जयपुर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत बुधवार को अलवर जिले के गहनकर गांव पहुंचे। यहां उन्होंने अपने जन्मदिन के अवसर पर 123 वर्षीय बाबा कमलनाथ महाराज से भेटकर आशीर्वाद लिया। सुबह करीब 11 बजे संत आश्रम पहुंचे भागवत का ग्राम विकास समिति ने अभिनंदन किया। इसके बाद भागवत ने बाबा कमलनाथ महाराज का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। भागवत ने कमलनाथ महाराज को शॉल ओढा श्रीफल भेट कर आध्यात्मिक एवं सामाजिक विषयों पर मंत्रणा की।
ज्ञात हो कि बाबा कमलनाथ कैंसर के उपचार के लिए विख्यात हैं। मूलरूप से बिहार के गोविंदपुर में 1896 को जन्मे बाबा कमलनाथ करीब 80 साल पहले तिजारा के जंगलों में आकर रहने लगे और 1965 में गहनकर गांव आए। 1980 के दशक में उन्होंने आश्रम की स्थापना की और पिछले करीब 30 सालों से आश्रम में रहकर लोगों को असाध्य रोगों की दवा दे रहे हैं। बाबा कमलनाथ नशा करने के प्रखर विरोधी हैं। आश्रम में प्रमुख रूप से कैंसर की दवा के अलावा मिर्गी, हार्ट अटैक, बीपी, टीबी के उपचार की जड़ी बूटियों से निर्मित दवाओं का वितरण होता है। बाबा कमलनाथ जनसेवा के तहत कई दशकों से निःशुल्क दवा वितरित कर रहे हैं। आश्रम में देश के कई राज्यों के अलावा विदेशों से भी लोग दवा लेने के लिए आते हैं। बाबा आश्रम में जड़ी बूटियों से कैंसर के मरीजों का निशुल्क उपचार करते हैं। कैंसर के उपचार के कारण बाबा की ख्याति देश-विदेश में फैली है।
आश्रम में अपने संक्षिप्त उदबोधन में सरसंघचालक डा. मोहनराव भागवत ने कहा कि हमारे समाज में बाबा कमलनाथ महाराज जैसे संत-महापुरूष मौजूद हैं। इनकी त्याग-तपस्या के चलते समाज जीवन के क्षेत्र में अनेकों परिवर्तन हुए हैं। ऐसे में समाज के सभी लोगों को ऐसे महापुरूषो के अनुभवों का लाभ लेना चाहिए। सरसंघचालक मोहन भागवत व बाबा कमलनाथ ने करीब आधा घंटे धार्मिक व सामाजिक विषयों पर चर्चा की।
इस दौरान अलवर सांसद बाबा बालकनाथ ने सरसंघचालक डा. भागवत व बाबा कमलनाथ को स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय गो सेवा प्रमुख शंकरलाल, क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास, सहक्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, प्रांत प्रचारक डा. शैलेन्द्र, विभाग प्रचारक मुकेश कुमार समेत प्रबुद्धजन व ग्रामीण मौजूद थे। सरसंघचालक ने जयपुर लौटते वक्त बहरोड में गोमाता को गुड खिलाकर आशीर्वाद लिया।