देवकी नंदन मिश्रा-
तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्य में EXIT POL के आकलन सही नहीं निकले। बीजेपी जिसे दो दो का बताया जा रहा था वह तीन एक से आगे निकल गई। 2018 में जिन राज्यो मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को बुरी तरह से पराजित कर दिया था उसका बदला बीजेपी ने आज यह तीनों राज्य जीतकर ले लिया। मोदी की गारंटी काम कर गई और राहुल फेल कर गये।
बीजेपी के लोग कहते हैं कि मोदी और अमित शाह मनमानी करते हैं पार्टी में। बात भी सच है लेकिन इन तीन राज्यो में जीत का कारण भी यही है। अगर इन राज्यो में लोकल छत्रप को आगे करके चुनाव लड़े होते तो शायद यह नतीजे उनके फ़ेवर में इस तरह नहीं आते। चेहरा मोदी जी ख़ुद थे और जमकर कैम्पेन भी किया उन्होंने।
इधर कांग्रेस में राहुल प्रियंका और खड़गे की कमलनाथ अशोक गहलौत और भूपेश बघेल ने चलने नहीं दी। खूब मनमानी इन्होंने की। केंद्र की तरफ़ से राहुल प्रियंका और खड़गे केवल भाषण देने गये। एक दो उदाहरण आपके सामने रख रहा हूँ।
1- गहलौत साहब ने ख़ुद कहा था कि राजस्थान में आधे से अधिक टिकट बदले जाएँगे लेकिन जब टिकट बटवारे को लेकर दिल्ली में मीटिंग हो रही थी वही पुराने नाम देखकर राहुल गाँधी भड़क गये थे लेकिन टिकट उन्हीं को दिया गया जो लिस्ट गहलौत जी लेकर आये थे।
2- मध्य प्रदेश में तो कमलनाथ ने सुरजेवाला को छोड़कर किसी की सुनी ही नहीं। INDIA की रैली और बैठक भोपाल में प्रस्तावित की गई लेकिन कमलनाथ ने इसके लिए साफ़ मना कर दिया। उन्हें लग रहा था कि वह तो जीत ही रहे हैं लेकिन इतना बुरा हाल होगा किसी ने सोचा भी नहीं था।
3- यही हाल छत्तीसगढ़ में भी हुआ। भूपेश बघेल के साथ ही राहुल भी मानकर चल रहे थे यह राज्य तो हम लोग जीत ही रहे हैं। उनका यही ओवर कान्फ़िडेंस बघेल और कांग्रेस को ले डूबा।
4- इन राज्यो में गोंडवाना पार्टी के अलावा अखिलेश से गठबंधन तो करना ही चाहिये था जो राज्य के छत्रप नहीं होने दिये।
5- तेलंगाना में राहुल प्रियंका ने फ़ैसला लिया और हारी बाज़ी अपने फ़ेवर में करके जीत लिया।