तान मेरठ के स्थानीय संपादक सूर्यकांत द्विवेदी को अपनी मनमानी का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। मुजफ्फरनगर में स्ट्रिंगर रहे सर्वेंद्र पुंडीर को प्रमोट करके सब एडिटर बनाया। इसके बाद बिजनौर से हर्यंश्व सिंह सज्जन को हटाकर सर्वेंद्र को वहां का ब्यूरो चीफ बनाया। सूर्यकांत के इस कदम का हिन्दुस्तान के भीतर जमकर विरोध हुआ था।

हिन्दुस्तान में भगदड़, 37 ने दिया भास्कर में इंटरव्यू, शशिशेखर मनाने पहुंचे बिहार

हिन्दुस्तान की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बार उसकी परेशानी का कारण बिहार में दैनिक भास्कर बना है। बिहार में अपने विस्तार में जुटे दैनिक भास्कर ने हिन्दुस्तान को बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है।

हिंदुस्तान में तलवे चाटने वाले चमचे प्रमोट, काम वाले हाशिये पर

{jcomments off}हिन्दुस्तान समाचार पत्र में इनक्रीमेंट लेटर मिलते ही अंदरूनी कलह शुरू हो गई है। एक तरफ जहां फीचर सेक्शन में वैसे लोगों को तरक्की मिली हैं, जिन्हें कल तक नाकारा समझा जाता था, वहीं कुछ विभागों में एडिटर की नजदीकियों की बल्ले-बल्ले रही।

हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्ल के शुद्ध लाभ में 27 प्रतिशत उछाल

मुंबई : विज्ञापन और सर्कुलेशन दोनों से अच्छी आय होने से हिंदी अखबार ‘हिंदुस्तान’ की प्रकाशक कंपनी, हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड (एचएमवीएल) का शुद्ध लाभ 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में 27 प्रतिशत बढ़ गया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2014-15 में 140.9 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हासिल किया है। इस दौरान उसकी कुल आय 15 प्रतिशत बढ़कर 875 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इसमें विज्ञापन से हुई आय जहां 12.5 प्रतिशत बढ़ी है, वहीं सर्कुलेशन से हुई आय में 12.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।

हिंदुस्तान-जागरण से अनिल, गणेश और मनीष के बारे में सूचनाएं

दो हिंदी अखबारों दैनिक हिंदुस्तान और दैनिक जागरण में तीन पत्रकारों के इधर से उधर किए जाने की सूचनाएं हैं। दैनिक हिंदुस्तान से खबर है कि अनिल शर्मा को हिंदुस्तान बुलंदशहर का ब्यूरो चीफ नियुक्त किया गया है। गणेश मेहता को मुजफ्फरपुर (बिहार) स्थानांतरित कर दिया गया है। इसी प्रकार दैनिक जागरण मेरठ में फेरबदल किया …

धत्कर्मी विज्ञापनों से आज पटे अखबारों के पन्ने, बेशर्मों को चाहिए सिर्फ धंधा, चाहे जितना गंदा हो

बुधवार को हिंदुस्तान में अंतिम पृष्ठ पर शीर्ष प्राथमिकता के साथ प्रकाशित विज्ञापन

इसे ‘कोठे की पत्रकारिता’ कहें तो कत्तई अनुचित न होगा। जनरल वी.के.सिंह ने भी क्या गलत कहा। हकीकत तो उससे कहीं बहुत अधिक शर्मनाक है। आज बुधवार को दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान आदि ज्यादातर अखबारों ने सैक्स वर्द्धक दवाएं बेचने के बड़े बड़े विज्ञापन छाप रखे हैं। हिंदुस्तान ने तो अंतिम पेज पर हैडर के नीचे ही चेंप दिया है। ये कोई एक दिन की बात नहीं, प्रायः रोजाना हमारे घरों में पहुंच रहे अखबारों के साथ मुख्यधारा का मीडिया धड़ल्ले से ये बेशर्मियां परोस रहा है। रामपाल के ‘अड्‍डे’ पर शक्तिवर्धक दवाएं, कंडोम बरामद होने की खबरें तो अखबार और न्यूज चैनल कूद कूद कर दिखाते पढ़ाते हैं, लेकिन अपने गिरेबां में झांकने में उन्हें तनिक शर्म नहीं आती है। अखबार जिस तरह की सैक्स वर्धक दवाओं के विज्ञापन छाप रहे हैं, उनकी तरफ ने हमारे चिकित्सा तंत्र का ध्यान है, न शासन-प्रशासन और कानून के जानकारों का। आए दिन जनहित याचिकाएं दायर करने वाले भी इस ओर से बेखबर हैं।

भागलपुर में भास्कर की बुकिंग शुरू होते ही लुढ़के अखबारों के भाव

भागलपुर (बिहार) : यहां के प्रमुख समाचार पत्रों दैनिक जागरण, हिंदुस्तान और प्रभात खबर ने अखबारों की कीमत डेढ़ रूपये कम करते हुए अब ढाई रूपये कर दी है. रविवार का अंक तीन रूपये का होगा. दैनिक भास्कर की आहट ने तीनों अखबारों की निंद उड़ा दी है. दैनिक भास्कर की बुकिंग अठारह अप्रैल से शुरू कर दी गयी है. भास्कर निन्यानवे रूपये में एक साल तक के लिये पाठक बना रहा है. बुकिंग कराने पर कथित रूप से ढाई सौ रूपये के गिफ्ट के अलावा साढ़े सात सौ रूपये का विज्ञापन कूपन भी दिया जा रहा है. बुकिंग कराने वाले पाठकों को 75 रू प्रति माह अखबार शुल्क देना होगा. 

अब दैनिक जागरण ने हिंदुस्तान को दिया घुमा के – अरे वो तो जनम का झूठा है, मैं हूं, मैं ही हूं नंबर वन

कहा था न कि हिंदुस्तान ने लखनऊ में अपने को नंबर एक बताते हुए दैनिक जागरण और अमर उजाला पर प्रहार किया है तो इसकी प्रतिक्रिया भी जरूर होगी। और दैनिक जागरण ने हिंदुस्तान के नंबर वन के दावे को झुठलाते हुए एक बार फिर अपने प्रतिद्वंद्वी पर तमाचेदार टिप्पणी की है। जागरण ने लिखा है कि उसका दावा बेतुका है। झूठ के पांव नहीं होते।

 

मजीठिया वेज बोर्ड संघर्ष : शोभना भरतिया और शशि शेखर को शर्म मगर नहीं आती… देखिए इनका कुकर्म…

हिंदुस्तान अखबार और हिंदुस्तान टाइम्स अखबार की मालकिन हैं शोभना भरतिया. सांसद भी हैं. बिड़ला खानदान की हैं. पैसे के प्रति इनकी भूख ऐसी है कि नियम-कानून तोड़कर और सुप्रीम कोर्ट को धता बताकर कमाने पर उतारू हैं. उनके इस काम में सहयोगी बने हैं स्वनामधन्य संपादक शशि शेखर. उनकी चुप्पी देखने लायक हैं. लंबी लंबी नैतिक बातें लिखने वाले शशि शेखर अपने घर में लगी आग पर चुप्पी क्यों साधे हैं और आंख क्यों बंद किए हुए हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए. आखिर वो कौन सी मजबूरी है जिसके कारण वह अपने संस्थान के मीडियाकर्मियों का रातोंरात पद व कंपनी जबरन बदले जाने पर शांत बने हुए हैं.

हिंदुस्तान ने दैनिक जागरण और अमर उजाला को फिर ललकारा, दिखाया दम का दावा ‘मैं नंबर वन’

लखनऊ : उत्तर प्रदेश से प्रकाशित हो रहे तीन शीर्ष अखबारों हिंदुस्तान, जागरण और अमर उजाला के बीच मीडिया मार्केट कब्जियाने की जंग और तेज हो चली है। रीडर सर्वे रिपोर्टों को आधार बनाकर तीनो अखबार अपनी-अपनी तरह से यूपी के पाठकों और मीडिया मार्केट को बहलाने-फुसलाने में लगे हुए हैं। दैनिक हिंदुस्तान ने ऑडिट ब्यूरो आफ सर्कुलेशन (एबीसी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रसार की गलाकाटू प्रचार-प्रतिस्पर्धा को और हवा दे दी है। अंदेशा है, इसके बाद जागरण और अमर उजाला भी आने वाले दिनो में हिंदुस्तान पर अटैक कर सकते हैं!

बक्सर के रिपोर्टर ने अपने इंचार्ज से परेशान होकर हिंदुस्तान छोड़ा

बक्सर (पटना) : दैनिक हिंदुस्तान के बक्सर आफिस के इंचार्ज मनोज कुमार सिंह की मनमानी, खबरों में सही तथ्यों में हेरफेर और अनावश्यक काटकूट किए जाने से परेशान होकर यहां के ब्लॉक रिपोर्टर सत्येंद्र चौबे ने अखबार को बॉय- बॉय कर दिया है। हिंदुस्तान का काम छोड़ देने की जानकारी उन्होंने मेसेज से अखबार के …

हिंदुस्तान के मीडियाकर्मियों के पदनाम और विभाग में वर्ष 2010 से फेरबदल की खबर !

नोएडा : मजीठिया मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एक बार पुनः मुकरने की तैयरारी में दैनिक हिंदुस्तान प्रबंधन इन दिनो अपने यहां के मीडिया कर्मियों के सिर्फ तात्कालिक तौर पर विभाग और पदनाम के साथ खेल नहीं कर रहा, बल्कि कागजों में वर्ष 2010 से ही उन सभी मीडिया कर्मियों के पदनाम परिवर्तित कर रहा है, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार मजीठिया बेजबोर्ड के लाभ के हकदार हो सकते हैं। 

हिन्दुस्‍तान में दुम दबा के हइसा….. मुकदमो से हांफ रहे मालकिन के मिट्ठू-पिट्ठू

नई दिल्ली : हिन्दुस्तान में आजकल हाय- तौबा मचा हुआ है कि मैडम का नाम क्यों सुप्रीम कोर्ट में घसीटा जा रहा है। उनकी जगह स्वामिनी के किसी भक्त अधिकारी के नाम मुकदमा किया जाना चाहिए था। 

मजीठिया न देने के लिए ‘हिंदुस्तान’ अपने मीडिया कर्मियों के विभाग और पदनाम बदलने में जुटा

दिल्ली : मजीठिया मामले में हिंदुस्तान ग्रुप पत्रकारों का हक मारने के लिए इन दिनो जोरशोर से अंदरूनी तौर पर कई तरह की कागजी तैयारियों में जुटा हुआ है।

एटा में हिंदुस्तान के रिपोर्टर के खिलाफ हत्या की धमकी की रिपोर्ट

एटा : ‘दहलता आईना’ के समाचार संपादक अमन पठान को गोली मारने की धमकी देने के आरोपी दैनिक हिंदुस्तान के रिपोर्टर मयूर गुप्ता के खिलाफ मारहरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

Newspapers readership IRS 2014 Download

Download Topline Newspapers Readership numbers… देश के बड़े अखबारों, मैग्जीनों आदि की लैटेस्ट या बीते वर्षों की प्रसार संख्या जानने के लिए नीचे दिए गए शीर्षकों या लिंक्स पर क्लिक करें…

कई दिन चुप्पी साधे रहे जागरण और अमर उजाला का आज एक साथ आईआरएस रिपोर्ट पर अटैक, निशाने पर ‘हिंदुस्तान’

इंडियन रीडरशिप सर्वे रिपोर्ट जारी होने के दिन से चुप्पी साधे रहे और आज लगभग एक सप्ताह बाद दैनिक जागरण और अमर उजाला ने एक साथ हमला बोलते हुए अपने पहले पेज पर लिखा है कि इंडियन रीडरशिप सर्वे 2014 ने फिर झूठे आंकड़ों के दम पर पाठकों को गुमराह करने की नाकाम और ओछी कोशिश की है। उसने तीन चौथाई झूठ के साथ एक चौथाई सच मिलाकर नई बोतल में पुरानी शराब पेश कर दी है। ये सर्वे रिपोर्ट गलतियों का पुलिंदा है। दैनिक जागरण ने रिपोर्ट को ‘नई बोतल में पुरानी शराब’ कहा है। जागरण ने आज नाक-भौंह सिकोड़ते हुए लिखा है कि ‘नई बोतल में तीन हिस्से पुरानी शराब भरना, उसमें थोड़ी नई शराब डालना और उसे पूरी तरह नई बताकर पेश करना, लोगों को भ्रमित करना है।’ दबे स्वर में दैनिक हिंदुस्तान को भी निशाने पर लिया गया है। हिंदुस्तान ने सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद ही अपनी ‘बादशाहत’ का गुणगान कर लिया था। उसने अपनी प्रथम पेज पर प्रकाशित खबर में लिखा था कि किस तरह वह अमर उजाला और दैनिक जागरण से आगे है। उल्लेखनीय है कि अपने कार्यक्षेत्र में जागरण और अमर उजाला एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं लेकिन ये साझा जुगाली अचंभित करने वाली है। लगता है कि दोनो ने हिंदुस्तान को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मान लिया है। यानी हिंदुस्तान इनकी चादर छोटी कर रहा है।

थोड़ा तो अपने जमीर को जगाओ हिन्दुस्तानियो

दोस्तों इन दिनों हिन्दुस्तान में गजब का खेल चल रहा है। धड़ल्ले से sub एडिटर को कंटेंट क्रियेटर चीफ सब और न्यूज़ एडिटर तक को कंटेंट एडिटर बना दिया जा रहा। फिर भी हिन्दुस्तान के साथी कुछ बोलने को तैयार नहीँ है।

मजीठिया से बचने के लिए हिन्दुस्तान अपने सब एडिटर्स को बना रहा कंटेंट क्रियेटर

दोस्तों, हिन्दुस्तान अखबार मजीठिया से बचने के लिए अब अपने सब एडिटर्स को कंटेंट क्रियेटर बना रहा है। साथ ही उन्हें अखबार में न रख कर इंटरनेट विभाग में रख रहा है और काम अखबार के संपादकीय विभाग का करा रहा है।

मजीठिया मांगने वाले पत्रकारों को ‘हिंदुस्तान’ सबक सिखाने लगा, दो को बाहर का रास्ता दिखाया

नई दिल्ली : दैनिक हिंदुस्तान अब मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें लागू करने की मांग करने वाले पत्रकारों को सबक सिखाने पर उतर आया है। सूत्रों से पता चला है कि दो मीडिया कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। चार और को निकालने की तैयारी है। इस अंदर ही अंदर पत्रकारों में गुस्सा उबल रहा है।

हिन्‍दुस्‍तान की बजाते रहो

दिल्ली : शुक्रवार 13 मार्च 2015 हिन्‍दुस्‍तान का एस्‍टेट फीचर परिशिष्‍ट का पेज-4, 18 अक्‍तूबर 2013 के हिन्‍दुस्‍तान एस्‍टेट से हूबहू लिया गया है। श्री विजय मिश्र पेज इंचार्ज हैं तो श्री राजीव रंजन श्रीवास्‍तव उनके दो-दो साल बासी-तिवासी कंटेंट सप्लायर।

हिन्दुस्तान अनीति की गुलामी से कभी मुक्त न होगा

हिन्द स्वराज्य नामक किताब में गांधी ने मार्क्सवादी विचारधारा का समर्थन करते हुए लिखा ‘‘गरीब हिन्दुस्तान तो गुलामी से आजाद हो सकेगा, लेकिन अनीति से पैसे वाला बना हुआ हिन्दुस्तान कभी गुलामी से नहीं छुटेगा‘‘, हम चाहें तो आजादी के असलीपन और नकलीपन से सहमत या असहमत हो सकते हैं। लेकिन हिन्दुस्तान अनीति से भर गया है।

Dainik Hindustan 200 cr Government Advt Scam : SC to hear SLP of Shobhana Bharatia on 24 March

New Delhi : 200 crore Dainik Hindustan Government Advertisement scandal, the Supreme Court of India(New Delhi) has listed the Special Leave Petition (Criminal) No. 1603 / 2013 (Shobhana Bhartia Vs State of Bihar & another) for hearing on March, twenty four 2015 next. Meanwhile, the Superintendent of Police, Munger (Bihar), Mr. Varun Kumar Sinha has submitted the Counter-Affidavit on behalf of the Bihar Government to Mr.Rudreshwar Singh, the counsel for the Bihar Government in the Supreme Court in the Special Leave Petition (Criminal) No. 1603 of 2013. Now, the Counsel for the Bihar Government, Mr. Rudreshwar Singh has to file the Counter-Affidavit in the Supreme Court and has to argue on behalf of the Bihar Government in this case.

लॉ छात्रा से दरिंदगी की खबर दबाने पर हिंदुस्तान के छायाकार की छुट्टी, क्राइम रिपोर्टर के खिलाफ जांच जारी

दो सप्ताह पूर्व मेरठ स्थित जाग्रति विहार के अमन हॉस्पिटल में आधा दर्जन युवकों द्वारा लॉ की छात्रा से हैवानियत के मामले की खबर हिन्दुस्तान समाचार पत्र के लिए बड़ी नहीं थी। खबर को मैनेज करने वाले छायाकार राहुल राणा को प्रबन्ध तंत्र ने अपनी फजीयत से बचने के लिए जहां बाहर का रास्ता दिखा दिया है, वही क्राईम रिपोर्टर सलीम के खिलाफ जांच बैठा दी है। मेरठ के अमन हॉस्पिटल में छः दरिंदों द्वारा लॉ की छात्रा के साथ हैवानियत की थी सूचना पर हिन्दुस्तान समाचार पत्र का क्राईम रिपोर्टर सलीम अपने साथी छायाकार राहुल राणा के साथ मौके पर पहुंचा।

‘हिंदुस्तान’ के सताए एक ईमानदार और जुझारू पत्रकार अशोक श्रीवास्तव की हार्ट अटैक से मौत

(कुमार सौवीर)


Kumar Sauvir : पत्रकारिता पर चर्चा शुरू हुई तो अशोक श्रीवास्‍तव ने बुरा-सा मुंह बना लिया। मानो किसी ने नीम को करेले के साथ किसी जहर से पीस कर गले में उड़ेल दिया हो। बोला:- नहीं सर, अब बिलकुल नहीं। बहुत हो गया। अशोक श्रीवास्‍तव, यानी 12 साल पहले की जान-पहचान। मैं पहली-पहली बार जौनपुर आया था। राजस्‍थान के जोधपुर के दैनिक भास्‍कर की नौकरी छोड़कर शशांक शेखर त्रिपाठी जी ने मुझे वाराणसी बुला लिया। दैनिक हिन्‍दुस्‍तान में। पहली पोस्टिंग दी जौनपुर।

एचटी मैनेजमेंट के खिलाफ ऐतिहासिक जीत, हाईकोर्ट ने 272 एचटी कर्मचारियों को काम पर रखने का आदेश दिया

एक ऐतिहासिक फैसला आया है. हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ लड़ रहे 272 मीडियाकर्मियों को न्याय मिल गया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इन 272 कर्मियों को फिर से काम पर रखने का आदेश हिंदुस्तान टाइम्स प्रबंधन को दिया है. कोर्ट के पूरे आदेश को इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है: goo.gl/b2KE9i

दिल्ली यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स ने इस ऐतिहासिक जीत पर कर्मियों को बधाई दी है. डीयूजे की तरफ से जारी प्रेस रिलीज इस प्रकार है….

हिंदी का ये कौन बड़ा अखबार है जो पहले कांग्रेस का चाटुकार था, आज भाजपा का चाटुकार है

Umesh Chaturvedi : हिंदी पत्रकारिता का वैचारिक बदलाव का दौर चल रहा है..यह बदलाव अंदर से है या सिर्फ दिखावे का..इसे तय पाठक ही करेंगे..हिंदी का एक बड़ा अखबार है..16 मई 2014 से पहले तक पूरे दस साल तक उसके बीजेपी बीट रिपोर्टर का एक ही काम होता था..बीजेपी की आलोचना करना..बीजेपी से जुड़ी रूटीन खबरें नहीं करना..

हिंदुस्तान अखबार का हाल : फोटो सिंह की पत्रकारिता, मीडिया में भाई-भतीजावाद और करप्शन का चहुंमुखी गठजोड़

यूपी के बागपत जिले में हिन्दुस्तान अखबार के प्रभारी नाजिम आजाद हैं। जब से यह संस्करण शुरू हुआ है तभी से प्रभारी पद पर नाजिम आसीन हैं। जब हिन्दुस्तान का संस्करण शुरू हुआ तो बागपत की तहसील खेकड़ा में फोटो सिंह नामक पत्रकार हुआ करते थे। ये माननीय सरकारी नौकर हैं। बताया जाता है कि फोटो सिंह ट्यूबवैल ऑपरेटर हैं। इसके अलावा फोटो सिंह की खासियत है कि यह पत्रकारिता के माध्यम से समाजहित के बजाय स्वहित भी बखूबी साधना जानते हैं। फोटो सिंह काफी पुराने पत्रकार हैं और इससे पहले अमर उजाला में भी कार्य कर चुके हैं। जहां तक पता चला है कि अमर उजाला के तत्कालीन स्थानीय संपादक ने उनके सरकारी नौकरी का पता चलने पर उन्हें खेकड़ा प्रतिनिधि पद से हटा दिया था। उसके बाद कुछ समय के लिए जनाब घर पर बैठे और फिर हिन्दुस्तान का दामन थाम लिया।

शशि शेखर ने हिंदी हिंदुस्तान के बेजुबान कर्मियों को जानवरों की तरह हांककर नोएडा ले जाने का ठेका लिया था!

शशि शेखर ने हिंदुस्तान को गर्त में डुबोने के एक बडे़ रोडमैप के तहत हिंदुस्तान का कार्यालय एचटी बिल्डिंग कनाट प्लेस से नोएडा के सैक्टर 63 में सूनसान तबेले जैसे इलाके में पहुंचा दिया। यहां आकर शशिशेखर व उनके दो- तीन तलवे चाटने वालों को छोड़कर सभी परेशान हैं।  कुछ ही माह पहले हिंदुस्तान के साथ ही एचटी अंग्रेजी के पूरी संपादकीय टीम को नोएडा भेजने का फरमान जारी हुआ था लेकिन  एचटी इंग्लिश स्टाफ ने एक जुट होकर शोभना भरतिया के मैनेजरों को आंखे दिखाई और सामूहिक इस्तीफों की चेतावनी दी तो उन्हे नोएडा भेजने का फैसला वापस ले लिया गया।