प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का दिसंबर 2012 का एक वीडियो दिल्ली विधानसभा चुनावों के ठीक पहले नवम्बर 2013 में लोगों के सामने आया था. इस वीडियो में श्री हजारे को यह कहते सुना गया था कि रामलीला मैदान धरने के दौरान तीन करोड़ से अधिक लोगों ने उनके नाम पर चंदा दिया जिसे गलत उद्देश्यों से हड़प लिया गया है. (विडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें)
इस वीडियो के सामने आने पर सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने 16 दिसंबर 2013 के पत्र द्वारा इन आरोपों की आयकर अधिनियम 1961 के तहत जांच कराये जाने की मांग की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में श्री हजारे के वीडियो की लिंक भी भेजी थी जिसमे श्री हजारे साफ़ तौर पर रामलीला मैदान में प्राप्त चंदे के दुरुपयोग के आरोप लगाते दिखते हैं.
आयकर विभाग ने इसमें कोई कार्यवाही करने की जगह अब शिकायतकर्ता से ही “ठोस सबूत” मांगने शुरू कर दिए हैं. झंडेवालान, नयी दिल्ली स्थित आयकर मुख्यालय के उमेश कुमार, आयकर अधिकारी (अन्वेषण) ने अपने पत्रों के माध्यम से डॉ ठाकुर को ठोस सबूत, साक्ष्य और अभिलेख देने को कहा है ताकि मामले में आगे कार्यवाही की जा सके.
डॉ ठाकुर का कहना है कि वीडियो में कही बातें पूरी तरफ स्पष्ट हैं और सूचना के अभाव के नाम पर जांच में विलम्ब किसी प्रकार से उचित नहीं है. उन्होंने कहा है कि जांच का सही ढंग यह होता कि शिकायतकर्ता पर ध्यान केन्द्रित करने की जगह इस सम्बन्ध में श्री हजारे से पूछताछ होती कि उनके लगाए आरोपों के क्या आधार हैं. उन्होंने उमेश कुमार को इस बारे में पत्र भी लिखा है.