मशहूर भोजपुरी राइटर और टीवी पत्रकार मनोज भावुक भोजपुरी के सबसे लोकप्रिय चैनल ‘महुआ प्लस’ के क्रिएटिव कंसल्टेंट बनाए गए हैं।
मनोज ने नब्बे के दशक में बतौर फ़्रीलांसर पटना दूरदर्शन और कई समाचार-पत्रों के लिए काम करना शुरू किया. 1998 में भोजपुरी के प्रथम टीवी सीरियल “सांची पिरितिया” में बतौर अभिनेता और 1999 में “तहरे से घर बसाएब” टीवी सीरियल में बतौर कथा-पटकथा, संवाद व गीत लेखक जुड़े। ये दोनों सीरियल पटना दूरदर्शन से प्रसारित हुए। वर्ष 2008 में बतौर प्रोग्रामिंग हेड ‘हमार टीवी’ से जुड़े और प्रोग्रामिंग कंटेंट और स्पेशल प्रोजेक्ट्स एंकरिंग के साथ हीं साथ फिल्म, साहित्य, संगीत, फैशन, गॉसिप, डोमेस्टिक बिहेवियर, करियर, हेल्थ, फोक स्टोरीज और सेक्स जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कई फिक्शन और नॉन फिक्शन कार्यक्रम बनाए. लगभग चार सालों तक हमार टीवी को अपनी सेवाएं देने के बाद मनोज ने अंजन टीवी में एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के पद पर ज्वाइन किया।
मनोज भावुक भोजपुरी साहित्य और सिनेमा के विशेषज्ञ हैं। कवि और फिल्म समीक्षक हैं। लंबे समय तक थियेटर करते रहे हैं। बिहार आर्ट थियेटर, कालिदास रंगालय के नाट्य डिप्लोमा (96-98) के टॉपर रहे हैं. फिल्मों में अभिनय किया है, भोजपुरी सिनेमा के इतिहास पर शोध किया है, बतौर विश्लेषक कई टीवी चैनलों की बहसों में शिरकत करते रहे हैं और कई अखबारों में स्तंभ लिखते रहे हैं.
मॉरिशस, नेपाल, अफ्रीका और ग्रेट ब्रिटेन आदि देशों के अधिवेशनों में साहित्यिक-सांस्कृतिक विनिमय हेतु शिरकत करते रहे हैं और ये अनुभव मनोज द्वारा बनाये गए कार्यक्रमों के कंटेंट में बोलते हुए दिखाई देते हैं। अंजन टीवी के लिए मनोज ने भिखारी ठाकुर, राजेन्द्र प्रसाद , बिस्मिल्लाह खान जैसी भोजपुरी विभूतियों पर स्पेशल कार्यक्रम बनाये। ” भोजपुरी सिनेमा :1948 -2013” के सफर पर डॉक्यूमेंटरी बनायी। क्राइम शो ” गुनहगार” लिखा। फ़िल्मी सितारों के क्रिकेट मैच ” सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग ” के लिए गीत लिखे जो मैच के दौरान सभी स्टेडियम में गूंजते रहे। चैनल के टायटल सांग के साथ हीं साथ चटखारा न्यूज के लिए कर्रेंट अफेयर्स को ध्यान में रखकर चुटीले व गुदगुदाते गीत लिखे। ‘ सुबह के म्यूजिकल शो और मैगज़ीन के लिए ‘चाह गरम’ जैसा कैची और ठेठ नाम दिया। कार्यक्रमों के नाम, प्रोमो, टीजर्स, टायटल सांग और कंटेंट डिजाइन के अलावा बतौर एंकर और प्रोड्यूसर मनोज ने बतकही (सेलिब्रिटी से बातचीत ), बॉक्स ऑफिस (फिल्म -समीक्षा), कइसे कहीं ( हेल्थ शो ) और काव्यांजलि (कवि- सम्मेलन) जैसे सफल शोज बनाये।
और अब महुआ प्लस से जुड़ने के पहले हीं दिन चैनल के सबसे लोकप्रिय शो ” भौजी न० १ ” के जज बने मनोज ने चैनल से जुड़ने पर अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि ” हम भोजपुरी के ब्रांड और सबसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म पर खड़े हैं और उम्मीद करते हैं कि अपने दर्शकों के लिए कुछ नया, कुछ यूनिक, कुछ बेहतरीन बनायेगें। थीम पुराना भी होगा तो अंदाज़ नया और जुदा होगा। ”
Comments on “मनोज भावुक बने महुआ प्लस के क्रिएटिव कंसल्टेंट”
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महुआ चैनल को अब जेक सही दिशा मिला है । वरना अभी तक भोजपुरी मतलब गाना बजाना अश्लीलता से ही लबरेज था जो की शर्मनाक था । मनोज भावुक को जितना मैं जानता हूँ वो भोजपुरी में असलीलता के हमेशा अपनी आवाज़ बुलंद की है । आशा करता हूँ अब महुआ सपरिवार स्वस्थ मनोरंजन देखा जायेगा ।मेरी मनोज जी को नहीं महुआ को हार्दिक शुभकामनाएं ।
महुआ चैनल को अब जाके सही दिशा मिला है । वरना अभी तक भोजपुरी मतलब गाना बजाना अश्लीलता से ही लबरेज था जो की शर्मनाक था । मनोज भावुक को जितना मैं जानता हूँ वो भोजपुरी में असलीलता के खिलाफ हमेशा अपनी आवाज़ बुलंद की है । आशा करता हूँ अब महुआ सपरिवार स्वस्थ मनोरंजन देखा जायेगा ।मेरी मनोज जी को नहीं महुआ को हार्दिक शुभकामनाएं ।
मनोज सर एही तरे अपने भोजपुरी के सेवा में लागल रहीं। दिने दिने आप तरक्की के सिढी चढ़ीं। ई शुभकामना बा। बाकिर भोजपुरी साहित्य संस्कृति आ चैनल में रउरा योगदान के केहु नकार ना सके। ई महुआ प्लस खातिर भी गौरव के बात बा कि आपके साथ मिलल। अनघा बधाई!
मनोज भावुक जी के संघे कई जगह काम करे के मौका मिलल बा आ जतना मिलल बानी ओतना नया-नया चीज सिखले बानी। मनोज जी जेतना बन्हिया कलाकार,लेखक,कवि आ पत्रकार बानी ओतने निम्मन इंसान भी. नाया लोग के भावुक जी बहुत सपोर्ट करेनी आ ओकरा के आगे बढे में भी बहुत मदद करेनी. महुआ चैनल खातिर गर्व के विषय बा की उनका साथै मनोज भावुक जइसन हीरा जुड़ गइले,चैनल के TRP पर भी एकर असर जरूर होइ. महुआ चैनल से जुड़ के रउवा भोजपुरी के आगे बढ़ावे में सार्थक योगदान देम इहे शुभकामना rahi ,अनघा बधाई।
मनोज भावुक सर को सबसे पहले दिल से बधाई। भावुक सर के महुआ प्लस ज्वाइन करने से इतना तो साफ है कि महुआ प्लस को अब एक बेहतरीन दिशा निर्देशक मिल गया है। जो चैनल को नई बुलंदियों तक ले जाएगा। वो ना केवल एक वरिष्ठ पत्रकार है बल्कि तकनीकि समझ रखने वाले टेक्नोजर्नलिस्ट भी है। किसी भी प्रोगाम को टीआरपी कैसे दिलाना उन्हें बखूबी आता है। उनकी शख्सियत का सबसे अहम पहलु ये है कि वो बेहद व्यवहार कुशल है। अपने सहकर्मियों के हर दिक्कत को वो आसानी ने दूर करते हैं। मौका मिला तो एक बार फिर उनके साथ काम करने की चाहत रखता हूं। जय माता दी सर।
सबसे पहिले मनोज भावुक जी रउआ के बहुत बहुत बधाई।हम रउआ के पिछला 7-8 साल से देखत बानी।रउआ जइसन लोग से ही कुछ उम्मीद और भरोशा बा कि आपन भोजपुरी माटी और संस्कृति के गौरवशाली दिन जरूर आई।राउर लेखनी(गजल होखे या पटकथा या समीक्षा) के का ही बुझाला जे रउआ “कलम तुड़ के सियाही पी जानि”। फिर से भावुक जी रउआ के बहुत बहुत बधाई और भगवान से हमार प्रार्थना बा की रउआ आपन जादू अइसही विखेरत रही और भोजपुरी भाषा संस्कृति के पताका हर जगह फहराई।
सबसे पहले मनोज भावुक जी को इस नए कार्यभार के लिए अशेष शुभकामनाएं। मुझे ये नहीं पता कि मनोज जी को आर्थिक दृष्टया महुआ से जुड़ने से कितना फायदा होगा लेकिन इतना यकीं से कह सकता हूँ कि महुआ चैनल को भोजपुरी के इस प्रसिद्द हस्ताक्षर से भूरि भूरि लाभ होगा। जय भोजपुरी।
भोजपुरी जितना मिठा भाषा है उसे उतने ही अश्लील तरीके से पेश किया जाता रहा है लेकिन महुआ चैनल पर अब मनोज जी जैसे साहित्यकार के आ जाने से भोजपुरी की गरिमा बढ़ेगी ! लोगों की महुआ चैनल देखने की चाहत और तीव्र होगी !
महुआ चैनल को ऐसे बहुआयामी प्रतिभा के धनी साहित्यकार को पाने की हार्दिक शुभकामनाएं !
Mr Manoj Bhawuk is a investigative and creative journalist.His appointment in Mahua will bring a lot of new things which will be aappreciated by mass viewer .congratulations to both channel and Mr Bhawuk.
Mr Manoj Bhawuk is a investigative and creative journalist.His appointment in Mahua will bring a lot of new things which will be aappreciated by mass viewer .congratulations to both channel and Mr Bhawuk.
बहुते ख़ुशी के समाचार मिलल, महुआ आपन चैनल खातिर एगो जोग “क्रिएटिव कंसल्टेंट” के चयन कर लिहलस, आदरणीय मनोज भाउक जी एगो आल राउंडर व्यक्ति के धनी बानी, लेखक, कवि, एक्टर, समीक्षक अउरो बहुत कुछ ….हम महुआ के कर्ता धर्ता आ मनोज भाई दुनो लोगन के बधाई देत बानी, बहुत बहुत बधाई आ शुभकामना, उम्मीद बा जे राउर निगेहबानी में महुआ आ भोजपुरी दुनो अश्लीलता से मुक्त होके तरक्की करी. जय भोजपुरी.
गणेश जी बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
Bahu bahu badhai …kamana ba ki khub pragati kari aur bhojpuri ke nam raushan kari
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Home Samachar Hot Topic रंगे हाथ धरइले साहित्यकार मनोज भावुक
रंगे हाथ धरइले साहित्यकार मनोज भावुक
14 AUGUST 2009 NEWS DESK E-mail Print PDF
अति-महत्वाकांक्षा आदमी के कवना हद तक गिरा सकेले, एकर प्रमाण हाल में ही आरा में देखे के मिलल, जब स्नाताकोत्तर (एम. ए.) के परीक्षा में भोजपुरी साहित्यकार मनोज सिंह ‘भावुक’ का जगह कवनो आउर आदमी के परीक्षा देत रंगे हाथ पकडल गइल। आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविधालय प्रबंधन का ओर से उनका खिलाफ थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करावल जा चुकल बाटे।
एह घटना के बाद से समूचा भोजपुरी साहित्य जगत सदमा के स्थिति में बा, आ मनोज भावुक फरार बाडे। हमनी के मिलल जानकारी के अनुसार पुलिस उनुका के तलाश करत उनुकर गांवे भी गइल रहे, पर ओहिजा भी उनुकर कवनो पता ना चल पावल। पुलिस सूत्रन से मिलल जानकारी का अनुसार अब उनका के फरार घोषित क के कुर्की के आदेश लेवे के तैयारी कइल जा रहल बा।
एगो भोजपुरी टीवी चैनल में काफी बडहल पद पर काम क रहल मनोज भावुक के मुसीबत एहिजे खतम ना भइल। एह मुसीबत के घडी में आपन साख बचावे खातिर टीवी चैनल भी उनुका के नाता तूर लेले बा, आ उनुका के ओहिजा से बाहर के रास्ता देखा दिहल गइल बाटे।
“हमरा से कुछ मत पूछिं, हमरा त लाज लागता कि हम अइसन गिरल आदमी का संगे एके मंच पर कविता पढले बानी। हमनी के उनुका से बहुत उम्मेद रहे, बाकिर अब नफरत हो गइल बा। अइसने कुछ लोगन का वजह से सारा दुनिया भोजपुरी के आ भोजपुरियन के खराब कहेले,” अपना नाम ना छापे के शर्त पर एगो साहित्यकार कहले। एह घटना के लेके साहित्यकारन का बीच में तरह तरह के चर्चा हो रहल बाटे, जवना के केन्द्र में मनोज भावुक ही बाडे। “अगर इ बात सच ह, त एह तरह के लोग भोजपुरी ने नाम पर एगो धब्बा हवे। अइसन आदमी के समाज से बाहर निकाल देवे के चाहीं,” साहित्यिक संस्था संदर्भ के अध्यक्ष प्रो. रविकांत जी कहनी।
वइसे कुछ लोगन के कहनाम बा कि मनोज एम. ए. के डिग्री लिहला का बाद शिक्षण के क्षेत्र में आपन कैरियर बनावल चाहत रहलन। लेकिन सवाल इ बा कि जवन आदमी अपना जगह दोसरा के परीक्षा में बइठा के आगे बढे के रास्ता खोजत होखे, का ऊ शिक्षण कार्य के लायक बाटे? का विधा के मंदिर में अइसन घृणित काम करे वाला इंसान के भोजपुरिया समाज एगो साहित्यकार का रुप में स्वीकार करी? जब इ सवाल हमनी का पूर्वांचल एकता मंच के संतोष कुमार पटेल जी से पुछनी, त ऊ कहले – “ई एगो बहुत ही दुखद घटना हवे, आ भावुक जइसन आदमी से केहू इ उम्मेद ना कइले रहे। अपना के एतना बड साहित्यकार प्रोजेक्ट करेला लोग, आ जब समय आवे त… हमनी के अइसन लोग से सावधान रहे के चाहीं, एह तरह के लोग भोजपुरी आन्दोलन के गति के अवरुद्ध क सकेला।“
वइसे एह मामला के सामने अइला का बाद उनुका खिलाफ कई गो आउर मामला भी खुल रहल बाटे। दिल्ली के एगो उभरत गायक पंकज प्रवीण के आरोप बा कि मनोज भावुक अपना कुछ दोस्तन का साथ मिल के एगो एलबम निकाले के नांव पर उनुका संगे 55 हजार रुपया के धोखाधडी कइले। एह मामला पर पंकज प्रवीण से खास बातचीत रउरा भोजपुरिया डॉट कॉम पर पढ सकेनी।
कुछ दिन पहिले ले मनोज भावुक के नांव एगो उभरत भोजपुरी साहित्यकार का तौर पर लिहल जात रहे, आ इंटरनेट पर कई गो भोजपुरी वेबसाइटन पर ऊ काफी सक्रिय भी रहले ह। इंटरनेट पर उनकर प्रभाव के अहसास एही से लगावल जा सकेला कि खाली उनकर एगो व्यक्ति से निजी मतभेद भइला का वजह से उनकर मित्र लोग मिल के एगो वेबसाइट बंद करा दीहल। वइसे, कई वेबसाइटन के प्रिय गजलकार मनोज भावुक के असलियत जब दुनिया के सामने आ गइल बा, तब एह मामला में ओह वेबसाइटन के चुप्पी अपने आप में कई गो सवाल खडा क रहल बाटे। हर छोट-बड खबर के सबसे पहिले सामने ले आये के दावा करे वाली आ छोट-छोट मुद्दा पर तुफान खडा क देवे वाली ओह वेबसाइटन के एह मामला में शायद काठ मार गइल बा।
भोजपुरिया डॉट कॉम हमेशा निष्पक्ष भाव से सच के दुनिया के सामने ले आवेला, काहें कि हमनी का मानेनी जा कि अपना समाज के अंदर के बुराई के ढके के ना बल्कि ओकर इलाज करे के जरुरत बाटे, तबे समाज स्वस्थ रह सकी। मीडिया के मतलब रिश्ता निभावल ना, बल्कि सच के सामने ले आवल होला, शायद ई बात बहुत लोगन के नइखे पता। अगर कवनो जज के बेटा चाहे मित्र कवनो अपराध करी, त का ओकरा के ऊ जज सजा ना दी? सच कडवा भले हो सकेला, लेकिन ओकरा के तोपे (छूपाये) के जवन प्रयास हो रहल बा, ओहसे एह तरह के आपराधिक मानसिकता वाला लोग के आउर प्रोत्साहन मिली। वइसे हमरा पुरा विश्वास बा कि एह खबर के छपला के बाद भी कवनो वेबसाइट एह सच्चाई पर लिखे के साहस ना क सकी, ओह महापुरुष (?) के बारे में। लेकिन, आखिर सच के छुपा के कवनो वेबसाइट केतना दिन ले आपन अस्तित्व बचा पाई? एह सवाल के जबाब ओह वेबसाइटन के पाठकन के तलाशे के पडी, फिलहाल त अइसन शुभचिंतक वेबसाइटन का वजह से भोजपुरी के भविष्य दांव पर लागल बा।
निशा जी, 6 साल पहले कि जिस दुर्घटना का उल्लेख आप यहाँ कर रहीं हैं , उसके सन्दर्भ में आपको यह भी जानकारी होनी चाहिये कि इन आरोपों के खिलाफ मैंने लड़ाई लड़ी और अंततः अदालत द्वारा मुझे क्लीन चिट दिया गया।