आज कल हर पैसे वाला चैनल के रूप में अपनी एक नई दुकान खोल रहा है। बड़े-बड़े सपने देखता है। अपने यहां मोटे वेतन का लालच देकर पत्रकारों और कर्मचारियों को बुला लेता है। कुछ ही दिन में हाथ खड़े कर देता है क्योंकि दुकान चल नहीं पाती है। इन धन्ना सेठों को देश, समाज और पत्रकारिता जैसे संवेदनशील मुददों से कोई सरोकार नहीं होता। इन्हें तो अधिक कमाई और दूसरे धंधों के संरक्षण के लिऐ चैनल की जरूरत होती है।
ऐसा ही एक चैनल ‘फाईन न्यूज़’ भोपाल मे चालू हुआ…. कई कर्मचारियों को बुलाया और चंद दिनों में पांव उखड़ गए। मेरे जैसे स्ट्रिंगर के तो पैसे भी जमा हैं, क्योंकि इस का मालिक एक दो महीने का हवाला देकर पुन: चैनल चालू करने की बात कह कर रिपोर्टरों को गुमराह कर रहा है। चैनल के नामी गिरामी लोगों ने दूसरे चैनल पकड़ लिऐ हैं। कब तक इंतजार करते, आखिर घर भी तो चलाना है इन बेचारों को। अब फाईन की दुकान कभी नहीं खुलेगी।
विजय रघुवंशी
रिपोर्टर
गंजबासौदा
जिला विदिशा
म.प्र.
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