दो मीडिया हाउसों के एचआर की कहानी- ”किसी की पैरवी है आपके पास?”

Hi all,

Although I didn’t want to share with you but now I feel it is must to share that how people from Hr Department waste job seeker candidates time. I guess they believe that they are equal to God and all job seekers are beggars.

‘झा-झा गैंग’ बनाकर मलाई जीम रहे शिवपूजन, ‘जी पुरवैया’ चले या भाड़ में जाए

जी पुरवैया न्यूज़ में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। शिवपूजन झा की  तानाशाही और मनमानी की वजह से एचआर की नौकरी गयी, वजह यह है की शिवपूजन झा यहाँ पर अपनी मर्जी से जो चाहे कर रहे थे। चाहे किसी की नौकरी हो या किसी का इन्क्रीमेंट या किसी का प्रमोशन तक, एचआर को झूठ सच बताकर करवाते रहे। आखिरकार जी मीडिया में बैठे उच्च अधिकारियों की नींद टूटी और जांच कर आनन फानन में कार्रवाई कर दी।

‘हैलो’ नहीं, ‘हैलो ज़ी टीवी’ कहें और हां, आज से अपना मोबाइल फोन बाहर रखकर ही दफ्तर के अंदर आएं वरना….

मुंबई : जी एंटरटेनमेंट एचआर विभाग के एक फरमान ने उसके कर्मचारियों में हलचल मचा दी है। फरमान है कि वे मोबाइल फोन लेकर दफ्तर में न घुसें। या तो घर छोड़ आएं या अपनी कार में या बाहर कहीं और रखकर आएं। ये फरमान आज एक अप्रैल से लागू माना जाएगा। फरमान में ये भी कहा गया है कि हैलो कहने से बाज आएं। आज से सिर्फ ‘हैलो जी टीवी’ ही कहें।

Zee News की HR policy की तारीफ़ करनी होगी, बीमा के जरिए रिपोर्टर शिवम की जान की कीमत 25 लाख आंकी गई

Vinod Kapri : शिवम् भट्ट। इस बच्चे को मैं जानता नहीं हूँ। ना कभी मिला। पर जब से शिवम् की मृत्यु का समाचार पढ़ा और सुना-मन बेहद उदास है। शिवम् का ज़िक्र आते ही टीवी के वो सैकड़ों शिवम् आँखो के सामने से गुज़रने लगते हैं जो दिन रात , सूखा बरसात , गर्मी सर्दी देखे बिना ख़बर की खोज में लग जाते हैं। मुंबई हमला हो , केदारनाथ त्रासदी हो या कश्मीर की बाढ़ हो – हर मैदान में रिपोर्टर या कैमरामैन बस बिना कुछ परवाह किए कूद पड़ते हैं। ऐसी हर कवरेज के दौरान मुझे इन लोगों की हमेशा सबसे ज़्यादा फ़िक्र रही। ना जाने कितने लोग इसके गवाह होंगे।