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‘हैलो’ नहीं, ‘हैलो ज़ी टीवी’ कहें और हां, आज से अपना मोबाइल फोन बाहर रखकर ही दफ्तर के अंदर आएं वरना….

मुंबई : जी एंटरटेनमेंट एचआर विभाग के एक फरमान ने उसके कर्मचारियों में हलचल मचा दी है। फरमान है कि वे मोबाइल फोन लेकर दफ्तर में न घुसें। या तो घर छोड़ आएं या अपनी कार में या बाहर कहीं और रखकर आएं। ये फरमान आज एक अप्रैल से लागू माना जाएगा। फरमान में ये भी कहा गया है कि हैलो कहने से बाज आएं। आज से सिर्फ ‘हैलो जी टीवी’ ही कहें।

<p><span style="line-height: 1.6;">मुंबई : जी एंटरटेनमेंट एचआर विभाग के एक फरमान ने उसके कर्मचारियों में हलचल मचा दी है। फरमान है कि वे मोबाइल फोन लेकर दफ्तर में न घुसें। या तो घर छोड़ आएं या अपनी कार में या बाहर कहीं और रखकर आएं। ये फरमान आज एक अप्रैल से लागू माना जाएगा। फरमान में ये भी कहा गया है कि हैलो कहने से बाज आएं। आज से सिर्फ 'हैलो जी टीवी' ही कहें।</span></p>

मुंबई : जी एंटरटेनमेंट एचआर विभाग के एक फरमान ने उसके कर्मचारियों में हलचल मचा दी है। फरमान है कि वे मोबाइल फोन लेकर दफ्तर में न घुसें। या तो घर छोड़ आएं या अपनी कार में या बाहर कहीं और रखकर आएं। ये फरमान आज एक अप्रैल से लागू माना जाएगा। फरमान में ये भी कहा गया है कि हैलो कहने से बाज आएं। आज से सिर्फ ‘हैलो जी टीवी’ ही कहें।

जी एंटरटेनमेंट के एचआर विभाग ने कर्मचारियों के जारी ई-मेल में खबरदार करते हुए बताया है – ‘टीम के जिन सदस्यों के पास कार है, उनसे आग्रह है कि वे ऑफिस में घुसने से पहले अपने-अपने मोबाइल फोन अपनी कार में छोड़ दें। टीम के जो सदस्य काम पर आने-जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए सभी ऑफिसों में एन्ट्रैंस पर सिक्योरिटी के पास मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था की जाएगी। 

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‘अक्सर देखा गया है कि मीटिंगों के दौरान टीम के सभी सदस्यों का ध्यान अपने मोबाइल फोन से भंग हो जाता है। व्यक्तिगत कॉल से विचलित होने के साथ ही इससे उनकी उत्पादकता और ध्यान देने की अवधि घट जाती है जिससे उनकी प्रभावोत्पादकता कम हो जाती है। इसके पीछे सोच यह है कि समूह की सभी कंपनियों में आंतरिक बैठकों के लिए यात्रा को घटाकर, मोबाइल के इस्तेमाल और इनसे जुड़ी लागत को कम करके संवाद को ज्यादा उत्पादक, सुविधाजनक व किफायती बनाया जाए। पाया गया है कि सिस्टम का पूरी क्षमता भर उपयोग नहीं हो रहा है। वीडियो कॉल्स तो छोड़ दीजिए, सिस्टम में बमुश्किल कोई वॉयस कॉल आती है।

‘अनुशंषा की जाती है कि आप अपने इकभास फोन को एकल ठौर का नंबर बना लें। यहां तक कि जब आफ ऑफिस से निकलते हैं, तब भी इकभास पर आई कॉल्स को अपने मोबाइल फोन पर ट्रांसफर कर सकते हैं। सिर्फ ‘हैलो’ की जगह टीम के सदस्यों को ‘हैलो, ज़ी टीवी’, ‘हैलो, एस्सेल इन्फ्रा’ या जहां भी वो काम कर रहा हो, वैसा कह कर जवाब दें। इसे अपनाना मुश्किल हो सकता है जैसे जीवन में कोई भी बदलाव लाना मुश्किल होता है। लेकिन हमारा दृढ़ यकीन है कि यह सभी व्यक्तियों की उत्पादकता और प्रभावशीलता में सुधार लाने में काफी असरदायक उपाय होगा। इसलिए उन कंपनियों व एस्सेल ग्रुप के भी हित में हैं, जिसके लिए हम सभी काम करते हैं।

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