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छ: उप-सम्पादक और छ: संस्करण, नो छुट्टी

गोरखपुर के अमर उजाला में फिलवक्त अंधेरा है। एक रोशनी किसी कोने से आई जो जरूर आरामदेह है। जब उसका एक पूरा सम्पदाकीय दफ्तर गोरखपुर शहर में खुल गया। बात अलग है कि उसका उद्घाटन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने किया।

गौरतलब है कि वह एक पत्र का सम्पादन भी करते थे। समाचारपत्रों पर योगी जी कड़ी निगाह भी रखते हैं। खैर बात अमर उजाला, गोरखपुर की हो।

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अमर उजाला की गोरखपुर यूनिट में कुल छ: संस्करण छपते हैं। इनका जिम्मा कुल छ: उप-सम्पादकों पर है। महराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, बस्ती, देवरिया और कुशीनगर जैसे जिलों के समग्र समाचार सम्पादन का जिम्मा प्रति जिला एक आदमी सम्भालता है। पन्ना भी वही बनाता है। यह भी ठीक। लेकिन अगर कोई छुट्टी लेना चाहे तो? सम्पादक उसका ट्रांसफर कर देंगे सुदूर कहीं।

सूत्रों ने बताया कि सम्पादक जी छ: से सात कभी होने नहीं देते। ट्रांसफर कर देते हैं। उनके कुछ खास मुखबिर हैं जो आवश्यकता पर छुट्टी-छपाटी पा जाते हैं। रतजगे की नौकरी वह भी दो-तीन माह लगातार, भयावह है।

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