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संजय कुमार सिंह
चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री का जहर उगलना जारी है। अखबार अपने हिसाब से चुनाव कर विपक्ष की खबर साथ छाप रहे हैं या छोड़ रहे हैं। आज के अखबारों को देखकर यही कहा जा सकता है कि ज्यादातर अखबारों ने अपना स्तर नहीं गिराया है। और यह सिर्फ रैली की खबर के लिये नहीं है, इंटरव्यू पर अगर जबरन है तो वैसे ही छाप दिया गया लग रहा है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि मुसलमानों को आरक्षण गुजरात में भी है तब प्रधानमंत्री क्यों झूठ और घृणा फैला रहे हैं। पर यह खबर आज नहीं के बराबर छपी है।
दिल्ली के अखबारों में आज यहां के एक शिशु केयर अस्पताल में आग लगने से सात नवजातों की मौत की खबर लीड है। विवेक विहार के इस अस्पताल में शनिवार की रात आग लगी थी और कल ही यह खबर अमर उजाला में पहले पन्ने पर थी। आज लीड है। दूसरी प्रमुख खबर राजकोट के खेल जोन में आग लगने की खबर का फॉलो अप है। द हिन्दू के अनुसार मरने वालों की संख्या 33 हो गई है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार इनमें से सात बच्चे हैं। शीर्षक है, सीसीटीवी से पता चलता है कि नीचे रखी ज्वलनशील सामग्री के ऊपर वेल्डिंग का काम चल रहा था। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार दो आरोपी गिरफ्तार कर लिये गये हैं। हादसा होने के बाद बताया जा रहा है कि अग्नि सुरक्षा के उपकरण नहीं थे और विभाग के एनओसी के बिना चल रहा था। कायदे से अग्नि शमन विभाग के मुखिया के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये जिसकी जिम्मेदारी थी कि बगैर एनओसी ऐसी व्यवस्था नहीं चले पर कार्रवाई उन स्वामियों के खिलाफ होगी जिनके पैसे लगे थे और जो कहीं और पैसे कमाने में व्यस्त थे।
ठीक है कि उनकी भी जिम्मेदारी थी और उनने इसके लिए कर्मचारी रखे ही होंगें। उसे भी नहीं छोड़ जायेगा पर सरकारी अफसरों का बाल भी बांका नहीं होना है। और यही व्यवस्था है। हाईकोर्ट ने इसे मानव निर्मित त्रासदी कहा है और अपने स्तर पर मामला दर्ज करके सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख तय कर दी थी। कोलकाता के अखबार द टेलीग्राफ में दोनों खबरें पहले पन्ने पर नहीं हैं। यहां समुद्री तूफान रेमल के तट पर पहुंचने की खबर है। दिल्ली के अखबारों में सिर्फ नवोदय टाइम्स ने प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार की खबर को सेकेंड लीड बनाया है। शीर्षक है, “कांग्रेस व समाजवादी पार्टी के लिए पाकिस्तान में मांगी जा रही है दुआ : मोदी”। अमर उजाला में यह सेकेंड लीड है। शीर्षक है, “सीमा पार से सपा व कांग्रेस का समर्थन कर रहे जिहादी : मोदी। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने कहा है और अमर उजाला ने सेकेंड लीड के उपशीर्षक के रूप में छापा है, पाकिस्तान में इनके लिए दुआ की जा रही है, ये देश में वोट जिहाद की अपील कर रहे हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स ने वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर डेटलाइन से एक खबर छापी है। इसका शीर्षक है, प्रधानमंत्री मंत्री ने कहा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस की जीत के लिए पाकिस्तान में पूजा-अर्चना हो रही है।
अमर उजाला में मुख्य खबर के साथ सिंगल कॉलम में एक खबर है, धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध करने पर देते हैं गाली। इसमें उन्होंने कहा है, सपा और कांग्रेस वाला इंडिया समूह संविधान बदलकर एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म कर उसमें मुस्लिमों को देना चाहता है। इनकी राजनीति का एक मकसद तुष्टीकरण है। प्रधानमंत्री को यह कैसे पता है या ऐसा कहने का आधार क्या है वह खबर में नहीं है। उनसे पूछ सकने वाला कोई नहीं है। खबरों और उनके भाषणों से लगता है कि प्रधानमंत्री का मकसद हिन्दुओं को मुसलमानों से लड़ाना है। इसे देखना चुनाव आयोग का काम हैं। आप जानते हैं कि प्रधानमनंत्री इंडिया समूह को इंडी गठबंधन कहते हैं। इसके डर से इंडिया समूह बना था तो इंडिया को भारत लिखने-कहने लगे थे। इससे प्रेरणा पाकर अखबार भी यही लिखते हैं पर अभी वह मुद्दा नहीं है।
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आपने गौर किया होगा कि देश के प्रधानमंत्री चुनाव जीतने के लिए मुसलमानों को आरक्षण के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं और इंडिया समूह पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने आज एक खबर छापी है। इसके अनुसार गुजरात ने भी मुसलमानों को ओबीसी कोटा दिया गया है। तेजस्वी यादव ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है और गुजरात के लिए ओबीसी मुस्लिम की सेंट्रल लिस्ट लगाकर अपनी बात को मजबूती दी है। इसमें उन्होंने लिखा है, शायद आप इससे वाकिफ नहीं हैं जबकि आप 13 साल गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं। पत्र में में मोदी को सलाह दी गई है कि वे भ्रम और घृणा फैलाना बंद करें। टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार की खबर को टॉप पर छापा है और सेकंड लीड है। इसका शीर्षक है – प्रधानमंत्री ने कहा, विपक्ष भारत के बहुसंख्यकों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना चाहते हैं। जाहिर है, प्रधानमंत्री चुनावी सभाओं में बाकायदा हिन्दू-मुसलमान ही नहीं, अल्पसंख्यक – बहुसंख्यक भी कर रहे हैं लेकिन चुनाव आयोग के अस्तित्व का भी पता नहीं चल रहा है।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर डेटलाइन से एक खबर छापी है। इसका शीर्षक है, प्रधानमंत्री मंत्री ने कहा, समाजवादी पार्टी कांग्रेस की जीत के लिए पाकिस्तान में पूजा-अर्चना हो रही है। जवाब हिन्दुस्तान टाइम्स में ही पहले पन्ने से पहले के अधपन्ने पर छपा है। राहुल गांधी की फोटो के साथ तीन कॉलम का शीर्षक है, “मोदी अमीरों के कर्ज माफ करते हैं लेकिन हिमाचल में बाढ़ सहायता नहीं दी : राहुल”। यह खबर नवोदय टाइम्स में भी पहले पन्ने पर है। शीर्षक है, हिमाचल को 9000 करोड़ नहीं दे सके मोदी : राहुल। कहा, लेकिन 22 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। अमर उजाला ने अगर प्रधानमंत्री की खबर को प्राथमिकता दी है तो बराबर में मल्लिकार्जुन खरगे की खबर छापी है। शीर्षक है, भाजपा का कोई नेता बेरोजगारी व महंगाई की बात नहीं करता : खरगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, संविधान पर हमला करने वालों को हराना ही होगा।
अमर उजाला में एक और दिलचस्प खबर है, नासिक में जौहरी के यहां 26 करोड़ की नकदी मिली। मुझे अभी तक समझ में नहीं आया है कि सरकार की इतनी सख्ती, सतर्कता और कार्रवाई तथा कार्रवाई की चेतावनी के बावदूद लोगों के पास इतनी नकदी कहां से आती है। चुनाव के समय जो नकदी जब्त होती है वह तो चुनाव के लिए इकट्ठा की गई होती है। लेकिन बैंकों से काला धन निकलता कैसे है, किसी स्थान पर पहुंचता कैसे है और सरकार को सूचना क्यों नहीं मिलती है। सरकार ने क्या किसी को यह नोटिस दिया है कि आपने अपने खाते से इतने पैसे निकाले, क्या किया जवाब दीजिये।
यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि मोदी जी ने कहा है और नवोदय टाइम्स ने पहले पन्ने पर बॉक्स में छापा है, भाजपा सरकार में माफिया डर से कांपता है : मोदी। यह इस तथ्य के बावजूद है कि दिल्ली में एक अपराधी ने जेल में रहते हुए करोड़ों वसूल लिये। अब यह पता नहीं है कि वह माफिया है या एक अपराधी डर से कांपते हुए वसूली कैसे कर पाया और कर ही लिया तो प्रधानमंत्री अपनी पीठ किसलिये ठोंक रहे हैं। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री के चुनाव प्रचार की यह खबर आम तौर पर आज पहले पन्ने पर नहीं है। पहले मैंने यहीं लिखा है कि मोदी देश में कहीं भी, कुछ भी बोलते रहे हैं उन्हें पहले पन्ने पर प्रमुखता से छापा जा रहा है। इस बार उनके भाषण और भाषा का स्तर काफी खराब है और इस कारण पहले पन्ने से गायब है। देखिये आपके अखबार में क्या है और क्या नहीं।
इंटरव्यू से प्रचार
आप जानते हैं कि 2024 के लोक सभा चुनाव का एक ही चरण रह गया है और इसमें सिर्फ 57 सीटों के लिए मतदान होने हैं। इससे पहले विपक्षी नेताओं के इंटरव्यू जब अखबारों में छपे तो मैंने लिखा था कि अब उदारता से इंटरव्यू छापने का कोई खास मकसद नहीं हो सकता है। ज्यादातर मतदान तो हो चुके लेकिन आज कई अखबारों में सत्तारूढ़ दल के नेताओं के इंटरव्यू हैं। उदाहरण के लिए आज नवोदय टाइम्स में प्रधानमंत्री का इंटरव्यू है। इसमें इंटरव्यू करने वाले का नाम नहीं है और शीर्षक है, अगले चुनाव में भी विपक्ष मोदी नाम की रट लगायेगा। जाहिर है, इंटरव्यू औपचारिकता या प्रचार है। वरना नरेन्द्र मोदी जैसे प्रधानमंत्री का इंटरव्यू पा जाने वाले का नाम न होना सारी बातें कह देता है।
इंडियन एक्सप्रेस में अमित शाह का इंटरव्यू है। इसका शीर्षक है, अमित शाह ने कहा, अगली सरकार बनाने के लिए हमारे पास संख्या है …. लोग विपक्ष के बारे में फैसला करेंगे। यह भी कहा है कि राहुल के प्रवेश के बाद कांग्रेस का व्यवहार बदल गया, राजनीति का स्तर गिर गया। यह इंटरव्यू नीरजा चौधरी और राजकमल झा ने किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का इंटरव्यू है। इसमें उन्होंने दावा किया है कि भाजपा बहुमत से आगे निकल चुकी है और कुल मिलाकर 370 से ज्यादा सीटें पायेगी। मैं अभी ये इंटरव्यू पढ़ नहीं पाया हूं। पता नहीं, यह पूछा गया है कि नहीं कि जब जीत पक्की है तो प्रधानमंत्री को अपने भाषणों का स्तर इतना खराब करने की क्या मजबूरी है और उन्होंने स्तर व मर्यादा बनाये रखने की कोशिश क्यों नहीं की और अगर इसकी जरूरत नहीं समझते हैं यही कहा है या नहीं।
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