ये एक अनोखी शाम सिद्ध हुई. इसकी वजह ये थी कि हर विधा का दिग्गज आज शाम को साथ था. वरिष्ठ चित्रकार पद्मश्री एवं पद्म विभूषण कृष्ण खन्ना जी, अशोक बाजपेई जी, उदय प्रकाश जी, कथक नृत्यागंना और प्रणव दा की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी, फोटोग्राफर पार्थिव शाह, मीडिया जगत से प्रियदर्शन एवं शिवकेश मिश्र और इन सबसे बढ़कर प्रतिष्ठित ‘भरत नाट्यम’ नृत्यागंना और कर्नाटक संगीत पारंगत गीता चन्द्रन जी, जिनकी ना केवल प्रतिभाओं की बल्कि उनके बोलने, समझाने, तरीक़े-सलीक़े और हर एक अदा की मैं व्यक्तिगत रूप से मुरीद हूँ… सब एक ही मंच पर मौजूद रहे.
अंतःकरण और कला के वैविध्य आयामों द्वारा उसका प्रदर्शन और उस प्रदर्शन में निहित ईमान और सत्यता पर ही ये चर्चा आधारित थी.
दर्शकों में भी कोई कमतरी नहीं थी… अशोक चक्रधर, नमिता गोखले, विष्णु नागर जी, रचना यादव दीदी, जनाब नईम, अमित कल्ला, बलवन्त कौर और एक बहोत अदना सी लेखिका मैं भी थी..
रज़ा फाउण्डेशन और अचलेश्वर महादेव के संयुक्त प्रयासों से ये शानदार और जानदार महफिल सजाई गई थी, आई आई सी के सेमिनार हॉल में.. इस मौजूदगी और इस शुमारी ने ज़रा सा ही सही लेकिन दिल को वाक़ई आराम दिया…
भूमिका द्विवेदी के एफबी वाल से
Comments on “आईआईसी के सेमिनार हॉल में एक यादगार शाम गुलजार”
padm shree naam ke saath nahin likhi jaa sakti
likhnaa hai to padmshree prapt ye likhnaa padegaa
padmshree koi padvi nahin hai 😕